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जीवो के नामकरण की द्विनाम पद्धति
>> सन् 1755 ई. में केरोलस लीनियस नामक वैज्ञानिक जिन्हे वार्गिकी का जन्म दाता (Father of taxonomy) भी कहा जाता है, ने जीवो की द्वीनाम पद्धति को प्रचलित किया इस पद्धति के अनुसार प्रत्येक जीवधारी का नाम लैटिन भाषा के दो शब्दो से मिलकर बनता है पहला शब्द नाम (Generic name) तथा दूसरा शब्द जाती ( Species name) कहलाता है वंश तथा जाती नामो के बाद उस वर्गीकिवि (वैज्ञानिक) का नाम लिखा जाता है जिसमे सबसे पहले उस जाती की खोज या जिसमे इस जाती को सबसे पहले वर्तमान नाम प्रदान किया
जैसे -- मानव का वैज्ञानिक नाम होमोसेपियंस लिन (Homosapiens) (linn) है
वर्तमान में (होमो) उस वंश का नाम है जिसकी एक जाती सेपियंस है लिन( linn) वास्तव में लीनीयस ( linnaeus) शब्द का संक्षिप्त रूप है इसका अर्थ यह है की सबसे पहले लीनियस ने इस जाती को होमो सेपियंस (Homo sapiens) नाम से पुकारा है
कुछ जीवधारियों के वैज्ञानिक नाम
मनुष्य (Human) >> Homo sapiens
मेढ़क( Frog ) >> Rana tigrina
बिल्ली ( Cat) >> Felis domestica
कुत्ता (Dog) >> Canis familiar
गाय (Cow) >> Bas indicus
मक्खी(house Fly) >> Musca domestica
आम( mango) >> Mangifera indica
धान( Paddy) >> Oryza sativa
गेहूं( Wheat) >> Triticum aestivum
मटर(Pea) >> Pisum sativum
चना( Gram) >> Cicer arietinaum
सरसो( Mustard) >> Brassica campestris
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