प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी में अंकित कार्य के सामने उसमें प्रयुक्त ईंधन का नाम लिखिए।
उत्तर:
सारणी–विभिन्न कार्यों में प्रयुक्त ईंधन
क्र.सं.कार्य/यंत्रप्रयुक्त ईंधन1खाना पकानाLPG गैस2पानी गर्म करनाLPG, किरोसिन एवं लकड़ी/कोयला3चाय बनानाLPG, किरोसिन एवं लकड़ी/कोयला4जनरेटरडीजल5कारपेट्रोल-डीजल6ट्रैक्टरडीजल7पम्पिंग सेटडीजल8प्रेशरडीजल/विद्युत
प्रश्न 2.
जलती हुई मोमबत्ती पर कोई पात्र रखने पर थोड़ी देर बाद मोमबत्ती क्यों बुझ जाती है?
उत्तर:
जलती हुई मोमबत्ती पर कोई पात्र रखने पर जब तक पात्र में ऑक्सीजन की मात्रा है, वह जलती रहती है। और पात्र में ऑक्सीजन की मात्रा खत्म होते ही मोमबत्ती बुझ जाती है।
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प्रश्न 3.
आपने सुना होगा कि गर्मियों के मौसम में बहुत अधिक गर्मी पड़ने पर कुछ स्थानों पर सूखी घास आग पकड़ लेती है और जंगल आग की चपेट में आ जाता है। कई बार कोयले की खान में कोयले की धूल का स्वतः दहन हो जाता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
प्रत्येक वस्तु का ज्वलन तापमान लगभग निश्चित होता है। इस निश्चित तापमान पर वस्तुएँ गर्म होकर धीरे-धीरे O2 की उपस्थिति में स्वत: जलने लगती हैं। इसी कारण गर्मियों में सूखी घास तथा कोयले का चूर्ण स्वतः दहन करने लगते हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
कोयले का प्रकार जिसमें कार्बन की अधिकतम मात्रा है
(अ) पीट
(ब) लिग्नाइट
(स) एन्थ्रेसाइट
(द) बिटुमेनी
उत्तर:
(स) एन्थ्रेसाइट
प्रश्न 2.
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन में वाष्पशील पदार्थों के निकल जाने पर शेष रहता है
(अ) स्नेहक तेल
(ब) मोम
(स) डामर
(द) डीजल
उत्तर:
(स) डामर
प्रश्न 3.
कार्बन का क्रिस्टलीय अपररूप है
(अ) लकड़ी का कोयला
(ब) काजल
(स) जांतव चारकोल
(द) ग्रेफाइट
उत्तर:
(द) ग्रेफाइट
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
प्रश्न 1.
घरों में काम आने वाला द्रव ईंधन_____ है।
उत्तर:
एल.पी.जी.
प्रश्न 2.
ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने निकटतम के_____ कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है, जबकि हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने निकटतम के_____ कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है।
उत्तर:
तीन, चार
प्रश्न 3.
दहन प्रक्रिया के लिए_____ आवश्यक है।
उत्तर:
ऑक्सीजन।
निम्नांकित वाक्य सही (✓) हैं या गलत (✗) लिखिए
प्रश्न 1.
लिग्नाइट कोयले में 67 प्रतिशत कार्बन है। .
उत्तर:
सही
प्रश्न 2.
पीट कोयला द्रव ईंधन का उदाहरण है।
उत्तर:
गलत
प्रश्न 3.
स्नेहक तेले वाहनों एवं रसोई में ईंधन की तरह उपयोगी है।
उत्तर:
गलत
प्रश्न 4.
कार्बन के क्रिस्टलीय अपररूप ग्रेफाइट, हीरा व फुलरीन हैं।
उत्तर:
सही।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पेट्रोलियम गैस के उपयोग लिखिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम गैस के उपयोग
यह मुख्य रूप से वाहनों, रसोई में ईंधन के रूप में उपयोगी है।
इसमें मुख्यत: एथेन, प्रोपेन, आइसोब्यूटेन का मिश्रणहोता है। पेट्रोलियम गैसों के मिश्रण को उच्च दाब पर द्रवित कर सिलेण्डरों में भरकर घरेलु ईंधन के रूप में काम में लिया जाता है। यह कम समय में अधिक ऊष्मा देती है।
इसे शीघ्रता से जलाया जा सकता है। इससे राख व प्रदूषण भी नहीं होता है।
प्रश्न 2.
