कक्षा 09वी सूचना प्रौद्योगिकी अध्याय 06 माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का संपूर्ण महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर CLASS 09Th MICROSOFT WINDOWS All Questions and Answer in Hindi - ULTIMATE STUDY SUPPORT

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा वर्ड प्रोसेसर है?
(अ) माइक्रोसोफ्ट वर्ड
(ब) वर्ड स्टार
(स) वर्ड परफैक्ट
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
वर्ड प्रोसेसर में कर सकते हैं –
(अ) अक्षरों के आकार को छोटा-बड़ा
(ब) पेज में हैडर-फुटर डाल सकते हैं।
(स) शब्दों की स्पैलिंग की जाँच
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 3.
रूलर काम आती है –
(अ) अक्षरों को गहरा करने के
(ब) पेज का मार्जिन निश्चित करने के
(स) पेजों को आगे-पीछे करने के
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(ब) पेज का मार्जिन निश्चित करने के
प्रश्न 4.
हैडर के लिए स्थान होता है –
(अ) पेज के मध्य में
(ब) पेज के ऊपरी हिस्से पर
(स) पेज के निचले हिस्से पर
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) पेज के ऊपरी हिस्से पर
प्रश्न 5.
पेज की आकृति (Orientation) हो सकती है –
(अ) पोट्रेट
(ब) लैण्डस्केप
(स) उपरोक्त दोनों
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) उपरोक्त दोनों
प्रश्न 6.
चित्रात्मक प्रस्तुतीकरण हेतु उपयोगी है –
(अ) एक्सेस
(ब्र) एक्सेल
(स) पावर पॉइन्ट
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(स) पावर पॉइन्ट
प्रश्न 7.
स्लाइड लेआउट मुख्यतः………….प्रकार के होते हैं –
(अ) 4
(ब) 8
(स) 11
(द) 9
उत्तर:
(अ) 4
प्रश्न 8.
पूर्व संधारित प्रस्तुतीकरण की सहायता से प्रस्तुतीकरण तैयार करने हेतु निर्देश हैं –
(अ) Blank Presentation
(ब) Template
(स) अ व ब दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) अ व ब दोनों
प्रश्न 9.
प्रस्तुतीकरण में प्रयुक्त स्लाइड्स के लघु चित्र क्रमानुसार देखने हेतु निर्देश हैं –
(अ) Slide Shorter
(ब) Template.
(स) Slide Show
(द) Wizard
उत्तर:
(अ) Slide Shorter
प्रश्न 10.
Delete Slide विकल्प उपलब्ध होता है –
(अ) File मेनू में
(ब) Format मेनू में
(स) Edit मेनू में
(स) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(स) Edit मेनू में
 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वर्ड प्रोसेसर की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
वर्ड प्रोसेसर एक ऐसा प्रोग्राम अथवा सॉफ्टवेयर होता है जो वर्ड अर्थात शब्दों पर प्रोसेस अर्थात कार्य करता है। यह ऑफिस कार्य के लिए एक अत्यन्त उपयोगी टूल है।
प्रश्न 2.
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में फाइल को भण्डारित (सुरक्षित) करने के लिए शॉर्टकट कुंजी क्या है ?
उत्तर:
फाइल को भण्डारित (Save) करने का अर्थ फाइल को द्वितीयक स्मृति (Secondary Memory) पर भण्डारित करने से है। भण्डारित करने के लिए कुंजी पटल परे Ctrl + S कुंजियाँ दबाएँ।।
प्रश्न 3.
सुपरस्क्रिप्ट व सबस्क्रिप्ट किसे कहते हैं ?
उत्तर:
शब्दों को टाइप करते समय अक्षरों को पंक्ति के नीचे या पंक्ति के ऊपर लिखने को सुपरस्क्रिप्ट व सबस्क्रिप्ट कहते हैं। जैसे –
x2 + Y2 + 2XY = (X + Y)2 यहाँ X की घात 2, Y की घात 2 एवं (x + Y) की घात 2 तीनों घातें पंक्ति के अक्षरों के ऊपर लिखी गई है। इन्हें हम सुपरस्क्रिप्ट कहते हैं। इसी प्रकार- 2H2 + O2 → 2H2O समीकरण में H के आगे लिखा गया 2, O के आगे लिखा गया 2, तथा 2H2Oमें H व O के बीच में लिखा गया 2 तीनों पंक्ति के अक्षरों के नीचे लिखे गये है। इन्हें हम सबस्क्रिप्ट कहते हैं।
प्रश्न 4.
हैडर एवं फुटर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हैडर उस सूचना को कहा जाता है जो हमारी फाइल को प्रत्येक पेज के ऊपर प्रदर्शित है। जैसे किसी किताब के प्रत्येक पेज पर किताब का नाम अथवा पाठ का नाम लिखा जाता है। फुटर उस सूचना को कहते हैं जो फाइल के प्रत्येक पेज के नीचे (फुटर पर) प्रदर्शित होती है। जैसे किसी फाइल के फुटर पर फाइल का नाम प्रिन्ट कर दें तो सभी पेजों पर फुटर या प्रिन्टेड कागज देखकर यह मालूम पड़ जायेगा कि यह पेज किस फाइल से है।
प्रश्न 5.
प्रिन्ट प्रिव्यू की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर:
प्रिन्ट प्रिव्यू में पेज सेटअप व्यू को देख सकते हैं। इसमें मार्जिन बदलना, चित्रों को सही स्थान पर लगाना आदि कार्य सम्पन्न कर सकते हैं।
प्रश्न 6.
स्लाइड से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
पॉवर पॉइन्ट का यह पहला विकल्प है इस पर क्लिक करने पर पूरी स्लाइड मॉनीटर की स्क्रीन पर दिखाई देती है। स्लाइड्स में शीर्षक (Titles), टैक्स्ट (Text), ग्राफ (Graphs), आकृतियाँ (Drawing), क्लिपआर्ट (Cliparts) आदि का उपयोग होता है। स्लाइड श्वेत-श्याम (Black & white) अथवा रंगीन (Colour) हो सकती है।
प्रश्न 7.
