कक्षा 09वी सूचना प्रौद्योगिकी अध्याय 06 सूचना व संचार प्रौद्योगिकी के सामाजिक प्रभाव का संपूर्ण महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर CLASS 09Th Information Technology Social Impact of Information and Communication Technology All Questions and Answer in Hindi - ULTIMATE STUDY SUPPORT

कक्षा 09वी सूचना प्रौद्योगिकी सूचना व संचार प्रौद्योगिकी के सामाजिक प्रभाव अध्याय 06 माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का संपूर्ण महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर CLASS 09Th Information Technology Social Impact of Information and Communication Technology All Questions and Answer in Hindi - ULTIMATE STUDY SUPPORT





प्रश्न 1.
एक लेखक द्वारा किसी दूसरे लेखक की रचना अपने नाम से प्रकाशित करवाना कहलाता है –
(A) निजता
(B) प्रामाणिकता।
(C) सत्यनिष्ठता
(D) साहित्यिक चोरी
उत्तर:
(D) साहित्यिक चोरी
प्रश्न 2.
बौद्धिक सम्पदा संगठन की स्थापना कब हुई ?
(A) 1947
(B) 1950
(C) 1967
(D) 1986
उत्तर:
(C) 1967
प्रश्न 3.
भारत में कितने अधिनियम के अन्दर बौद्धिक सम्पदा अधिकार सुरक्षित किये गये हैं ?
(A) 6
(B) 7
(C) 8
(D) 10
उत्तर:
(C) 8
प्रश्न 4.
कौन सा रोजगार सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सम्मिलित है?
(A) डाटाबेस मैनेजर
(B) वेब डेवलपर
(C) सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर
(D) उक्त सभी
उत्तर:
(D) उक्त सभी
प्रश्न 5.
सर्वाधिक लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट कौन सी है –
(A) फेसबुक
(B) इन्स्टाग्राम
(C) ट्वीटर
(D) लिंक्ड इन
उत्तर:
(A) फेसबुक
 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
अधिकृत व्यक्ति द्वारा डाटा के उपर्योग के अधिकार को क्या कहते हैं?
उत्तर:
निजता।
प्रश्न 2.
कम्प्यूटर पर अधिकृत उपयोगकर्ता का पता कौन लगता है ?
उत्तर:
अधिप्रमाणन।
प्रश्न 3.
किसी लेखक द्वारा अन्य लेखक की रचना की नकल करना क्या कहलाता है ?
उत्तर:
साहित्यिक चोरी।
प्रश्न 4.
ICT के विस्तार के चलते आज पूरे विश्व को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर:
एक गाँव (ग्लोबल विलेज) का नाम दिया गया है।
प्रश्न 5.
साहित्यिक चोरी रोकने के लिए किसका उपयोग किया जाता है ?
उत्तर:
कॉपीराइट का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 6.
शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थी, शिक्षक या शोधार्थी द्वारा की गयी साहित्यिक चोरी को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
अकादमिक बेईमानी या शैक्षिक छल।
प्रश्न 7.
बौद्धिक सम्पदा संगठन की स्थापना कब हुई?
उत्तर:
सन् 1967 में।
प्रश्न 8.
ऐसे सॉफ्टवेयर को क्या कहा जाता है जिसका स्रोत कोड सबके लिए खुला हो ?
उत्तर:
मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर (Open Source Software)
प्रश्न 9.
ICT क्षेत्र के किसी एक रोजगार का नाम बताइए।
उत्तर:
ग्राफिक डिजाइनर।
प्रश्न 10.
सर्वाधिक लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट का क्या नाम है ?
उत्तर:
Facebook (फेसबुक)
 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ICT के विस्तार के चलते साहित्यिक चोरी क्यों बढ़ गई है ?
उत्तर:
साहित्यिक चोरी बढ़ने का मुख्य कारण है कि इन्टरनेट पर विभिन्न सामग्री जैसे लेख, ऑडियो, विडियो, प्रेजेंटेशन, फोटोग्राफ आदि बहुतायत से और बड़ी आसानी से उपलब्ध हैं। इस सामग्री की कॉपी करना, कट-पेस्ट करना एवं एडिट करना भी बड़ा आसान है, क्योंकि इन कार्यों के लिए अनेक सॉफ्टवेयर एवं टूल्स उपलब्ध हैं। इस कारण आजकल विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, पत्रकारों, लेखकों आदि में दूसरे के कार्य की नकल करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिला है।
प्रश्न 2.