पेट्रोल व डीजल जैसे पदार्थों का हमें विवेकपूर्वक उपयोग क्यों करना चाहिए? कारण दीजिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम (पेट्रोल/डीजल) लाखों वर्षों की प्रक्रिया से बनता है, अत: इसके भण्डार सीमित हैं।
इनके अधिक व अनावश्यक उपयोग से वायु प्रदूषण बढ़ता है।
अधिक व अनावश्यक उपयोग से इनके प्राकृतिक भण्डार खत्म हो जाएंगे।
अतः हमें इनका उपयोग सीमित एवं विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए।
प्रश्न 3.
हीरा तथा ग्रेफाइट के गुणों में अन्तर लिखिए।
अथवा
हीरा तथा ग्रेफाइट के गुणों में तीन अन्तर लिखिए।
उत्तर:
क्र.सं.गुणधर्महीराग्रेफाइट1कठोरता/मुलायमहीरा पारदर्शी व कठोर होता है।ग्रेफाइट एक धूसर पदार्थ होता है। यह मृदु होता है।2संरचनाइसमें कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़कर त्रिविमीय दृढ़ संरचना बनाता है।इसमें कार्बन परमाणु उसी तल में अपने तीन निकटतम कार्बन से जुड़कर एक षट्कोणीय मृदु संरचना बनाता है।3विद्युत चालकतायह विद्युत को कुचालक होता है।यह विद्युत का सुचालक होता है।4उपयोगआभूषणों में प्रयोग होता है एवं काटने, पीसने, छिद्र करने में काम आता है।पेन्सिल, विद्युत आर्क में उपयोग होता है।
प्रश्न 4.
ईंधन के रूप में एल.पी.जी. व लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर:
ईंधन के रूप में एलपीजी और लकड़ी की तुलना
लपीजीलकड़ी1. यह पूर्ण रूप से जल जाती है तथा कोई अवशेष नहीं छोड़ती है।1. यह जलने पर बड़ी मात्रा में धुआँ उत्पन्न करती है। जो मनुष्य के लिए हानिकारक है।2. इसका ऊष्मीय मान काफी अधिक है। अतः एलपीजी को जलाने पर अधिक ऊष्मा मिलती है।2. इसका ऊष्मीय मान एलपीजी की तुलना में कम है। अतः लकड़ी को जलाने पर कम ऊष्मा प्राप्त होगी।3. एलपीजी द्वारा कोई वायु प्रदूषण नहीं होता है।3. इसके जलाने से वायु प्रदूषण होता है।4. एलपीजी वन संरक्षण में योगदान देती है।4. यह वनोन्मूलन का कारण बनती है, जो पर्यावरण के लिए हानिप्रद है।
प्रश्न 5.
पाँच यौगिकों के नाम बताइए जिनमें कार्बन होता है।
उत्तर:
कोयला
ग्रेफाइट
हीरा
प्राकृतिक गैस
डीजल आदि।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हीरा तथा ग्रेफाइट की संरचना का नामांकित चित्र बनाकर अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
कार्बन के क्रिस्टलीय अपररूप ( हीरे व ग्रेफाइट) की संरचना का चित्र बनाइए तथ इनके दो उपयोग भी लिखिए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
निम्नलिखित सारणी में अपने विचार दीजिए तथा अन्य विद्यार्थियों के साथ चर्चा कर अपने विचार लिखिए (पेट्रोलियम ईंधन के उपयोग से लाभ एवं पेट्रोलियम ईंधन के उपयोग से हानि)।
उत्तर:
पेट्रोलियम ईंधन के उपयोग से लाभ एवं हानि
पेट्रोलियम ईंधन के उपयोग से लाभपेट्रोलियम ईंधन के उपयोग से हानि1. यातायात के साधनों में उपयोग होने से एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्री व सामान ले जाने में सुविधा।1. यातायात के साधनों में उपयोग होने से इन वाहनों के धुएँ से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।2. कल-कारखानों, उद्योगों में उपयोग। इससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि।2. कल-कारखानों में उपयोग से जहरीली गैसें व द्रव रसायनों के उत्सर्जन से वायु एवं जल प्रदूषण बढ़ रहा है।3. कृषि यंत्रों में उपयोग होने से कृषि उत्पादन में सहयोग।3. कृषि यन्त्रों में उपयोग से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है एवं कई बीमारियाँ पैदा हो रही हैं।4. घरेलू कार्यों ईंधन आदि में उपयोग होने से कार्यों में सहयोगी।4. घरेलु कार्यों/ईंधन आदि में उपयोग से वायु एवं जल प्रदूषण बढ़ रहा है।5. उपयोग में आसानी एवं उपलब्धता में आसानी।5. भण्डार सीमित हैं। असीमित उपयोग से भण्डार समाप्त हो जायेंगे।
प्रश्न 3.