स्लाइड लेआउट कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रस्तुतीकरण के लिए विभिन्न तरीके से स्लाइड्स का निर्माण किया जाता है। कुछ स्लाइड्स में हमें सिर्फ टैक्स्ट ही प्रदर्शित करना होता है तो कुछ में हमें टैक्स्ट्स के साथ में कन्टेन्ट्स भी दर्शाने होते हैं। कई बार टैक्स्ट्स के साथ चार्ट, क्लिपआर्ट्स, मीडिया क्लिप्स, टेबल या संगठनात्मक चार्ट (Organization Chart) भी दिखाने होते हैं। मुख्यतः चार प्रकार के स्लाइड्स लेआउट्स होते हैं –
टैक्स्ट लेआउट्स
कन्टेन्ट लेआउट्स
टैक्स्ट एवं कन्टेन्ट लेआउट्स
अन्य लेआउट्स
प्रश्न 8.
Rehearse Timing से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
प्रस्तुतीकरण में प्रत्येक प्रस्तुति दृश्य के लिए अलग-अलग समय का निर्धारण किया जा सकता है। Rehearse Timing से हम एक-एक स्लाइड के लिए समय तय कर सकते हैं। इस विकल्प के द्वारा समय तय करने हेतु एक डॉयलाग बॉक्स आता है जिसमें Play बटन दबाते ही समय शुरू होता है। जितने सेकण्ड या मिनट हमें प्रस्तुती को देना है उतने समय बाद हम Stop बटन दबा देंगे। टाइमर इसमें चलता रहेगा। इस तरह पूरे प्रस्तुतीकरण का कुल समय भी हम तय कर सकते हैं। यदि सभी स्लाइड को समान समय देना है तो वह भी सम्भव है।
प्रश्न 9.
स्लाइड में चित्र कैसे Insert करते हैं ?
उत्तर:
इसके लिए Insert Picture विकल्प का प्रयोग करते हैं। इस विकल्प का प्रयोग करने पर स्क्रीन पर Insert Picture डॉयलॉग बॉक्स प्रदर्शित होता है। इस डॉयलॉग बॉक्स में से वांछित चित्र की फाइल को चुनकर OK बटन पर क्लिक करने पर वर्तमान प्रस्तुति की उस प्रस्तुति, जो कि इस समय स्क्रीन पर प्रदर्शित हो रही है, में Insert हो जाती है।
 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वर्ड प्रोसेसर से आप क्या समझते हैं ? किसी वर्ड प्रोसेसर में सामान्यतः क्या-क्या सुविधाएँ होती हैं ?
उत्तर:
वर्ड प्रोसेसर-ऑफिस सम्बन्धी कार्य कम्प्यूटर पर करने हेतु जो प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर होगा उसे हम साधारणतः वर्ड प्रोसेसर कह सकते हैं। आजकल जो वर्ड प्रोसेसर बाजार में उपलब्ध हैं उनमें इनके अतिरिक्त बहुत सी सुविधाएँ होती हैं। अत: वर्ड प्रोसेसर एक ऐसा प्रोग्राम अथवा सॉफ्टवेयर होता है जो वर्ड अर्थात शब्दों पर प्रोसेस अर्थात कार्य करता है। एक साधारण वर्ड प्रोसेसर में निम्न सुविधाएँ होनी चाहिए
फाइल बनाने व उसे भण्डारित (save) करने की क्षमता।
अक्षरों के आकार रंग, फोन्ट, स्टाइल आदि बदलने की क्षमता।
अक्षरों को गहरा, तिरछा, नीचे लाइन खींचना आदि करने की क्षमता।
शब्दों को व्याकरण के अनुसार जाँचने व सही करने की क्षमता।
पेज पर हैडर, फुटर, मार्जिन, लाइन और गद्यांश (पैराग्राफ) के बीच की जगह कम-ज्यादा करने की क्षमता।
अक्षरों को सुपरस्क्रिप्ट (AB) व सबस्क्रिप्ट (CD) आदि प्रकार से लिखने की क्षमता।
विशेष प्रकार के चिह्न, चित्र, क्रमांक संख्या आदि डाल सकने की क्षमता।
पेज प्रिन्ट करने से पूर्व देखने व पेज प्रिन्ट करने की। क्षमता।
सारणी (पंक्ति व स्तम्भ के रूप में) बनाना व उन पर कार्य करने की क्षमता।
फाइल के एक भाग को हटाना, दूसरी जगह डालना आदि साधारण कार्य करने की क्षमता।
दो फाइलों को मिलाकर प्रिन्ट करना (Mail Marge) आदि।
प्रश्न 2.
पेजों पर हैडर तथा फुटर डालने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर:
हैडर या फुटर डालने की विधि मैन्यू बार पर स्थित View मैन्यू में से Header and Footer विकल्प का चयन करें। वर्ड वर्तमान हैडर को स्क्रीन पर डोटेड लाइन के बीच में तथा Header and Footer टूल बार को स्क्रीन पर प्रदर्शित कर देता है। हैडर से फुटर पर जाने के लिए Header and Footer टूल बार का प्रयोग करते हैं। Header and Footer टूल बार पर स्थित टूल्स का प्रयोग इस प्रकार करते हैं
Switch between Header and Footer – हैडर से फुटर अथवा फुटर से हैडर पर जाने के लिए।
Show Previous Header and Footer – 41567 के पिछले भाग के हैडर अथवा फुटर पर जाने के लिए।
Show Next – फाइल के आगे वाले भाग के हैडर व फुटर पर जाने के लिए।
Same as Previous – फाइल के वर्तमान भाग का हैडर व फुटर को फाइल के पुराने भाग के हैडर व फुटर की तरह रखने के लिए।
Insert Page Number – हैडर व फुटर पर स्थित कर्सर के स्थान पर आज की दिनांक डालने के लिए।
Insert Date – हैडर व फुटर पर स्थित कर्सर के स्थान पर वर्तमान दिनांक डालने के लिए।
Insert Time – हैडर व फुटर पर स्थित कर्सर के स्थान पर वर्तमान समय डालने के लिए।
Page Setup – पेज सेटअप डायलॉग बॉक्स में पेज प्रारूप दिखाने के लिए।
Show/Hide Document Text – हैडर व फुटर पर कार्य करते समय फाइल के शब्दों को दिखाने या छुपाने के लिए।
प्रश्न 3.
