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कंप्यूटर क्या है
कंप्यूटर का ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो उपयोगकर्ता द्वारा इनपुट किए गए डाटा में प्रोसेस करती है और सूचनाओं को रिजल्ट के रूप में प्रदान करती है. सीधे शब्दों में कहें तो “कंप्यूटर एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए निर्देशों को ग्रहण करती है डाटा को प्रोसेस करती है साथ ही यह डाटा को स्टार्ट कर सकती है एवं जरूरत पड़ने पर उस डाटा को हमें दोबारा इस्तेमाल करने के लिए भी प्रदान करती है”.
कम्प्यूटर के प्रकार
कम्प्यूटर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं-
अनुप्रयोग (Application)
उद्देशय (Purpose)
आकार (Size)
कम्प्यूटर की विशेषताएं
कम्प्यूटर की कुछ खास विशेषताएँ निम्न हैं-
गति (Speed)
शुद्धता (Accuracy)
परिश्रमी (Diligence)
बहुप्रतिभा (Versatility)
स्वचालित (Automation)
संप्रेषण (Communication)
भंडारण क्षमता (Storage Capacity)
विश्वसनीय (Reliability)
प्रकृति का दोस्त (Nature Friendly)
कम्प्यूटर की सीमाएं
कम्प्यूटर एक मशीन हैं जिसे अपना कार्य करने के लिए इंसानों पर निर्भर रहना पडता हैं. जब तक इसमे निर्द्श प्रविष्ट नहीं होंगे यह कोई परिणाम उत्पादित नहीं कर सकता हैं.
कम्प्यूटर में कोई विवेक नहीं होता हैं. यह बुद्धिहीन मशीन होती हैं. इसमें सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती हैं.
कंप्यूटर का इतिहास
अगर कंप्यूटर के इतिहास को देखे तो मानव के लिए गणितीय गणना करना शुरु से ही कठिन रहा है तब हमे एक ऐसे यंत्र की आवश्यकता महसूस होने लगी जिसकी सहायता से हम आसानी से अपनी गणितीय गणना कर सके। एबाकस (ABACUS) पहली मैकेनिकल (Mechanical) गणना करने वाली मशीन थी। जिसकी सहायता से हम बड़ी संख्या और आंकड़े की गणना किया जा सकता था और अंकगणित इत्यादि कर सकते थे। यह लगभग 5000 साल पहले चीन में आविष्कार हुआ था। इसमें संख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए मोतियों के साथ कई छड़ हैं।
1616 में, सर जॉन नेपियर ने एक गणना उपकरण बनाया और इसे नैपियर बोन्स (Napier’s Bones) कहा गया। इसका उपयोग से जोड़ (Addition), घटाव (Subtraction), गुणा (Multiplication) और भाग (Division) किया जाता था।
सन् 1642 में ब्लेज़ पास्कल ने पास्कलाइन का आविष्कार किया, जो एक यांत्रिक मशीन था। इसमें आठ चलने वाले पहियों के साथ एक आयताकार बॉक्स शामिल था। यह 10, 100 और 1000 के साथ जोड़ने, घटाने में सक्षम था। यह अबेकस से अधिक गति से गणना करता था, तथा ये पहला मैकेनिकल कैलकुलेटर था।
सन् 1822 में चार्ल्स बेबेज ने पास्कलिन से प्रेरणा लेकर पहला यांत्रिक कंप्यूटर का आविष्कार किया था, इसे डिफ्रेन्सियल इंजन कहा जाता था। चार्ल्स बैबेज एक ब्रिटिश गणितज्ञ है, जिसे कंप्यूटर के पिता के रूप में माना जाता है, उन्होंने एनालिटीकल इंजन के रूप में जाना जाने वाला पहला सामान्य कंप्यूटर का आविष्कार किया।
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कम्प्यूटर का पूरा नाम
कम्प्यूटर की फुल फॉर्म काफी लोकप्रिय और अर्थपूर्ण है जो की इस प्रकार है-
C – Commonly
O – Operating
M – Machine
P – Particularly
U – Used in
T – Technology
E – Education and
R – Research
अर्थात- Commonly Operating Machine Particularly Used in Technology Education and Research.
कंप्यूटर का विकास
कंप्यूटर का विकास तथा डिफ्रेन्सियल और एनालिटीकल इंजन का अविष्कार सन् 1822 में चार्ल्स बेबेज ने पास्कलिन से प्रेरणा लेकर पहला यांत्रिक कंप्यूटर का आविष्कार किया था, इसे डिफ्रेन्सियल इंजन कहा जाता था। उन्होंने विचित्र-विचित्र मशीने जैसे “डिफरेंशिअल इंजन” तथा “एनालिटीकल इंजन” बनाया जो सही तरीके से गणना कर सकते थे। वहीं सन 1837 में, चार्ल्स बेबेज (Charles Babbage) ने पहला General Mechanical Computer, Propose किया जिसका नाम रखा Analytical Engine.