पेट्रोल या डीजल या केरोसिन का उपयोग दिनों-दिन बढ़ रहा है। इनका धुआँ वायु में मिल रहा है, वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। इस प्रदूषण प्रभाव को कम करने हेतु आप अपने सुझाव या विचार लिखिए।
उत्तर:
पेट्रोल, डीजल, केरोसिन के उपयोग के कुप्रभाव
पेट्रोल, डीजल, केरोसिन का अपूर्ण दहन होता है, जिसके फलस्वरूप कार्बन मोनोऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है, जो कि एक विषैली गैस है। यह रक्त में ऑक्सीजन वाहक क्षमता घटाने का कार्य करती है।
सीसायुक्त पेट्रोल में पाये जाने वाला टेट्रा एथिल लैड भी घातक प्रदूषक है। यह कैंसर एवं क्षय रोग का कारक है।
बचाव
वाहन चलाने हेतु सीसा रहित पेट्रोल, CNG का प्रयोग करना चाहिए।
घरों में ईंधन के लिए LPG का उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न 4.
दैनिक जीवन में प्रयुक्त ईंधन की सूची बनाइए।
उत्तर:
हमारे दैनिक जीवन में निम्न प्रकार के ईंधन विभिन्न घरेलू कार्यों/वाहनों/यंत्रों में हम काम में लेते हैं। इसे हम तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत कर सूचीबद्ध करते हैं।
ठोस ईंधन-लकड़ी का कोयला, पत्थर का कोयला, कण्डे, कृषि अपशिष्ट, लकड़ी आदि।
द्रव ईंधन-केरोसीन, डीजल, पेट्रोल, गेसोलीन, एल्कोहल आदि।
गैसीय ईंधन-गोबर गैस, वाटर गैस, कोल गैस, प्रोड्यूसर गैस, प्राकृतिक गैस, एल.पी.जी. आदि गैसीय ईंधन हैं।
प्रश्न 5.
पेट्रोलियम का खनन (कुआँ) का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:

प्रश्न 6.
सम्पूर्ण दहन, अपूर्ण दहन में क्या अन्तर है? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
क्र.सं.सम्पूर्ण दहनअपूर्ण दहन1नीली ज्वाला के साथ जलना सम्पूर्ण दहन होता है।पीली ज्वाला के साथ जलना अपूर्ण दहन होता है।2इसमें जलने वाले पदार्थ को पर्याप्त ऑक्सीजन की मात्रा मिलती है।इसमें जलने वाले पदार्थ को पर्याप्त ऑक्सीजन की मात्रा नहीं मिलती है।3इसमें निश्चित तापमान की आवश्यकता होती है।यह अनिश्चित तापमान पर भी हो जाता है।4यह धुआँ नहीं देता है।यह धुआँ देता है।5इससे प्रदूषण नहीं होता है।इससे प्रदूषण होता है।6यह कालिख नहीं देता है।यह कालिख देता है।7उदाहरण-एल.पी.जी. का दहन् ।उदाहरण-लकड़ी का दहन् ।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से कार्बन के क्रिस्टलीय रूप का उदाहरण
(अ) ग्रेफाइट
(ब) हीरा
(स) फुलरीन
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
निम्न में से कार्बन के अक्रिस्टलीय रूप का उदाहरण हैं
(अ) जानत्व चारकोल
(ब) हीरा
(स) ग्रेफाइट
(द) फुलरीन
उत्तर:
(अ) जानत्व चारकोल
प्रश्न 3.
ग्रेफाइट विद्युत का निम्न में से होता है
(अ) कुचालक
(ब) सुचालक
(स) हीन चालक
(द) उपर्युक्त में कोई नहीं
उत्तर:
(ब) सुचालक
प्रश्न 4.
निम्न में से मेथेन का सूत्र है
(अ) CH3
(ब) CH2
(स) CH4
(द) CH
उत्तर:
(स) CH4
प्रश्न 5.
निम्न में से दहन हेतु आवश्यक है
(अ) ऑक्सीजन
(ब) निश्चित तापमान
(स) ईंधन
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
प्रश्न 1.
कार्बन_____ तथा_____ दोनों अवस्थाओं में पाया जाता है। (मुक्त, संयुक्त/अमुक्त, असंयुक्त)
उत्तर:
मुक्त, संयुक्त
प्रश्न 2.
घरों में_____ गैस का उपयोग अधिकतम होता है। (एल.पी.जी./सी.एन.जी.)
उत्तर:
एल.पी.जी.
प्रश्न 3. कार्बन के क्रिस्टलीय एवं_____ दोनों रूप होते हैं। (अक्रिस्टलीय/अपररूप)
उत्तर:
अक्रिस्टलीय
प्रश्न 4.