किसी भी पेज को प्रिन्ट करने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर:
प्रिन्टिंग करने के लिए जिस फाइल के पेज प्रिन्ट करना चाहते हैं उसे खोल लें। उसके बाद कुंजी पटल पर Ctrl + P कुंजियाँ दबायें अथवा फाइल मैन्यू में स्थित Print विकल्प का चयन करें। ऐसा करने पर वर्ड एक प्रिन्ट डायलॉग बॉक्स प्रदर्शित करेगा। इस भाग में तीन विकल्प हैं। इस प्रिन्ट डायलॉग बॉक्स के Page Range भाग में हमें यह बताना होता है कि फाइल के किस-किस पेज को प्रिन्ट करना है।
(1) All – इस विकल्प का प्रयोग तब करते हैं जब फाइल के सभी पेज प्रिन्ट करने हों।
(2) Current – इस विकल्प का प्रयोग तब करते हैं जब हमें जिस पेज पर कर्सर हो, केवल उस पेज को ही प्रिन्ट करना हो।
(3) Page – इस विकल्प को प्रयोग तब करते हैं जब फाइल के कुछ पेज प्रिन्ट करने हैं। उन पेजों का क्रमांक हमें इस विकल्प के आगे टाइप करना होता है। यदि एक से अधिक लगातार पेज हो तो उनके मध्य डेश (-) चिह्न लगाते हैं तथा लगातार न हो तो कोमा (,) लगाते हैं।
उदाहरण –
Pages 8 केवल पेज संख्या 8
Pages 4-7 पेज संख्या 4, 5, 6 व 7
Pages 2, 5, 9 पेज संख्या 2, 5, तथा 9
Pages 3-5, 9, 12-14 पेज संख्या 3, 4, 5, 9, 12, 13, 14 प्रिन्ट डायलॉग बॉक्स के Copies भाग के Number of Copies विकल्प में हमें यह बताना होता है कि प्रत्येक पेज की कितनी प्रतियाँ निकाली हैं। इस विकल्प के आगे प्रतियों की संख्या टाइप करें। अन्त में OK बटन पर क्लिक करें। इस प्रकार फाइल के किसी भी पेज की आवश्यकतानुसार प्रतियों की प्रिन्टिंग निकाली जा सकती है।
प्रश्न 4.
सारणी बनाने की विधि का वर्णन करो। उत्तर-सारणी बनाने की विधि
कर्सर को उस स्थान पर लायें जहाँ पर सारणी बनानी है।
स्टेंडर्ड टूल बार स्थित Insert Table टूल पर क्लिक करें। वर्ड एक सारणी प्रारूप प्रदर्शित करेगा।
इस सारणी प्रारूप के ऊपरी व बायें कोने पर माउस पॉइन्टर लाकर माउस बटन दबाते हुए दार्थी व नीचे की ओर ड्रग करें। वर्ड इस प्रारूप में चयन किये गये पंक्ति व स्तम्भों की संख्या प्रदर्शित करेगा। यहाँ आवश्यकतानुसार, पंक्तियों व स्तम्भों की संख्या का चयन कर लें।
माउस बटन को छोड़ दें। माउस बटन को छोड़ने पर वर्ड कर्सर के स्थान पर सारणी बनाकर प्रदर्शित करेगा। आरम्भ के सारणी के सभी सेल खाली होंगे तथा सभी पंक्तियों की ऊँचाई व स्तम्भों की चौड़ाई एक समान होगी।
प्रश्न 5.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए
(1) बुलेट व नम्बर
(2) अक्षर शैली
(3) स्पेलिंग व व्याकरण जाँचने की सुविधा
उत्तर:
(1) बुलेट व नम्बर-कई बार बातें या सूचना सूची बनाकर लिखनी होती हैं। ये बिन्दु हमेशा नई पंक्ति से प्रारम्भ होते हैं तथा प्रत्येक बिन्दु से पूर्व उसका क्रमांक या विशेष चिह्न लगे होते हैं। जैस माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस।
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड
माइक्रोसॉफ्ट पावर पॉइन्ट
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस
उपरोक्त लिखे उदाहरण में माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस से पूर्व लगा चिह्न बुलेट कहलाता है तथा 1, 2, 3, 4 नम्बर कहलाते हैं। यदि कोई सूची या बिन्दु टाइप करने से पूर्व हम संख्या
लिखते हैं तो वर्ड स्वतः ही अगले बिन्दु पर अगली संख्या (Number)
लिख देगा और यदि हम प्रथम बिन्दु से पूर्व A. अक्षर लिखेंगे तो अगले बिन्दुओं पर वर्ड स्वतः ही B, C, व D इत्यादि लिखेगा। इन्हें हम Numbers कहते हैं। इसी प्रकार यदि हम प्रथम बिन्दु से पूर्व अक्षर लिखते हैं तो वर्ड अगले बिन्दु से पूर्व भी Asterisk अक्षर ही लगायेगा। इन्हें हम बुलेट कहते हैं।
(2) अक्षर शैली –  माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में अक्षर विभिन्न शैली में टाइप किये जा सकते हैं और यदि हम मैटर टाइप कर चुके हैं तो उनकी शैली बदल सकते हैं। वर्ड में अक्षरों की निम्न 4 शैली मुख्य हैं। इनके अतिरिक्त भी सबस्क्रिप्ट, सुपरस्क्रिप्ट, स्ट्राइक आउट इत्यादि शैलियाँ हैं।
1. Regular    साधारण
2. Italic         तिरछे अक्षर
3. Bold         गहरे अक्षर
4. Underline नीचे लाइन खींचे अक्षर
ये विभिन्न शैलियाँ आवश्यकतानुसार उपयोग की जा सकती हैं।