कंप्यूटर का जन्मदाता कौन है
चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 नवंबर 1791 को हुआ था। उन्हें “फॉदर ऑफ कंप्यूटर” कहा जाता है।
कंप्यूटर का पुराना नाम
कंप्यूटर के हिंदी में कई नाम हैं, कंप्यूटर गणना करता है इसलिये इसे संगणक (SANGANAK) कहते हैं.
कंप्यूटर का मुख्य कार्य
कंप्यूटर की कार्य प्रणाली यह है कि ये डेटा को इनपुट के रूप में लेता है और निर्देशों के हिसाब से उसे प्रोसेस करता तथा अंत में परिणाम को आउटपुट के रूप में देता है। कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए हार्डवेयर की भी आवश्यकता होती है।
कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस
इनपुट डिवाइस (Input Device) वे Device होते है जिनके द्वारा हम अपने डाटा या निर्देशों को Computer में Input करा सकते हैं| इनपुट डिवाइस कंप्यूटर तथा मानव के मध्य संपर्क की सुविधा प्रदान करते हैं| Computer में कई Input Device होते है ये Devices Computer के मस्तिष्क को निर्देशित करती है कि वह क्या करे? Input Device कई रूप में उपलब्ध है तथा सभी के विशिष्ट उद्देश्य है टाइपिंग के लिये हमारे पास Keyboard होते है, जो हमारे निर्देशों को Type करते हैं|
इनपुट डिवाइस कई प्रकार के होते है जो निम्न है–
कीबोर्ड (Keyboard)
माउस (Mouse)
जॉयस्टिक (Joystick)
ट्रैकबॉल (Trackball)
लाइट पेन (Light pen)
टच स्क्रीन (Touch screen)
डिजिटल कैमरा (Digital Camera)
स्कैनर (Scanner)
डिजिटाइज़र टैबलेट (Digitizer Tablet)
बारकोड रीडर (Bar Code Reader)
ओएमआर (OMR)
ओसीआर (OCR)
कंप्यूटर में आउटपुट डिवाइस
हार्डवेयर का एक अवयव अथवा कंप्यूटर का मुख्य भौतिक भाग है जिसे छुआ जा सकता है, यह सूचना के किसी भी प्रकार जैसे- ध्वनि (Sound), डाटा (Data), मेमोरी (Memory), आकृतियाँ (Layout) इत्यादि को प्रदर्शित कर सकता हैं. आउटपुट डिवाइस (Output Devices) में सामान्यतः मोनिटर (Monitor) प्रिंटर (Printer) इयरफोन (Earphone) तथा प्रोजेक्टर (Projector) सम्मिलित है.
आउटपुट डिवाइस कई प्रकार के होते है-
मॉनीटर (Monitor)
प्रिंटर (Printer)
प्लोटर (Plotter)
प्रोजेक्टर (Projector)
साउंड कार्ड (Sound Card)
इअर फोन (Ear phone)
हार्डवेयर क्या होता है
वे सभी उपकरण जो कम्प्यूटर से सीधे जुड़े होते हैं वो ऑन लाइन (Online) उपकरण कहलाते हैं तथा जो उपकरण अलग से उपयोग किये जाते हैं तथा कम्प्यूटर से जुड़े नहीं होते हैं वो ऑफलाइन (Offline) उपकरण कहते हैं. इन उपकरणों और साधनों को ही हार्डवेयर (Hardware) कहा जाता है.
कम्प्यूटर के वे सभी यांत्रिक विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिन्हें देखा एवं छुआ जा सकता है कम्प्यूटर हार्डवेयर की श्रेणी में आते है.
कम्प्यूटर की समस्त इनपुट तथा आउटपुट इकाईयाँ कम्प्यूटर हार्डवेयर की श्रेणी में आते है.
स्टैण्डर्ड डिवाइस जैसे की - बोर्ड , फ्लॉपी ड्राइव , हार्ड डिस्क , प्रिन्टर आदि इसके अन्तर्गत वे डिवाइस जिन्हें कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है पैरीफेरल डिवाइस दोनों को सम्मिलित रूप से कम्प्यूटर हार्डवेयर कहते है.
माउस क्या है
माउस एक इनपुट डिवाइस है, जिसका वास्तविक नाम Pointing Device है. इसका उपयोग मुख्यत: कम्प्यूटर स्क्रीन पर Items को चुनने, उनकी तरफ जाने तथा उन्हे खोलने एवं बदं करने में किया जाता है. माउस के द्वारा यूजर कम्प्यूटर को निर्देश देता है. इसके द्वारा यूजर कम्प्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुँच सकता है.
माउस के विभिन्न प्रकार
माउस को कई अलग-अलग रुप से विकसित किया गया है. जिन्हे पांच प्रकार से बांट गया है.
Mechanical Mouse
Optical Mouse
Wireless Mouse
Trackball Mouse
Stylus Mouse
Mechanical Mouse- इस माउस का आविष्कार सन 1972 में Bill English ने किया था. Mechanical Mouse निर्देशों के लिए एक बॉल का इस्तेमाल करता था. इसलिए इसे Ball Mouse भी कहा जाता हैं. इस बॉल को दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे घुमाया जा सकता था.