ईंधन का जलना_____ का प्रमुख कारण (ताप/वायु प्रदूषण)
उत्तर:
वायु प्रदूषण
प्रश्न 5.
पेट्रोलियम का शोधन_____ द्वारा किया जाता है। (प्रभाजी आसवन/विभाजी आसवन)
उत्तर:
प्रभाजी आसवन।
सही मिलान कीजिए
प्रश्न 1.
निम्नांकित का सही मिलान कीजिए
कॉलम ‘A’कॉलम ‘B’1. पीट(A) 67 प्रतिशत कार्बन2. लिग्नाइट(B) 1859 में3. बिटुमनी(C) 60 प्रतिशत कार्बन4. एन्थ्रेसाइट(D) 80 प्रतिशत कार्बन5. विश्व का पहला तेल कुआँ(E) 90-98 प्रतिशत कार्बन
उत्तर:
1. (C)
2. (A)
3. (D)
4. (E)
5. (B)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्बन का एक रूप चिकना पदार्थ काजल कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर:
यह हमें तेल के अपूर्ण दहन से प्राप्त होता है।
प्रश्न 2.
अब तक हमें लगभग कितने तत्व ज्ञात हैं?
उत्तर:
अब तक हमें लगभग 118 तत्व ज्ञात हैं।
प्रश्न 3.
प्रकृति से प्राप्त तत्वों की संख्या बताइए।
उत्तर:
प्रकृति से प्राप्त तत्वों की संख्या 92 है।
प्रश्न 4.
कार्बन निर्जीव वस्तुओं में कौनसे रूप में उपस्थित होता है?
उत्तर:
निर्जीव वस्तुओं में कार्बन मुक्त एवं संयुक्त दोनों ही रूप में उपस्थित होता है।
प्रश्न 5.
प्रकृति में पाये जाने वाले कार्बन युक्त पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
शक्कर, ग्लूकोज, चाय, दुध, कोयला, पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस, केरोसीन, हीरा, ग्रेफाइट आदि में कार्बन पाया जाता है।
प्रश्न 6.
कार्बन की मुक्त अवस्था के उदाहरण बताइए।
उत्तर:
कोयला, कालिख, ग्रेफाइट, हीरा कार्बन की मुक्त अवस्था के उदाहरण हैं।
प्रश्न 7.
अधिकांश ईंधनों में कार्बन कौनसे रूप में उपस्थित रहता है?
उत्तर:
अधिकांश ईंधनों में कार्बन यौगिक या तत्व के रूप में उपस्थित रहता है।
प्रश्न 8.
हम खाना पकाने में कौन-कौन से ईंधन का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर:
दैनिक जीवन में हम खाना पकाने के लिए एल.पी.जी., लकड़ी, बायोगैस, लकड़ी का कोयला, पत्थर का कोयला आदि का प्रयोग करते हैं।
प्रश्न 9.
जैव द्रव्यमान (बायोमास) किसे कहते हैं ? उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
वनस्पतियों एवं जन्तुओं के शरीर में स्थित पदार्थों को जैव द्रव्यमान (बायोमास) कहते हैं। जैसे-लकड़ी, कृषि अपशिष्ट, गोबर आदि।
प्रश्न 10.
कार्बनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते हैं।
प्रश्न 11.
जीवाश्म ईंधन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
कोयले में मुख्य रूप से कार्बन होता है और यह वनस्पतियों के अवशेषों से बनता है। अतः यह एक प्रकार का जीवाश्म इंधन है।
प्रश्न 12.
पेट्रोलियम का शोधन कैसे किया जाता है?
उत्तर:
पेट्रोलियम का शोधन प्रभाजी आसवन द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 13.
पेट्रोलियम को खनिज तेल क्यों कहते हैं?
उत्तर:
पेट्रोलियम पृथ्वी के भीतर चट्टानों के नीचे पाया जाता है। अतः इस कारण इसे खनिज तेल भी कहते हैं।
प्रश्न 14.
द्रव सोना किसे एवं क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
पेट्रोलियम को द्रव सोना कहा जाता है क्योंकि वर्तमान युग में पेट्रोलियम किसी राष्ट्र के लिए सोने से भी अधिक धन बरसाने वाला होता है।
प्रश्न 15.
किसी पदार्थ के दहन के लिए आवश्यक घटकों के नाम बताओ।
उत्तर:
किसी पदार्थ के दहन के लिए तीन घटक आवश्यक हैं-
वायु (ऑक्सीजन)
निश्चित तापमान
ईंधन।
प्रश्न 16.