(3) स्पेलिंग व व्याकरण जाँचने की सुविधा – अनचाही गलतियों से बचने के लिए माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में व्याकरण व स्पैलिंग जाँचने की सुविधा उपलब्ध है। वर्ड स्वतः गलत स्पैलिंग के शब्दों के नीचे लाल रंग की लाइन बना देता है, जिससे उपयोगकर्ता को मालूम पड़ जाता है कि इस शब्द की स्पेलिंग अथवा व्याकरण में गलती हो सकती है। इन गलतियों को दूर करने के लिए शब्द पर माउस पॉइन्टर को लाकर माउस का दायां बटन क्लिक करते हैं। ऐसा करने पर वर्ड गलत स्पैलिंग के शब्द के सम्भावित सही शब्दों की एक सूची व अन्य विकल्प प्रदर्शित करेगा।
वर्ड द्वारा प्रदर्शित सूची में से सही शब्द पर क्लिक करने पर स्वतः ही गलत शब्द को हटाकर सही शब्द स्थापित हो जायेगा। शब्द, जो कि गलत है पर माउस का दायाँ बटन दबाने से वर्ड इस शब्द के सम्भावित सही शब्दों को सूची प्रदर्शित कर रहा है। इनमें से सही शब्द पर माउस पॉइन्टर को लाकर क्लिक करें तो स्वतः ही गलत शब्द के स्थान पर वह शब्द आ जायेगा जिस पर क्लिक किया गया है। किसी वाक्य में व्याकरण गलत हो तो वर्ड उस वाक्य के सम्बन्ध में भी सलाह देता है तथा यह बताता है कि इसे किस प्रकार पुनः सही रूप में लिखा जा सकता है। व्याकरण जाँचने पर प्रदर्शित सूची में निम्न विकल्प होते हैं।
एक या अधिक
Ignore (कोई भी सलाह न मानने के लिए)
व्याकरण सम्बन्धित मदद।
प्रश्न 6.
मेल-मर्ज से क्या समझते हैं ? मेल-मर्ज की विधि का वर्णन करो।
उत्तर:
मेल-मर्ज (Mail Merge) – माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में हम सूचनाओं को व्यवस्थित करने का कार्य भी कर सकते हैं। वर्ड में नाम, पता आदि सूचनाएँ डाल सकते हैं, इनको किसी क्रम में व्यवस्थित कर सकते हैं। यहाँ तक कि इन सूचनाओं को अन्य फाइल के साथ मिलाकर प्रिन्ट कर सकते हैं। इस प्रकार आँकड़ों के रूप में एकत्रित सूचनाओं को अन्य फाइल के साथ मिलाना मेले मर्ज कहलाता है। मेल मर्ज की विधि इस प्रकार है
मुख्य व आँकड़ों का स्रोत फाइल का निर्माण करना।
मुख्य फाइल में वो स्थान नियत करना जहाँ आँकड़े डाले जायेंगे।
दोनों फाइलों को एक (Merge) करना।
(1) मुख्य फाइल व आँकड़ों का स्रोत फाइल का निर्माण करना इस कार्य को सम्पन्न करने के लिए Mail Merge Helper का उपयोग करेंगे। सबसे पहले टूल मैन्यू में स्थित Mail Merge विकल्प का चयन करें। ऐसा करने पर वर्ड नीचे के चित्र के अनुसार Mail Merge Helper डायलॉग बॉक्स प्रदर्शित करेगा। इस डायलॉग बॉक्स में तीन विकल्प हैं।
My Document
Get data
Merge the data with the document
ये तीनों विकल्प क्रमशः मुख्य फाइल बनाने, आँकड़ों का स्रोत फाइल बनाने व दोनों फाइलों को मर्ज करने के लिए हम पहले मुख्य फाइल बना लें, फिर आँकड़ों का स्रोत (Data Source) फाइल का निर्माण करेंगे। मुख्य फाइल बनाने के लिए Main document विकल्प के Create बटन पर क्लिक करें। इसके लिए फाइल के प्रकारों की प्रदर्शित सूची में से उपयुक्त विकल्प का चयन कर लें। फाइल का प्रकार चुनने के बाद सुविधा के लिए नई फाइल खोल लें। इस मुख्य फाइल में वह सूचना टाइप कर दें जो सभी पत्रों में एक सी है। आँकड़ों का स्रोत (Data Source) फाइल का निर्माण करने के लिए पुन: Mail Merge Helper डॉयलॉग बॉक्स को खोलें व इसमें से Get data विकल्प का चयन करें।
अब वर्ड द्वारा प्रदर्शित सूची में से Create data source विकल्प का चयन करें। इस डायलॉग बॉक्स में कुछ बने-बनाये फील्ड के नाम हैं। जैसे-
(1) Name, (2) Address. इन बने हुए फील्डों के नामों में से आवश्यकतानुसार नए फील्ड हटा या जोड़ सकते हैं। सभी आवश्यक फील्डों के नाम डालकर OK बटन पर क्लिक करें। ऐसा करने पर वर्ड इस आँकड़ों का स्रोत फाइल को भण्डारित करने के लिए संदेश प्रदर्शित करेगा। फाइल को किसी उपयुक्त नाम से भण्डारित कर लें। फाइल को भण्डारित (save) करने पर वर्ड संदेश प्रदर्शित करेगा कि फाइल में एक भी रिकॉर्ड नहीं है। क्या इसमें रिकॉर्ड डालना चाहेंगे। हमें रिकॉर्ड डालने हैं अत: Edit the data source विकल्प का चयन करें और रिकॉर्ड डालना आरम्भ कर दें। जब सभी रिकार्ड डाल चुके हों तो OK बटन पर क्लिक कर दें। इस प्रक्रिया को अपनाकर एक मुख्य फाइल (Main Document) व आँकड़ों का स्रोत (Data Source) फाइल बना सकते हैं तथा आँकड़ों का स्रोत फाइल में आँकड़े डाल सकते हैं।