शोधार्थी साहित्यिक चोरी किस प्रकार करते हैं ?
उत्तर:
शोध पत्र (Research Paper) तैयार करने के लिए कई शोधार्थी अनुचित तरीके से अध्ययन सामग्री जुटाते हैं। ये शोधार्थी इस अध्ययन सामग्री को संपादित या तोड़-मरोड़ कर उसे रिसर्च पेपर के साथ अटैच कर सबमिट कर देते हैं। शोधार्थी किसी सर्च इंजन या अन्य किताबों से अध्ययन सामग्री को कॉपी करते हैं तथा वहाँ से चुराकर उसे अपने रिसर्च पेपर के साथ सबमिट करते हैं। रिसर्च के अलावा प्रॉजेक्ट्स और थिसिस पेपर्स में भी ऐसा ही करते हैं।
प्रश्न 3.
साहित्यिक चोरी क्या है ?
उत्तर:
किसी लेखक द्वारा किसी दूसरे की भाषा, विचार, शैली आदि की अधिकांशतः नकल करते हुए अपने मौलिक कृति के रूप में प्रकाशन करना साहित्यिक चोरी (Plagiarism) कहलाती है। साहित्यिक चोरी तब मानी जाती है जब हम किसी के द्वारा लिखे गए साहित्य को बिना उसका सन्दर्भ दिए अपने नाम से प्रकाशित कर लेते हैं। इस प्रकार से लिया गया साहित्य अनैतिक माना जाता हैं।
प्रश्न 4.
आप अपने लेख में दूसरे लेख की सामग्री को उपयोग करना चाहते हैं तो आप क्या करेंगे ?
उत्तर:
दूसरे लेखक की सामग्री का पूर्ण अध्ययन करने के बाद उसमें निम्न समायोजन करते हैं जोकि इस प्रकार हैं –
शब्दों अर्थात् समानार्थी शब्दों को बदलना
मूल भाव बदले बिना भाषा को बदलना
चित्रों, सारणियों या ग्राफों का आवश्यकतानुसार हटाना या जोड़ना।
ये कार्य करके हम सामग्री को अपने लेख में उपयोग कर सकते हैं।
प्रश्न 5.
बौद्धिक सम्पदा का अधिकार क्या है ?
उत्तर:
यह किसी व्यक्ति द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, साहित्य अथवा कला के क्षेत्र में किए गए मौलिक बौद्धक कार्य करने के फलस्वरूप प्राप्त कानूनी अधिकार से है।
प्रश्न 6.
WIP0 का पूरा नाम बताओ।
उत्तर:
WIP0-World Intellectual Property Organisation.
प्रश्न 7.
TRIPS क्या है? इससे सम्बन्धित अधिनियम लिखिए।
उत्तर:
सन् 1995 में विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) Agreement on the Trade related aspect of intellectual property rithts (TRIPS) या ट्रिप्स, इस संगठन का एक समझौता है। सारे देश जो विश्व व्यापार संगठन के सदस्य हैं, उन्हें इसे मानना है तथा अपने कानून इसी के मुताबिक बनाने हैं। हम भी बौद्धिक सम्पदा अधिकार से सम्बन्धित कानूनों को इसी के कारण बदल रहे हैं ताकि वह ट्रिप्स मुताबिक हो जाये। भारत में निम्न आठ अधिनियम के अन्दर बौद्धिक सम्पदा अधिकार सुरक्षित किये गये हैं –
The Biological Diversity Act, 2002.
The Copyright Act, 1957.
The Design Act, 2000.
The Geographical Indications of Good (Registration and Protection) Act, 1999.
The Patents Act, 1970.
The Protection of Plant Varieties and Farmer’s Rights Act, 2001.
The Semiconductor Integrated Circuits Layout Design Act, 2000.
The Trade Marks Act, 1999.
प्रश्न 8.