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन में सर्वप्रथम क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन में सर्वप्रथम 25°C से 30°C तापमान पर पेट्रोलियम गैस प्राप्त होती है।
प्रश्न 17.
ज्वलन तापमान से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
कोई भी पदार्थ जिस तापमान पर जलना शुरू करता है, उस तापमान को उस पदार्थ का ज्वलन तापमान कहते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कोयले में कार्बन की बढ़ती प्रतिशत मात्रा उसके गुणों में वृद्धि करती है, कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयला कितने प्रकार का होता है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
कोयले में उपस्थित कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयले को मुख्य रूप से चार भागों में विभाजित किया गया है
पीट (60 प्रतिशत)
लिग्नाइट (67 प्रतिशत)
बिटुमनी (80 प्रतिशत)
एन्थ्रेसाइट (90-98 प्रतिशत) कार्बन की मात्रा होती है।
प्रश्न 2.
अपररूप व अपररूपता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जब कोई तत्व दो या दो से अधिक रूपों में पाया जाता है जिनके भौतिक गुण भिन्न-भिन्न होते हैं, परन्तु रासायनिक गुण समान होते हैं, अपररूप कहलाते हैं। तत्वों के इस गुण को अपररूपता कहते हैं।
प्रश्न 3.
कार्बन के अपररूपों के बारे में संक्षिप्त में बताइए।
उत्तर:
कार्बन के दो प्रकार के अपररूप पाये जाते हैं
क्रिस्टलीय अपररूप-वे अपररूप जिनमें कार्बन परमाणुओं की कोई निश्चित ज्यामिति या संरचना होती है, वे कार्बन के क्रिस्टलीय अपररूप कहलाते हैं। जैसेग्रेफाइट, हीरा, फुलरीन आदि।
अक्रिस्टलीय अपररूप-वे अपररूप जिनमें कार्बन परमाणुओं की कोई निश्चित ज्यामिति या संरचना नहीं होती है, वे कार्बन के अक्रिस्टलीय अपररूप कहलाते हैं। जैसे-लकड़ी का कोयला, काजल आदि।
प्रश्न 4.
कार्बन के अपररूपों को चार्ट द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 5.
पदार्थ की तीन अवस्थाएँ होती हैं। इनके आधार पर ईंधन का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
ठोस ईंधन-लकड़ी का कोयला, पत्थर का कोयला, गोबर के उपले, काष्ठ, कृषि अपशिष्ट आदि ठोस ईंधन की श्रेणी में आते हैं।
द्रव ईंधन-केरोसीन, डीजल, पेट्रोल, गेसोलीन, एल्कोहल आदि द्रव ईंधन हैं।
गैसीय ईंधन-गोबर गैस, वाटर गैस (H2+ CO), कोल गैस, प्रोड्यूसर गैस (N2+ CO), प्राकृतिक गैस, द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) आदि गैसीय ईंधन हैं।
प्रश्न 6.
निम्न के बारे में बतलाइये
(i) विश्व में पहला तेल कुआँ
(ii) भारत में पहला तेल भण्डार
(iii) राजस्थान के तेल भण्डार
(iv) भारत में अन्य तेल कुएँ।
उत्तर:
(i) विश्व में पहला तेल कुआँ–विश्व का पहला तेल कुआँ पेनसिलवेनिया अमेरिका में 1859 में ड्रिल किया गया।
(ii) भारत में पहला तेल भण्डार–1867 में आसाम के माकुम नामक स्थान पर तेल भण्डारों का पता चला।
(iii) राजस्थान के तेल भण्डार-राजस्थान में बाड़मेर के मंगला, भाग्यम्, ऐश्वर्या, गुडा, रागेश्वरी, सरस्वती एवं कामेश्वरी कुओं की तेल के भण्डार के रूप में खोज हुई।
(iv) भारत में अन्य तेल कुएँ- भारत के गुजरात, मुम्बई, गोदावरी, कृष्णा नदियों का बेसिन आदि क्षेत्रों में भी तेल के कुएँ हैं।
प्रश्न 7.
पेट्रोलियम के उपयोग बताइए।
उत्तर:
कृषि क्षेत्र, उद्योगों, यातायात, संचार, घरों एवं व्यावसायिक कार्यों में पेट्रोलियम के विभिन्न रूपों का निरन्तर उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 8.