(2) मुख्य फाइल में वो स्थान नियत करना जहाँ पर आँकड़े डाले जायेंगे। जब हम आँकड़ों का स्रोत Data Source) फाइल बना चुके हैं अर्थात यह निश्चित कर चुके हों कि हम किन-किन फील्डों का उपयोग करेंगे। अब हमें यह भी बताना होगा कि इन फील्डों के मानों को मुख्य फाइल में कहाँ-कहाँ डालना है। इसके लिए मुख्य फाइल को खोल लें। वर्ड मुख्य फाइल की स्क्रीन पर मर्ज टूल बार प्रदर्शित करेगा। इस टूल बार में एक विकल्प Insert Merge Field है।
इस विकल्प के आगे तीर के निशाने पर क्लिक करने पर वर्ड आँकड़ों के स्रोत फाइल के सभी फील्डों के नामों की सूची प्रदर्शित करता है। मुख्य फाइल में जहाँ-जहाँ पर ये फील्ड उपलने हैं वहाँ पर कर्सर लायें तथा Insert Merge Field विकल्प की सूची में उपयुक्त फील्ड पर क्लिक करें। इस प्रकार मुख्य फाइल में जहाँ-जहाँ जो-जो विकल्प की सूची में से उपयुक्त फील्ड दें। फील्डों के दोनों तरफ ‘<<‘ व >>’ के चिह्न होंगे। मर्ज करने के बाद फाइल प्रिन्ट होगी तो जहाँ-जहाँ पर हमने फील्ड के नाम डाले हैं वहाँ पर उन फील्ड के मान प्रिन्ट होंगे।
(3) दोनों फाइलों को एक (Merge) करना  हम दोनों फाइलें (1) मुख्य फाइल व, (2) आँकड़ों के स्रोत (Data Source) फाइलें बना चुके हैं। इन दोनों फाइलों को किस प्रकार एक करना है अर्थात् मर्ज करने के बाद किन-किन स्थानों पर फील्ड के नाम प्रिन्ट होने हैं तथा कहाँ पर मुख्य फाइल के मूल शब्द प्रिन्ट होने हैं। जब हम ये सब कार्य चुके हैं तो इन्हें एक (Merge) करने के लिए पुनः Mail Merge Helper डायलॉग बॉक्स को खोलें।
इसके अन्तिम विकल्प Merge पर क्लिक करें। ऐसा करने पर वर्ड मुख्य फाइल व आँकड़ों के स्रोत (Data Source) फाइल को एक साथ मिला (Merge) देगा। मर्ज करने के बाद जो नई फाइल (Merged file) बनेगी उसमें प्रत्येक विद्यार्थी के लिए अलग-अलग पेज होंगे। इस फाइल के वाक्य मुख्य फाइल जैसे के जैसे हैं केवल फील्ड के नाम के स्थान पर उन फील्डों के नाम प्रदर्शित होंगे। इस प्रकार से माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में दो फाइलों को एक करके प्रिन्ट किया जा सकता है।
प्रश्न 7.
प्रस्तुतीकरण से क्या तात्पर्य है ? उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
प्रस्तुतीकरण – सूचना को प्रस्तुत करना ही प्रस्तुतीकरण कहलाता है। सूचना का सजीव प्रस्तुतीकरण आज की पहली आवश्यकता है। सूचना को सहज, सरल एवं इस ढंग से प्रस्तुत करना होता है कि जिसको सूचना दी जा रही है उसे आसानी से समझ में आ जाए। माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का एक प्रोग्राम इसी कार्य को बड़ी सरलता से करता है। प्रस्तुतीकरण में सहायक यह प्रोग्राम एम. एस. पॉवर पॉइन्ट के नाम से जाना जा सकता है। पॉवर पॉइन्ट की सहायता से स्लाइड्स (Slides), हेण्ड आउट्स (Handouts), स्पीकर्स नोट्स (Speaker Notes) एवं प्रस्तुतीकरण रूपरेखा (Outline) तैयार की जा सकती है।
प्रस्तुतीकरण की उपयोगिता – पॉवर प्वाइंट में कई विषयों पर पूर्व निर्धारित प्रस्तुतीकरण के प्रारूप संधारित रहते हैं। हम अपने प्रस्तुतीकरण को उनके अनुरूप बनाना चाहें तो उपलब्ध प्रस्तुति में से किसी भी प्रस्तुति को चुन सकते हैं। इससे पूर्व निर्धारित प्रस्तुतीकरण स्क्रीन पर दिखाई देगा। हम अपनी आवश्यकतानुसार इस प्रस्तुतीकरण में लिखे आलेख को परिवर्तित कर सकते हैं। इसके लिए हमें जहाँ आलेख बदलना है वहाँ पर माउस प्वॉइंटर द्वारा क्लिक करने पर आलेख मोड (Text Mode) में हम अपनी आवश्यकतानुसार आलेख में परिवर्तन कर सकते हैं। टेम्पलेट के द्वारा बनाये गये प्रस्तुतीकरण में हम अपनी आवश्यकतानुसार और भी नई स्लाइड्स बना सकते हैं। इसके लिए हमें न्यू स्लाइड विकल्प को चुनना होगा। इसको चुनने पर कई तरह के स्लाइड्स लेआउट जिनके बारे में हम पूर्व में अध्ययन कर चुके हैं दिखलाई देंगे।
हम अपने सुविधानुसार किसी भी लेआउट को चुन लेंगे। विजार्ड एवं टेम्पलेट के उपयोग के बिना भी हम प्रस्तुतीकरण निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए हमें Blank Presentation विकल्प चुनना होगा। इस विकल्प को चुनने पर कई तरह के स्लाइड लेआउट प्रदर्शित होंगे उनमें से अपनी सुविधानुसार एक विकल्प हम चुन लेंगे। पहले ही विकल्प को चुनने पर एक खाली स्लाइड स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी जिसमें टाइटल एवं सब टाइटल नाम के दो बॉक्स बने होंगे। इसी प्रकार हम अपनी आवश्यकतानुसार स्लाइड्स लेआउट का चयन कर प्रस्तुतीकरण को पूर्ण करेंगे।
प्रश्न 8.