बौद्धिक सम्पदा के अधिकार की उपयोगिता बताओ।
उत्तर:
किसी व्यक्ति अथवा संस्था विशेष को अपने द्वारा रचित अथवा किए गए मौलिक कौशल कार्य का लाभ लेने का अधिकार होता है। अतः रचयिता को इस बात का निर्णय लेने का अधिकार होता है कि उसके कार्य को कहाँ और कैसे उपयोग में लिया जाए। बौद्धिक सम्पदा अधिकार मौलिक तथा उत्पादक कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। तथा नकल या चोरी करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाता है। बौद्धिक सम्पदा अधिकार के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण, हेतु संयुक्त राष्ट्र द्वारा जिनेवा में 1967 में विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (WIPO) की स्थापना की गयी।
प्रश्न 9.
ICT के क्षेत्र में आज अधिक रोजगार की सम्भावनाएँ क्यों हैं ?
उत्तर:
यह क्षेत्र आज लगभग सभी विभागों में मर्ज हो गया है, जैसे-पुलिस, सेना, शिक्षा, उद्योग, सेवा केन्द्र आदि।। सभी क्षेत्रों में तथा देश-विदेशों में ICT का फैलाव होने के कारण इसमें अधिक रोजगार की सम्भावनाएँ हैं। इसका दूसरा कारण यह भी है कि इसमें अनेक स्तरों से प्रवेश किया जा सकता है।
प्रश्न 10.
सोशल मीडिया की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
ऐसी वेबसाइट और एप्लेिकशंस जो उपयोक्ताओं को सामग्रियाँ तैयार करने और उसे साझा करने में समर्थ बनाये या सोशल नेटवर्किंग में हिस्सा लेने में समर्थ करे उसे सोशल मीडिया कहा जाता है। सोशल मीडिया लोगों के बीच सामाजिक विमर्श है जिसके तहत वे परोक्ष समुदाय व नेटवर्क पर सूचना तैयार करते हैं, उन्हें शेयर (साझा) करते हैं या आदान-प्रदान करते हैं। कुल मिलाकर सोशल मीडिया या सोशल नेटवर्किंग साइट्स ऐसा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है। जिसके जरिये लोग उक्त माध्यम में शामिल सदस्यों के साथ विचारों (इसमें तस्वीरें और वीडियो भी शामिल है) को आदान-प्रदान कर सकते हैं।
 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
साहित्यिक चोरी क्या है ? इसे कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर:
साहित्यिक चोरी-अमेरिकन हेरिटेज डिक्शनरी में साहित्यिक चोरी को ऐसे परिभाषित किया है”किसी अन्य लेखक के विचारों तथा भाषा का अनाधिकृत उपयोग या नकल करके उसको अपनी मूल कृति के रूप में प्रस्तुत करना।” इस प्रकार साहित्यिक चोरी का अर्थ शब्द दर शब्द दूसरे के काम की पूरी नकल करना ही नहीं है, बल्कि उसकी करीबी नकल भी है। आप जो भी लिखें वह अपने ही शब्दों में और उसके स्रोत भी साथ में दीजिये। आप उसकी एक ऐसी संक्षिप्त व्याख्या अपने शब्दों में लिख सकते हैं, जो कि मूल पाठे को ही दूसरे शब्दों में लिखने जैसा न लगे।
साहित्यिक चोरी रोकने के उपाय –
जानकारी अनेक स्रोतों से प्राप्त करें – यदि केवल एक स्रोत पर ही निर्भर करेंगे, जैसे-दास प्रथा के संदर्भ में कोई पुस्तक-संभावना यह है कि आप जाने-अनजाने में नकल या साहित्यिक चोरी कर ही बैठेंगे। यदि आप दासत्व के संबंध में तीन पुस्तकों को पढ़ें, एक प्रामाणिक एवं दो मूल स्रोत, तब अनजाने में साहित्यिक चोरी की संभावना बहुत कम हो जाएगी।
स्वयं को विषय कई बार बताइये – असल बात है सामग्री को समझ पाना तथा उसका अर्थ अपने शब्दों में बताने की योग्यता। दूसरे लेखक की सामग्री बहुत ध्यान देकर मत पढ़िये अन्यथा आपको झुकाव लेखक के वक्तव्य को ही फिर से कह देने का हो जाएगा।
अपने उद्धरणों और स्रोतों का संदर्भ दें – आपको अपने लेख में संदर्भ सूची या उद्धृत कार्यों का विवरण अवश्य सम्मिलित करना चाहिए। यदि आप किसी लेखक के कार्य से कोई उद्धरण पूरा-पूरा ले लेते हैं, तब आपको उस उद्धरण का संदर्भ अवश्य देना चाहिए।
ऊद्धरण चिह्न डालकर (यदि वास्तविक उद्धरण का उपयोग किया गया हो) तथा उद्धरण के या उसे स्रोत की बात की संक्षिप्त व्याख्या के तुरंत बाद, स्रोत के संदर्भ को देकर।
प्रश्न 2.
बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) बौद्धिक रचनाओं, कलात्मक और वाणिज्यिक, दोनों और उससे सम्बन्धित कानूनी क्षेत्रों पर विविध प्रकार के कानूनी एकाधिकार हैं। बौद्धिक संपदा कानून के तहत मालिकों को विभिन्न अमूर्त संपत्तियों, जैसे संगीत संबद्ध, साहित्यिक और कलात्मक, विचार, खोज और आविष्कार तथा शब्द, वाक्यांश, प्रतीक और डिज़ाइनों के संदर्भ में कुछ विशेष अधिकार प्रदान किये गये हैं। सामान्य प्रकार की बौद्धिक संपदा में शामिल हैं, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, पेटेंट, औद्योगिक डिजाइन अधिकार आदि। बौद्धिक संपदा अधिकार, मानसिक रचनाएँ, कलात्मक और वाणिज्यिक, दोनों के संदर्भ में विशेष अधिकारों के समूह हैं।
प्रथम अधिकार कॉपीराइट कानूनों से आवृत हैं, जो रचनात्मक कार्यों, जैसे पुस्तकें, फ़िल्में, संगीत, पेंटिंग, छाया चित्र और सॉफ्टवेयर के संरक्षण प्रदान करता है और कॉपीराइट अधिकार-धारक को एक निश्चित अवधि के लिए पुनरुत्पादन पर या उसके रूपांतरण पर नियन्त्रण का विशेष अधिकार देता है। दूसरी श्रेणी, सामूहिक रूप से “औद्योगिक सम्पत्ति के रूप में जानी जाती है, क्योंकि इनका उपयोग विशिष्ट रूप से औद्योगिक या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है।
पेटेंट एक नए, उपयोगी और अस्पष्ट आविष्कार के लिए दिया जा सकता है और पेटेंट धारक को दूसरों को आविष्कारक द्वारा बिना लाइसेंस दिए एक निश्चित अवधि के लिए आविष्कार के अभ्यास से रोकने का अधिकार प्रदान करता है। ट्रेडमार्क एक विशिष्ट चिह्न है, जिसका प्रयोग बाज़ार में उत्पादों के बीच भ्रांतियों को रोकने के लिए किया जाता है। प्रशासनिक ढाँचे को मजबूत बनाने के लिए कई प्रकार के वैधानिक उपाय किए गए हैं।
इनमें ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999; वस्तुओं का भौगोलिक निदर्शन (पंजीकरण एवं सुरक्षा) अधिनियम, 1999; डिजाइन अधिनियम, 2000; पेटेण्ट अधिनियम, 1970 और इसमें वर्ष 2002 और 2005 में किए गए संशोधन; भारतीय कॉपीराइट अधिनियम, 1957 और इसका संशोधन कॉपीराइट (संशोधन) अधिनियम, 1999; अर्द्धचालक एकीकृत परिपथ ले आउट डिजाइन अधिनियम, 2000; तथा पौधों की किस्मों और कृषक अधिकारों का संरक्षण अधिनियम, 2001।
प्रश्न 3.
