जीवधारियों का वर्गीकरण
अरस्तू द्वारा समस्त जीवों को दो समूहों में विभाजित किया गया है --
(1) जन्तु समूह
(2) वनस्पति समूह
>> लिनियस ने अपनी पुस्तक Systema Naturae में संपूर्ण जीवधारियों को दो जगत में विभाजित किया (Kingdom) पादप जगत (plant Kingdom)
जंतु जगत (animal kingdom) में विभाजित किया।
>> लिनियस ने वर्गीकरण की जो प्रणाली शुरू की उसी से आधुनिक वर्गीकरण की नीव पड़ी, इसलिए उन्हें आधुनिक वर्गीकरण का पिता (Father of modern taxonomy) कहते हैं
जीवधारियों का पांच जगत वर्गीकरण
FIVE KINGDOM CLASSIFICATION OF ORGANISM
परंपरागत द्वि- जगत वर्गीकरण का स्थान अंततःव्हिटेकर(Whittaker) द्वारा सन् 1963 ई. में प्रस्तावित 5 जगत प्रणाली ने लिया । इसके अनुसार समस्त जीवों को निम्नलिखित पांच जगत (kingdom) में वर्गीकृत किया गया ---
(1) मोनेरा (Monera)
(2) प्रोटिस्टा (protista)
(3) पादप ( plante)
(4) कवक (Fungi)
(5) जन्तु
(1) मोनरा --- इस जगत में सभी जीव प्रोकेरियोटिक जीव अर्थात जीवाणु साइनो बैक्टीरिया तथा आर्किबैक्टिरिया सम्मिलित किए जाते हैं । तंतुमय जीवाणु भी इसी जगत के भाग हैं।
(2) प्रोटिस्टा -- इस जगत में विविध प्रकार के एककोशिकीय, प्रायः जलीय (aquatic) युकेरियोटिक जीव सम्मिलित किए गए हैं । पादप एवम जंतु के बीच युग्लिना इसी जगत में है । यह दो प्रकार की जीवन पद्धति प्रदर्शित करती है --
(1) सूर्य के प्रकाश में स्वपोषी एवम
(2) प्रकाश के अभाव में इतर पोषित इसके अंतर्गत साधारण तथा प्रोटोजोआ आते हैं ।
(3.) पादप {Plante} :- इस जगत में प्रायः सभी रंगीन, बहुकोशिकीय, प्रकाश, संश्लेषी उत्पादक जीव सम्मिलित है। शैवाल, मॉस, पुष्पीय तथा अपुष्पीय पौधें इसी जगत के अंग है
(4) कवक (Fungi) :- इस जगत में वे युकेरियोटिक तथा परपोषित जीवधारी सम्मिलित किए जाते है जिनमें अवशोषण द्वारा पोषण होता है ये सभी एतरपोषी होते है। ये परजीवी अथवा मृतोपजीवी होते है। इसकी कोशिका भित्ति काइटिन की बनी होती है।
{5} जंतु (Animal) :- इस जगत में सभी बहुकोशिकीय जन्युसमभोजी (Holozic) युकैरियोटिक, उपभोक्ता जीव सम्मिलित किए जाते है इनको मेटाजोआ (Metazoa) भी कहते है। हाइड्रा, जेलीफिश, कृमि, सितारा मछली, सरीसृप, पक्षी, तथा स्तनधारी जीव इसी जगत के अंग हैं।
Posted by biology support team