Auto Content Wizard से प्रस्तुतीकरण के निर्माण की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
ऑटो कन्टेन्ट विजार्ड (Auto Content Wizard) – यह प्रस्तुतीकरण तैयार करने का एक सरलतम तरीका है। ऑटो कन्टेन्ट विजार्ड का उपयोग करने हेतु नई स्लाइड प्रस्तुतीकरण मीनू में उपलब्ध इस विकल्प को क्लिक करना होगा। क्लिक करने पर ऑटो कन्टेन्ट विजार्ड का स्टार्ट अप डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा उसमें हमें नेक्स्ट लिखे बटन को क्लिक करना होगा। इससे हम अगले विकल्प में आ जायें और इसमें उपलब्ध विभिन्न प्रकार के प्रस्तुतीकरण को चुनना होगा। इस डायलॉग बॉक्स में 6 श्रेणी के प्रस्तुतीकरण उपलब्ध होंगे। हम अपनी आवश्यकतानुसार कोई एक प्रस्तुति का चयन करेंगे।
इसके बाद अगले विकल्प के लिए क्लिक करेंगे तब हम विजार्ड के आउटपुट विकल्प में होंगे। इस आउटपुट विकल्प में भी कई उपविकल्प होंगे, हम अपनी आवश्यकतानुसार उपविकल्प चुनेंगे। अगर हमें कम्प्यूटर पर ही प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत करना है तो पहला विकल्प चुनेंगे अगले विकल्प में प्रस्तुतीकरण के टाइटल के बारे में जानकारी देनी होगी तत्पश्चात नेक्स्ट बटन क्लिक करने पर अन्तिम विकल्प हमारे सामने होगा। यहाँ पर हम फिनिश बटन पर क्लिक करेंगे तब ऑटो कन्टेंट विजार्ड प्रस्तुति का निर्माण कर देगा। इस प्रस्तुति में जो हैडिंग एवं पहले लिखे आलेख में हम अपने प्रस्तुतीकरण के अनुरूप परिवर्तन कर अपने विषय के अनुरूप प्रस्तुतीकरण बना सकते हैं।
प्रश्न 9.
टाइटल, सब टाइटल एवं टैक्स्ट में अन्तर बताते हुए यह समझाओ कि किस तरह प्रस्तुतीकरण में नई स्लाइड उपयोग में लेते हैं एवं इनके रंग परिवर्तन होते हैं ?
उत्तर:
टाइटल, सब टाइटल और टैक्स्ट में मुख्य अन्तर यह है कि जब हम प्रस्तुतीकरण में नई फाइल खोलते हैं तो इसकी नई स्लाइड पर दो बॉक्स दिखाई देते हैं तो एक बॉक्स में मुख्य शीर्षक अर्थात् (title) लिखा जाता है और इसके नीचे एक दूसरा बॉक्स उपलब्ध होता है जिसमें उपशीर्षक अर्थात् (sub title) लिखा जाता है और टैक्स्ट को आवश्यकतानुसार टाइटल या सब टाइटल के बॉक्स में लिखते हैं।
प्रस्तुतीकरण में नई स्लाइड उपयोग में लेने के चरण –
स्टार्ट मेन्यू में जाकर माउस से Left click करते हैं।
All programs पर click करते हैं।
इसमें माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का फोल्डर ढूँढ़कर इसके Click करते हैं।
Click करने के बाद इसमें काफी सारी फाइलों के नाम दिखाई देते हैं। इनमें से Microsoft office Power point को चुनकर Open करते हैं।
फाइल ओपन (Open) करने पर कम्प्यूटर की स्क्रीन पर प्रस्तुतीकरण की नई फाइल अर्थात् नया पेज प्राप्त होता है। इस पर टाईटल तथा सब टाइटल दो प्रकार के बॉक्स होते हैं।
प्रस्तुतीकरण के बैकग्राउंड में रंग बदलने के लिए विधि –
मेनूबार से फॉर्मेट/बैकग्राउंड (Format/Background) का चयन करें। बैकग्राउंड फिल (Background fill) ड्रॉप डाउन मेनू से वांछित रंग का चुनाव करें या और अधिक रंगों को देखने के लिए मोर कलर्स (More Colors…) बटन दबायें। बैकग्राउंड में ग्रेडियेट, टैक्स्चर, पैटर्स या पिक्चर डालने के लिए ड्रॉप डाउन मेनू से फिल इफैक्ट्स (Fill Effects) को क्लिक करें। फीका बैकग्राउंड देने के लिए वन कलर (One color) का चयन करें तथा कलर 1 (Color 1) ड्रॉप डाउन मेनू से रंगों को मनपसंद ढंग से फीका – गाढ़ा कर लें।
मध्यम बैकग्राउंड देने के लिए टूकलर्स (Two colors) को चुनें तथा फीका गाढ़ा करने के लिए कलर 1 (Color 1) और कलर 2 (Color 2) दोनों की ही प्रयोग करें। प्रीसेट (Preset) में आपकी सुविधा के लिए विभिन्न आकर्षक पूर्व निर्मित Preset colors रंग संयोजन (color combinations) उपलब्ध हैं। अतः इस प्रकार प्रस्तुतीकरण की फाइल को खोला जाता है। तथा इसका रंग (Theme) बदल जाता है।
प्रश्न 10.