पेट्रोलियम गैस पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम गैस-पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन से सर्वप्रथम 25 से 30°C तापमान पर पेट्रोलियम गैस अलग होती है। यह मुख्य रूप से वाहनों एवं रसोई गैस के रूप में उपयोगी है। इसमें मुख्यतया एथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन, आइसोब्यूटेन का मिश्रण होता है। इस मिश्रण को उच्च दाब पर आसानी से द्रवित किया जाता है, जिसे लिक्विफाइड-पेट्रोलियम गैस (LPG) कहते हैं। इसका उपयोग घरेलू ईंधन के रूप में किया जाता है। यह कम समय में अधिक ऊष्मा देती है और धूम रहित, प्रदूषण रहित, कालिख रहित होती हैं।
प्रश्न 9.
संपीडित, प्राकृतिक गैस (CNG) के बारे में जानकारी प्रदान कीजिए।
उत्तर:
CNG-पेट्रोलियम खनन के समय प्राप्त गैसे प्राकृतिक गैस कहलाती हैं। इनमें मुख्यतः मेथेन गैस (CH4) होती है। इनका उपयोग वाहनों में ईंधन के रूप में होता है। इसे संपीडित कर सिलेण्डरों में भर लेते हैं। अतः इसे संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 10.
दहन किसे कहते हैं? दहन के प्रकारों का वर्णन उदाहरण सहित कीजिए।
उत्तर:
दहन-कोई भी पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलता है तो इस क्रिया को दहन कहते हैं।
दहन के प्रकार-पदार्थों में दहन दो प्रकार का पाया जाता है
सम्पूर्ण दहन-जब किसी भी पदार्थ को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है तो वह नीली ज्वाला के साथ जलता है, जिसे सम्पूर्ण दहन कहते हैं। उदाहरण-एल.पी.जी. का दहन।
अपूर्ण दहन-जब किसी भी पदार्थ को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती है तो वह पीली ज्वाला के साथ जलता है, इसे अपूर्ण दहन कहते हैं। उदाहरण-लकड़ी का दहन।
प्रश्न 11.
ऊर्जा संरक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
ऊर्जा के भण्डार सीमित हैं। अतः यह आवश्यक है कि इनका उपयोग हम सीमित एवं आवश्यकतानुसार ही विवेकपूर्ण तरीके से करें। इसके परिणामस्वरूप ऊर्जा संरक्षित होगी एवं पर्यावरण भी संरक्षित होगा, साथ ही विश्व ऊष्णन का खतरा भी कम होगा। इसलिए ऊर्जा संरक्षण अत्यावश्यक है।
प्रश्न 12.
जागरूक नागरिक होने के नाते आप वाहन चालकों को ईंधन बचाने हेतु क्या-क्या सुझाव देंगे?
अथवा
पी.सी.आर.ए. (P.C.R.A.) को पूरा नाम लिखिए एवं पेट्रोल/डीजल बचाने हेतु इनके द्वारा दिये गये चार उपाय लिखिए।
अथवा
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) द्वारा पेट्रोल-डीजल बचत के लिए दिए गए सुझावों को लिखिए।
उत्तर:
पी.सी.आर.ए. (P.C.R.A.) का पूरा नाम पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ है। इसके द्वारा पेट्रोल/ डीजल बचाने के निम्न सुझाव दिये गये हैं
जहाँ तक सम्भव हो गाड़ी समान और मध्यम गति से चलाएँ।
यातायात लाइटों पर अथवा जहाँ आपको प्रतीक्षा करनी हो, गाड़ी का इंजन बन्द कर देना चाहिए।
टायरों का दाब सही रखना चाहिए।
गाड़ी का नियमित रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए।
प्रश्न 13.
आपके विचार में एलपीजी को अच्छा ईंधन समझे जाने के क्या कारण हैं? कोई तीन लिखिए।
उत्तर:
एलपीजी को एक अच्छा ईंधन समझे जाने के निम्नलिखित कारण हैं
एलपीजी बिना धुआँ उत्पन्न किए जलती है जिससे वायु का प्रदूषण नहीं होता।
एलपीजी का ऊष्मीय मान उच्च होता है जिससे वह जलने पर अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न करती है।
एलपीजी पूर्णतया जलती है और कोई अवशेष नहीं छोड़ती।
एलपीजी आसानी से जलती है।
एलपीजी के जलने से कोई हानिकारक गैस नहीं बनती।
प्रश्न 14.