सोशल मीडिया के उपयोग के लाभ से हानियाँ बताइए।
उत्तर:
सोशल मीडिया-सोशल मीडिया या सोशल नेटवर्किंग साइट्स ऐसा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है जिसके जरिये लोग उस माध्यम में शामिल सदस्यों के साथ विचारों (इसमें तस्वीरें और वीडियो भी शामिल है) का आदान-प्रदान कर सकते हैं। सोशल मीडिया के उपयोग के लाभ-सोशल मीडिया यानी फेसबुक, ट्वटर, फ्लिकर, लिंक्ड-इन, ब्लॉग्स और वे तमाम इंटरनेटी माध्यम जिनके जरिए आप अपने विचार-तस्वीरें सार्वजनिक करते हैं। कुछ लोग इसका इस्तेमाल प्रचार के लिए करते हैं, तो कुछ नेटवर्क बढ़ाने के लिए।
कुछ के लिए सोशल मीडिया परिजनों और मित्रों से जुड़े रहने तथा उनके साथ तस्वीरें साझा करने का माध्यम है, तो कुछ के लिए यह बिजनेस बढ़ाने का जरिया। सोशल मीडिया कॅरिअर और कारोबार के विस्तार में सहायक होता है तथा आपके व्यक्तित्व को नई मजबूती और खूबियाँ भी दे सकता है। सोशल मीडिया के उपयोग की हानियाँ-सोशल मीडिया के जरिये आपराधिक गतिविधियों को भी अंजाम दिये जाने लगा है। आपराधिक प्रवृत्ति के लोग येन-केन-प्रकारेण दूसरों के अकाउंट्स को हैक कर आपत्तिजनक तस्वीरें और अन्य सामग्रियाँ डालकर दुश्मनी निकाल रहे हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के ज्यादा इस्तेमाल करने से लोग को इसका नश लग जाता है और वे अपने परिवार के प्रति प्रतिबद्धता छोड़कर घंटों कम्प्यूटर या मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं। इसके इस्तेमाल से लोग से असल समाज अलग-थलग पड़ जाते हैं। इसका असर यह होता है कि । उनमें सामाजिक गुणों का विकास नहीं हो पाता है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया में लोग अधिक व्यस्त रहते हैं, जिससे वे आउटडोर एक्टिविटी नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा अधिक देर तक बैठे रहने के कारण कई तरह की शारीरिक बीमारियाँ भी हो जाया करती हैं।
प्रश्न 4.
ICT व रोजगार पर लेख लिखिए।
उत्तर:
सूचना क्रांति का प्रभाव हमारे समाज पर स्पष्ट देखा जा सकता है। ICT ने हमारे समाज को सक्रिय व जागरूक बना दिया है। आज हमारे कार्य करने का तरीका बदल चुका है। इन्टरनेट के माध्यम से आज हम ई-मेल, ऑडियो-वीडियो, चैटिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि के द्वारा जुड़ गए हैं। आज हम पानी, बिजली, टेलीफोन आदि के बिलों का भुगतान घर बैठे कर रहे हैं। घर बैठे ही मनचाही वस्तु की खरीद कर रहे हैं तथा बस, ट्रेन, एयरोप्लेन आदि में रिजर्वेशन करवा रहे है। ICT ने समाज के प्रत्येक वर्ग को रोजगार के बहुत अधिक अवसर उपलब्ध करवाए हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में रोजगार (Careers in Information Technology) वर्तमान युग सूचना क्रांति का युग है।
सूचना प्रौद्योगिकी का जिस प्रकार मानवता के उत्थान और विकास के लिए प्रयोग किया जा रहा है, यही कारण है कि यदि कोई व्यक्ति अपने जीवनयापन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को अपने रोजगार के रूप में चयन करता है तो उसके पास अनेक विकल्प मौजूद होते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी को रोजगार के रूप में चयन करने के लिए किसी विषय विशेष का चयन करने की सीमा बंधन नहीं है। सामान्यतः सभी विषय के लोग अपनी अभिरुचि तथा कम्प्यूटर का ज्ञान प्राप्त कर सूचना प्रौद्योगिकी को रोजगार के रूप में चयन कर सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी में जीवन वृत्ति के लिए उपलब्ध अनगिनत विकल्पों में कुछ निम्न प्रकार हैं –
ग्राफिक डिजाइनर (Graphic Designer)
वेब पेज डिजाइनर (Web Page Designer)
एनिमेटर (Animator)
डेस्कटॉप पब्लिशिंग (Desktop Publishing)
नेटवर्क मैनेजर (Network Manager)
नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर (Network Administrator)
प्रोग्रामर (Programmer)
सिस्टम एनालिस्ट (System Analyst)
कम्प्यूटर ऑपरेटर (Computer Operator)
कम्प्यूटर टेक्निशियन (Computer Technician)
कम्प्यूटर इंजीनियर (Computer Engineer)
सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer)
डाटाबेस मैनेजर (Database Manager)
डाटा एंट्री ऑपरेटर (Data Entry Operator)
वेब डवलपर (Web Developer)
सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर (System Administrator)
वेब प्रोग्राम (Web Programmer)
वेब मास्टर (Web Master)
प्रश्न 5.