एनिमेशन से क्या तात्पर्य है ? प्रस्तुतीकरण में किस तरह एनिमेशन उपयोगी होता है एवं कैसे-कैसे प्रभाव इसके द्वारा डाले जा सकते हैं ?
उत्तर:
एनिमेशन (Animation) – प्रस्तुतीकरण में दृश्य एवं टैक्स्ट को विभिन्न प्रकार से एनिमेशन के प्रभाव दिए जा सकते हैं जिससे प्रस्तुतीकरण और भी प्रभावी हो जाता है। एनिमेशन विकल्प का यह विकल्प स्लाइड शो मैन्यू में उपलब्ध है। स्लाइड शो मैन्यू में दो विकल्प उपलब्ध हैंएनिमेशन स्कीम एवं कस्टम एनिमेशन।
एनिमेटिंग पिक्चर्स एवं टैक्स्ट (Animating Pictures and Text):
प्रस्तुतीकरण में प्रयुक्त चित्र एवं टैक्स्ट में विभिन्न एनिमेशन प्रभाव देकर प्रस्तुतीकरण को और भी प्रभावी बनाया जा सकता है। Slide Show मैन्यू एनीमेशन स्कीम, कस्टम एनिमेशन तथा स्लाइड ट्रांजिशन उप विकल्प होते हैं। एनिमेशन स्कीम को चुनने पर कई प्रकार के एनीमेशन प्रभावों की एक सूची स्क्रीन पर प्रदर्शित होती है। उपयोगकर्ता इनमें से किसी का भी चयन अपने प्रस्तुतीकरण की आवश्यकतानुसार कर सकता है। कस्टम एनीमेशन विकल्प में उपयोगकर्ता टैक्स्ट, चित्रों में एनीमेशन प्रभाव अपनी आवश्यकतानुसार दे सकता है।
प्रस्तुतीकरण में प्रत्येक प्रस्तुति दृश्य के लिए अलग-अलग समय का निर्धारण किया जा सकता है। Rehearse Timing से हम एक-एक स्लाइड के लिए समय तय कर सकते हैं। इस विकल्प के द्वारा समय तय करने हेतु एक डॉयलाग बॉक्स आता है जिसमें Play बटन दबाते ही समय शुरू होता है। जितने सेकण्ड या मिनट हमें प्रस्तुति को देना है। उतने समय बाद हम Stop बटन दबा देंगे। टाइमर इसमें चलता रहेगा। इस तरह पूरे प्रस्तुतीकरण का कुल समय भी हम तय कर सकते हैं। यदि सभी स्लाइड को समान समय देना है तो वह भी सम्भव है।
Ungrouping and Grouping Picture From clipart : इन्सर्ट विकल्प के द्वारा हम कई चित्रों एवं क्लिपआर्ट को प्रस्तुति में कॉपी करते हैं। इनको एक स्थान से अन्य स्थान पर एक साथ इधर-उधर करना हो तो हमें पहले इन सब अब्जेक्टिव को शिफ्ट कुंजी के साथ एक-एक कर क्लिक करना होगा फिर माउस के Right Click से Group विकल्प को चुनने से इन सभी का समूह बन जायेगा। अगर इनको समूह में नहीं रखना है तो हम Ungroup विकल्प को चुनेंगे।
 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से किसी फाइल की अन्तिम लाइन में पहुँचने के लिए क्या करेंगे –
(अ) Ctrl + →
(ब) Ctrl + ↓
(स) Ctrl + Right
(द) Ctrl + End
उत्तर:
(द) Ctrl + End
प्रश्न 2.
निम्न में से Italic के लिए शॉर्टकट-की होगी –
(अ) Alt + I
(ब) Ctrl + I
(स) Alt + e
(द) Ctrl + e
उत्तर:
(ब) Ctrl + I
प्रश्न 3.
Ctrl + Z का प्रयोग किया जाता है –
(अ) नई फाइल खोलने के लिए
(ब) अन्तिम क्रिया को पुनः लाने के लिए
(स) लाइन को delete करने के लिए
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) अन्तिम क्रिया को पुनः लाने के लिए
प्रश्न 4.
MS – Word को पूरा नाम है –
(अ) Microsoft Word
(ब) Main Screen Word
(स) Main source Word
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) Microsoft Word
 अतिलघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रस्तुतीकरण का निर्माण कितनी तरह से किया जा सकता है ?
उत्तर:
प्रस्तुतीकरण का निर्माण तीन तरह से किया जा सकता है।
खाली प्रस्तुतीकरण (Blank Presentation)
टेम्पलेट का उपयोग (From Design Template)
ऑटो कन्टेन्ट विजार्ड (Auto Content Wizard)
प्रश्न 2.
स्पीकर नोट्स क्या हैं ?
उत्तर:
ये ऐसे नोट्स हैं जिसकी सहायता से वक्ता हेतु नोट्स तैयार किये जाते हैं। इसमें प्रत्येक पृष्ठ पर एक स्लाइड व वक्ता के बोलने के लिए कुछ नोट्स भी लिखे जाते हैं।
प्रश्न 3.
हैण्ड आउट्स किसे कहते हैं ?
उत्तर:
इसके द्वारा हम प्रस्तुतीकरण को आसान बना सकते हैं। अपने प्रस्तुतीकरण से पूर्व दर्शकों को हेण्ड आउट्स दिए जा सकते हैं। इसमें हमारी स्लाइड्स के ही प्रिंट एक ही पृष्ठ में एक से अधिक हो सकते हैं।
प्रश्न 4.
निम्न कुंजियों के उपयोग लिखो।
(i) Tab
(ii) Shift + Tab
(iii) Alt + Home
उत्तर:
कुंजी/कुंजियाँ – प्रयोग Tab-कर्सर को अगले सेल पर ले जाने के लिए Shift + Tab – कर्सर को पूर्व सेल पर ले जाने के लिए। Alt + Home – पंक्ति के प्रथम सेल पर कर्सर को ले जाने के लिए।
 लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
Link का प्रयोग क्यों और कैसे किया जाता है ?