एक क्रियाकलाप द्वारा समझाइए कि ऑक्सीजन की उपस्थिति दहन के लिए आवश्यक है।
उत्तर:
क्रियाकलाप–हम एक मोमबत्ती लेकर इसे जलाएँगे। अब इस जलती हुई मोमबत्ती को कांच के गिलास या जार से ढकेंगे। हम देखेंगे कि कुछ समय बाद मोमबत्ती बुझे जाती है।
निष्कर्ष-जब तक जार अथवा गिलास में ऑक्सीजन थी, मोमबत्ती जलती रही। ऑक्सीजन खत्म होने के बाद मेमबत्ती बुझ गई। इससे स्पष्ट है कि दहन के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति आवश्यक है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ईंधन के विभिन्न स्रोतों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ईंधन के विभिन्न स्रोत
जैव द्रव्यमान (बायोमास )-वनस्पतियों एवं जन्तुओं के शरीर में स्थित पदार्थों को जैव द्रव्यमान कहते हैं। जैसे-लकड़ी, कृषि अपशिष्ट, गोबर आदि।
कच्चे तेल के कुएँ–कच्चे तेल के प्रभाजी आसवन से विभिन्न पेट्रोलियम पदार्थ ईंधन के रूप में प्राप्त होते
कोयले की खान-कोयले की खान से पत्थर का कोयला ईंधन के रूप में प्राप्त किया जाता है। ईंधन पदार्थ की तीनों अवस्थाओं में पाया जाता है।
ठोस ईंधन-लकड़ी का कोयला, पत्थर का कोयला, काष्ठ, गोबर के उपले (कण्डे), कृषि अपशिष्ट आदि ठोस ईंधन हैं।
द्रव ईंधन-केरोसीन, डीजल, पेट्रोल, गैसोलीन, एल्कोहल आदि द्रव ईंधन हैं।
गैसीय ईंधन-गोबर गैस, वाटर गैस, कोल गैस, प्रोड्यूसर गैस, प्राकृतिक गैस, द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) आदि गैसीय ईंधन हैं।
प्रश्न 2.
प्राकृतिक कोयले का निर्माण कैसे होता है? इसके प्रकारों के बारे में बताइए।
उत्तर:
प्राकृतिक कोयले का निर्माण–पृथ्वी पर लाखों वर्ष पूर्व निचले जलीय क्षेत्रों में घने वन थे। बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण वे वन भूमि के नीचे दब गए एवं उनके ऊपरे अधिक मृदा जम जाने के कारण वे संपीड़ित हो गये। जैसे-जैसे उनकी गहराई बढ़ती गई, उनको तापमान भी बढ़ता गया।
उच्च दाब एवं उच्चताप के कारण पृथ्वी के भीतर दबे पेड़-पौधे धीरे-धीरे कोयले में परिवर्तित हो गए। इस प्रकार प्राकृतिक कोयले का निर्माण हुआ। मृत वनस्पति के धीमे-धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते हैं। कोयले में मुख्य रूप से कार्बन होता है। चूँकि यह वनस्पतियों के अवशेष से बना है अतः यह एक प्रकार का जीवाश्म ईंधन है।
कोयले में कार्बन की मात्रा के आधार पर इसे चार भागों में वर्गीकृत किया गया है|
पीट-इसमें लगभग 60% कार्बन होता है।
लिग्नाइट-इसमें लगभग 67% कार्बन होता है।
बिटुमनी-इसमें लगभग 80% कार्बन होता है।
एन्थ्रेसाइट-इसमें लगभग 90-98% कार्बन होता है।
प्रश्न 3.
पेट्रोलियम-निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर:
पेट्रोलियम, समुद्र में रहने वाले उन छोटे-छोटे पौधों तथा जन्तुओं के अवशेषों के विघटन से बनता है जो लाखों-करोड़ों वर्ष पहले समुद्र में दब गए थे। समुद्र में रहने वाले छोटे-छोटे जीव, मरने के पश्चात् डूबकर समुद्र की तली पर पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। समुद्र में गहरे दबे हुए ये जीव-अवशेष, दाब तथा ताप के प्रभाव से और बैक्टीरिया की उत्प्रेरक क्रिया के कारण धीरे-धीरे हाइड्रोकार्बनों में परिवर्तित हो जाते हैं जिसे हम पेट्रोलियम कहते हैं। जीव अवशेषों का पेट्रोलियम में परिवर्तन, ऑक्सीजन (या वायु) की अनुपस्थिति में होता है। और इसमें लाखों वर्ष का लम्बा समय लगा है।
प्रश्न 4.