टिप्पणियाँ लिखिए –
1. निजता,
2. प्रामाणिकता,
3. सत्यनिष्ठा
उत्तर:
1. निजता (Secrecy) – इसे गोपनीयता भी कहा जा सकता है। निजता अथवा गोपनीयता से तात्पर्य अधिकृत व्यक्ति द्वारा ही डाटा के उपयोग के अधिकार से है। किसी भी व्यक्ति को डाटा पढ़ने अथवा उसमें परिवर्तन करने के लिए अधिकृत किया जा सकता है। किसी व्यक्ति को यदि केवल डाटा पढ़ने के लिए ही अधिकृत किया गया है तो वह डाटा में कोई परिवर्तन नहीं कर सकता।
2. अधिप्रमाणन (Authentication) – अधिप्रमाणन (Authentication) से अभिप्राय जिस व्यक्ति से आप संपर्क कर रहे हैं, उसे अपने बारे में कोई भी सूचना देने या उसके साथ व्यापारिक सौदा तय करने से पहले, उसके। सम्बन्ध में सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करना। अधिकृत करने से पूर्व यह आवश्यक है कि किसी स्रोत द्वारा आप उस व्यक्ति को पहचान की सत्यता का पता लगा लें। यह एक प्रकार की सुरक्षा का ही तरीका है। इस तरीके का प्रयोग कर ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा व्यक्ति के अधिकृत उपयोगकर्ता होने का पता लगाया जा सकता है।
3. सत्यनिष्ठता (Integrity) – सत्यनिष्ठा से अभिप्राय है। कि जो डाटा प्राप्तकर्ता (Receiver) तक पहुँचता है वह उसी रूप में होना चाहिए, जिस रूप में उसे भेजा गया था। डाटा संचरण के समय उसमें संयोगवश किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होना चाहिए। इन्टरनेट पर जितना अधिक मुद्रा का विनिमय होता है, प्रामाणिकता उतनी ही कठिन हो जाती है। कम्प्युटर के कक्ष को उपयोगकर्ता की पहचान के सत्यापन के उचित प्रबंधन द्वारा इसकी सुरक्षा के खतरे को कम किया जा सकता है।
 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
 बहुचयनात्मक प्रश्न 
प्रश्न 1.
WTO की स्थापना कब हुई –
(अ) 1993
(ब) 1994
(स) 1995
(द) 1996
उत्तर:
(स) 1995
प्रश्न 2.
WIPO का मुख्यालय कहाँ स्थित है –
(अ) अमेरिका
(ब) जेनेवा
(स) बैंकाक
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(ब) जेनेवा
प्रश्न 3.
वर्ष 2013 में सोशल साइट्स पर आपत्तिजनक सामग्रियाँ डालने से सम्बन्धित कितने मामले दर्ज हैं –
(अ) 1103
(ब) 1203
(स) 1303
(द) 1403
उत्तर:
(ब) 1203
प्रश्न 4.
निजता से सम्बन्धित निम्न में सत्य कथन छाँटिए
(अ) इनमें कोई व्यक्ति डाटा पढ़ सकता है।
(ब) इसमें व्यक्ति डाटा संशोधित कर सकता है।
(स) दोनों (अ) तथा
(ब) सत्य हैं
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(अ) इनमें कोई व्यक्ति डाटा पढ़ सकता है।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
WIPO के सदस्यों की कुल संख्या क्या है ?
उत्तर:
184
प्रश्न 2.
WIPO कुल कितनी संधियों का संचालन करता है ?
उत्तर:
24
प्रश्न 3.
बौद्धिक सम्पदा अधिकारों को किन दो अन्य क्षेत्रों में सुरक्षित किया गया है ?
उत्तर:
ट्रेड सीक्रेट तथा संविदा कानून।
प्रश्न 4.