उत्तर:
इस विकल्प का प्रयोग प्रस्तुति से Link Object की विशिष्टताओं में परिवर्तन करने के लिए किया जाता है। इस विकल्प का प्रयोग करने पर स्क्रीन पर Link डायलॉग बॉक्स प्रदर्शित होता है। इस डायलॉग बॉक्स में हमारी प्रस्तुति में सभी Linked Objects की सूची एवं उनका प्रकार प्रदर्शित होता है। Change Source बटन पर क्लिक करने पर स्क्रीन पर डायलॉग बॉक्स प्रदर्शित होता है। इस डायलॉग : बॉक्स में हमें उस Object के लिए जो भी फाइल चुननी है, उस फाइल को चुनकर पुश बटन OK पर क्लिक करने पर यह Object उस फाइल से Link हो जाता है।
प्रश्न 2.
Line spacing और Alignment का प्रयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर:
Line Spacing विकल्प द्वारा चयनित पैराग्राफ की पंक्तियों के मध्य की जगह को कम या ज्यादा किया जा सकता है। दो पंक्तियों के मध्य स्थान यदि साधारण हो तो (Single) व दुगना हो तो Double, 1.5 गुणा हो तो 1.5 Lines Line Spacing रखें। पैराग्राफ डायलॉग बॉक्स में स्थित Alignment विकल्प का प्रयोग चयनित पैराग्राफ का Alignment चयन करने के उपयोग में आता है। इस विकल्प का प्रयोग कर पैराग्राफ को दायें, बायें अथवा मध्य Align कर सकते हैं।
प्रश्न 3.
Save As का प्रयोग क्यों किया जाता है ? क्या Save तथा Save As दोनों समान कार्य के लिए प्रयोग किए जाते हैं ?
उत्तर:
नहीं, Save व Save as का कार्य पूरी तरह से समान नहीं है। Save में फाइल का नाम नहीं बदल सकते जबकि Save as में नाम बदलकर ही Save करते हैं। सेब एज (Save As) – इस विकल्प के प्रयोग से वर्तमान में खुली हुई प्रस्तुति को किसी अन्य नाम से Save करने के लिए किया जाता है। इस विकल्प का प्रयोग करने पर प्रदर्शित होने वाले डायलॉग बॉक्स में File Name के नीचे दिए गए टैक्स्ट बॉक्स में फाइल का वांछित नाम टाइप करके इसे जिस ड्राइव अथवा डायरेक्ट्री में Save करना है, उसे Drives एवं Directories वाले भाग में चुनकर OK बटन पर क्लिक करके इस कार्य को किया जाता है। किसी नई प्रस्तुति के लिए Save विकल्प का प्रयोग करने पर भी यही डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है।
 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वर्ड में सेलों के मर्ज करने व बाँटने की विधि लिखिए।
उत्तर:
वर्ड में हम सेलों को मर्ज कर सकते हैं व सेलों को बाँट भी सकते हैं। मर्ज करने की विधि
(1) जिन सेलों को मर्ज करना है उन सेलों को चयन कर लें
(2) Table & Border टूल बार पर स्थित Merge Cells टूल को चयन कर लें अन्यथा टेबल मैन्यू में स्थित Merge Cells विकल्प का चयन करें।
सेल को दो या अधिक भागों में बाँटने की विधि –
(1) जिस सेल को भागों में बाँटना है उसका चयन करें।
(2) टेबल मैन्यू में स्थित Split Cell विकल्प का चयन करें या फिर Table & Border टूल पर स्थित Split Cells टूल का चयन करें। ऐसा करने पर वर्ड Split Cells डायलॉग बॉक्स प्रदर्शित करेगा। इस बॉक्स में उपयुक्त पंक्ति व स्तम्भों की संख्या टाइप कर, बटन पर क्लिक करें।
ऐसा करने पर वर्ड चयनित सेल को टाइप किये गये स्तम्भ पंक्ति की संख्या में बाँट देगा। इस प्रकार चयनित सेल को भी दो या अधिक सेल में विभक्त किया जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि Split Cells डायलॉग बॉक्स में स्तम्भ की संख्या व पंक्तियों की संख्या क्रमशः 2 व 2 टाइप कर OK बटन दबायें, तो चयनित सेल को बाँटकर 4 (चार) सेल बन जायेंगे।
प्रश्न 2. Master विकल्प का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है ? समझाओ।
उत्तर:
Master – विकल्प का प्रयोग करने पर इसका एक उप-मैन्यू स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है। इस उप-मैन्यू में चार विकल्प दिए होते हैं-Slide Master, Outline Master, Handout, Master Ta Note Master Side Master विकल्प का प्रयोग करने पर स्क्रीन पर स्लाइडे के ऊपर स्थित शीर्षक एवं टैक्स्ट के लिए Formated Placeholders के साथ वे सभी Background Items भी प्रदर्शित होते हैं, जिनका प्रदर्शन हम स्लाइड पर चाहते हैं। यदि हम स्लाइड मास्टर में कुछ परिवर्तन करना चाहते हैं तो, वह परिवर्तन सभी स्लाइड्स के लिए प्रभावी होता है।
इस प्रदर्शन में Master Title (Title Area for:Auto Layouts) वाला भाग स्लाइड के टैक्स्ट के लिए Formated Palceholder की भाँति प्रयोग किया जाता है। यहाँ पर हम स्लाइड के टैक्स्ट के लिए Font, Font Size, Font का रंग, शीर्षक का Alignment आदि को निर्धारित करते हैं। इसी प्रकार Outline Master में उपयोगकर्ता आउटलाइन्स View के लिए Master Page को सैट करता है। Handount Master में हम Handouts के लिए एवं Notes Master में हम Speaker’s Notes के लिए प्रारूप तय कर सकते हैं।

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