पेट्रोलियम शोधन प्रक्रिया को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
पेट्रोलियम का शोधन-पेट्रोलियम का शोधन प्रभाजी आसवन द्वारा किया जाता है।
पेट्रोलियम गहरे भूरे रंग का चिकना गाढ़ा द्रव होता है। यह अनेक हाइड्रोकार्बन का मिश्रण होता है। खनन से प्राप्त पेट्रोलियम (कच्चा तेल) का ईंधन के रूप में सीधा उपयोग नहीं किया जा सकता है। पेट्रोलियम के विभिन्न अवयवों यथा पेट्रोलियम गैस, पेट्रोल, नैफ्था, डीजल, केरोसिन आदि का क्वथनांक भिन्न-भिन्न होता है।
कच्चे तेल को एक ऊर्ध्व बेलनाकार पात्र (प्रभाजक स्तम्भ) के पेंदे में भरकर धीरे-धीरे उसे गरम करते हैं। तब सर्वप्रथम पेट्रोलियम गैस, उसके बाद क्रमशः पेट्रोल, नैफ्था, केरोसीन, डीजल आदि वाष्पित होकर ऊपर आते हैं, जिन्हें संघनित कर एकत्रित कर लिया जाता है। इस विधि को प्रभाजी आसवन विधि कहते हैं। पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन से क्रमशः निम्न उत्पाद प्राप्त होते हैं
पेट्रोलियम गैस
पेट्रोल
नैफ्था
केरोसिन
डीजल
स्नेहक तेल
पैराफिन मोम
डामर (पेट्रोलियम कोलतार) आदि।

प्रश्न 5.
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन से प्राप्त उत्पादों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन से निम्न पेट्रो उत्पाद प्राप्त होते हैं
पेट्रोलियम गैस-पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन में सर्वप्रथम 25°C से 30°C तापमान पर पेट्रोलियम गैस अलग होती है। इसमें मुख्य रूप से ऐथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन, आइसोब्यूटेन का मिश्रण होता है। इस मिश्रण को उच्च दाब पर आसानी से द्रवित किया जाता है, जिसे एल.पी.जी. कहते हैं। यह रसोई के ईंधन में काम आती है।
पेट्रोल-30°C से 120°C तापमान पर पेट्रोलियम से पेट्रोल अलग होता है। वाहनों में ईंधन के रूप में पेट्रोल का उपयोग होता है एवं ड्राईक्लीन (शुष्क धुलाई) में भी उपयोग होता है।
नैफ्था-120°C से 180°C तापमान पर पेट्रोलियम से नैफ्था को अलग किया जाता है। ईंधन एवं रासायनिक अभिक्रियाओं में नैफ्था का उपयोग करते हैं।
केरोसिन–180°C से 260°C तापमान पर केरोसिन पेट्रोलियम से पृथक् हो जाता है। इसका उपयोग रसोई में, जेट वायुयान में, चिमनी, लालटेन आदि में किया जाता है।
डीजल-260° से 340° तापमान पर डीजल को अलग किया जाता है। इसका उपयोग भारी मोटर वाहन, ट्रक, ट्रैक्टर, विद्युत जनित्रों आदि में किया जाता है।
स्नेक तेल ( लुब्रिकेन्ट)-पेट्रोलियम से स्नेहक तेल को 350°C पर पृथक् किया जाता है।
पैराफिन मोम-यह भी पेट्रोलियम का उत्पाद है। इसका उपयोग मोमबत्ती, बूट पॉलिश तथा मोमयुक्त कागज बनाने में किया जाता है।
डामर (पेट्रोलियम कोलतार)-इसे 600°C तापमान पर पेट्रोलियम से अलग किया जाता है। यह पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन का अन्तिम अवशेष है। इसका उपयोग सड़क बनाने में किया जाता है।
प्रश्न 6.
चित्र को देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

1. चित्र में किस पदार्थ की क्रिस्टलीय संरचना दर्शाई गई है?
2. इस पदार्थ की दो विशेषताएँ दीजिए।
3. इस तत्व के कोई तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर:
1. चित्र में ग्रेफाइट की क्रिस्टलीय संरचना दर्शाई गई है।
2. पदार्थ की दो विशेषताएँ
ग्रेफाइट एक धूसर पदार्थ होता है। स्पर्श करने पर यह चिकना प्रतीत होता है।
ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है।
3. तत्व के कोई तीन उपयोग
पेन्सिल में
विद्युत आर्क में
शुष्क सेलों में।
प्रश्न 7.
चित्र को देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिएपेट्रोलियम

1. यह किस प्रक्रिया का चित्र है?
2. पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन से प्राप्त किन्हीं चार पदार्थों का नाम लिखिए।
3. इनमें से किन्हीं तीन पदार्थों का उपयोग भी बताइये।
उत्तर:
1. यह पेट्रोलियम के खनन (कुएँ) का चित्र है।
2. पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन से प्राप्त चार पदार्थ
पेट्रोलियम गैस
पेट्रोल
नैफ्था
डामर।
3. उपयोग
पेट्रोलियम गैस–रसोई में ईंधन के रूप में।
पेट्रोल-वाहनों में ईंधन तथा ड्राईक्लीन में उपयोग।
डामर सड़क बनाने में।