वर्ष 2013 में देशभर में सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट और इंडियन पैनल कोड की धाराओं के अन्तर्गत कुल कितने मामले दर्ज किए जा चुके हैं ?
उत्तर:
5212 मामले।
प्रश्न 5.
फेसबुक अकाउण्ट खेलने के लिए न्यूनतम उम्र कितनी होनी चाहिए?
उत्तर:
13 वर्ष
 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का बौद्धिक सम्पदा अधिकार से कैसा सम्बन्ध है ? समझाओ।
उत्तर:
मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर (Open Source Software) का बौद्धिक सम्पदा अधिकार से अलग तरह का सम्बन्ध है। ओपन सोर्स ऐसे सॉफ्टवेयर को कहा जाता है जिसको स्रोत कोड (Source Code) सभी के लिये खुला हो। ऐसे सॉफ्टवेयर का कोड कोई भी व्यक्ति संशोधित कर उसके विकास में योगदान दे सकता है या स्वयं अपने काम में इसका नि:शुल्क उपयोग कर सकता है।
प्रश्न 2.
विश्व में प्रमुख सोशल नेटवर्किंग साइट्स के यूजर्स का (लगभग) आँकड़ा दीजिए।
उत्तर:
विश्वभर में लगभग 200 सोशल नेटवर्किंग साइट्स हैं जिनमें फेसबुक, ट्वीटर, आर्कुट, माईस्पेस, लिंक्डइन, फ्लिकर, इंस्टाग्राम (फोटो, वीडियो शेयरिंग साइट्स) सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। एक सर्वे के मुताबिक विश्वभर में लगभग 1 अरब 28 करोड़े फेसबुक यूजर्स (फेसबुक इस्तेमाल करने वाले) हैं। वहीं, विश्वभर में इंस्ट्राग्राम यूजरों की संख्या 15 करोड़, लिंक्डइन यूजरों की संख्या 20 करोड़ माईस्पेस यूजरों की संख्या 3 करोड़ और ट्वीटर यूजरों की संख्या 9 करोड़ है।
 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सोशल मीडिया एडिक्ट पर एक निबन्ध लिखिए।
अथवा
“सोशल मीडिया एक व्यक्ति के लिए एक खतरनाक बीमारी का रूप ले सकता है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सोशल साइट्स के इस्तेमाल के मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी खतरनाक हैं। मनोरोग चिकित्सकों का कहना है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स के ज्यादा इस्तेमाल करने से लोगों को इसका नशा लग जाता है और वे अपने परिवार के प्रति प्रतिबद्धता छोड़कर घंटों कम्प्यूटर या मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं। सोशल मीडिया एक परोक्ष माध्यम है। इसके इस्तेमाल से लोग परोक्ष रूप से तो लोगों से जुड़े रहते हैं। लेकिन वो जो असल समाज है उससे वे अलग-थलग पड़ जाते हैं। इसका असर यह होता है कि उनमें सामाजिक गुणों का विकास नहीं हो पाता है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया में लोग अधिक व्यस्त रहते हैं जिसे वे आउटडोर एक्टिविटी नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा अधिक देर तक बैठे रहने के कारण कई तरह की शारीरिक बीमारियाँ भी हो जाती हैं। सोशल मीडिया एडिक्शन के भी मामले खूब सामने आ रहे हैं।
ऐसे कुछ मरीज 10 से 12 घंटे इंटरनेट पर बिताते हैं। यह नशा इतना सिर चढ़कर बोलता है कि वे अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं। उनके परिवार वाले जब इसका विरोध करते हैं तो वे आक्रामक हो जाते हैं और तो और अगर इंटरनेट ठीक से काम नहीं करता है तो वे गुस्से में आकर घर के सामान भी तोड़ने लगते हैं। अनेक नगरों में सोशल मीडिया एडिक्ट के इलाज के लिए डी-एडिक्शन सेंटर खुल गए हैं। इससे स्पष्ट है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल अब बीमारी का रूप ले रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सोशल मीडिया आज लोगों के लिए बहुत ही आवश्यक हो गया है लेकिन इसका जो दूसरा पहलू है उससे बचने की जरूरत है क्योंकि जब किसी भी चीज का दुरुपयोग होने लगता है तो वो वरदान नहीं अभिशाप बन जाती है।

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