Optical Mouse- इस माउस में LED – Light Emitting Diode तथा DSP – Digital Signal Processing तकनीक पर कार्य करता है. Optical Mouse में कोई भी बॉल नही होती हैं. इसकी जगह पर एक छोटा-सा बल्ब लगा होता है. इसलिए माउस को हिलाने पर पॉइंटर हलचल करता है तथा इसमे मौजूद बटन के द्वारा हम कम्प्यूटर को निर्देश देते है. आजकल इसी प्रकार के माउस का इस्तेमाल होता है.
Wireless Mouse- यह बिना तार का माउस Wireless Mouse कहलाता है. इसे Cordless Mouse भी कहते है. इसकी बनावट Optical Mouse की तरह होती है. इसलिए इसका उपयोग करने के लिए एक Transmitter तथा Receiver की जरूरत होती है. Transmitter तो माउस में ही बना होता है और Receiver को अलग से बनाया जाता है. जिसे कम्प्यूटर में लगाया जाता हैं. इस माउस को चलाने के लिए बैटरी की जरुरत होती है. इसलिए हमे अलग से छोटी बैटरी भी खरीदनी पडती है.
Trackball Mouse- इस माउस की बनावट भी कुछ Optical Mouse की तरह होती हैं. मगर इसमें नियंत्रण के लिए ball का इस्तेमाल होता हैं. कम्प्यूटर को निर्देश देने के लिए युजर को अपनी अगुँली या अगुँठे से बॉल को घुमाना पडता हैं. यह माउस हमें ज्यादा नियंत्रण नही देता है और इसे चलाने में समय भी लगता है.
Stylus Mouse- इस प्रकार के माउस को gStick Mouse भी कहा जाता है क्योंकि Stylus Mouse का आविष्कार Gordon Stewart ने किया था. इसलिए gStick में ‘g’ का मतलब Gordan होता है.
CPU क्या है
सीपीयू (CPU) कंप्यूटर को चलाने के लिए एक छोटा सा पुर्जा होता है। जिसे कंप्यूटर का मस्तिष्क/दिमाग कहा जाता है। CPU का पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) है। ये कंप्यूटर के अंदर मदरबोर्ड (Motherboard) पर लगाया जाता है। CPU का काम बिलकुल हमारे Brain यानि दिमाग जैसा ही होता है। जैसे हमारे शरीर में हमारा मस्तिष्क हमारे सारे प्रक्रियाओं को Control करता है, ठीक वैसे ही एक कंप्यूटर में भी CPU उसके भीतर और बाहर हो रहे सभी फंक्शन्स को नियंत्रित करता है। सीपीयू (CPU) को Processor, Central Processor, या Microprocessor इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।
CPU के प्रकार
सीपीयू (CPU) के प्रकार निम्नलिखित है-
सिंगल कोर (Single Core CPU)- कंप्यूटर में सबसे पहले सिंगल कोर CPU का ही प्रयोग किया गया था। सिंगल कोर प्रोसेसर Multi-Tasking के लिए सही विकल्प नहीं थे। इनमे जब भी User एक से ज्यादा Application Run करता था तभी इनकी Performance बहुत ही धीमी हो जाती थी।
डुएल कोर (Dual Core CPU)- डुएल कोर CPU असल में Single CPU ही होता है, लेकिन इसमें दो Cores होते हैं। इसी कारण ये CPU दो CPU की तरह Function करता है। डुएल कोर CPU बड़े ही आराम से Multitasking को Manage कर सकता है वो भी Efficiently के साथ। इस प्रोसेसर की Clock-Speed भी लगभग दुगनी हो जाती है जिसके कारण मल्टीटास्किंग आसान हो जाते है।
क्वॉड कोर (Quad Core CPU)- क्वॉड कोर CPU चार Single कोर CPU के बराबर काम करता है, क्यूंकि यह चार कोर एक साथ काम करती है। ये नहीं है की ये किसी एक Application की स्पीड को चार गुना कर देगा, ये सिर्फ Multitasking वर्क को ही जल्दी करेगा।
हैक्सा कोर (Hexa Core CPU)- हैक्सा कोर CPU में क्वॉड कोर/Quad Core के मुकाबले छः Cores होते हैं। इसलिए इसके काम करने की Speed और ज्यादा तेज होगी और मल्टीटास्किंग के लिए भी ज्यादा उपुक्त रहेगा।
ओक्टा कोर (Octa Core CPU)- ओक्टा कोर CPU में आठ Cores होते हैं, जो मल्टीटास्किंग की गति को एक अलग ही स्तर तक ले जाते हैं।
डेका कोर (Deca Core CPU)- डेका कोर CPU में दश Cores होते हैं, यह अब तक का सबसे Powerful CPU है, जो बड़े और लम्बे Project की Rendering या 3D, VFX मॉडलिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
बिट अथवा बाइट क्या है
मेमोरी में स्टोर किया गया डाटा 0 या 1 के रूप में परिवर्तित हो जाता है. 0 तथा 1 को संयुक्त रूप से बाइनरी डिजिट कहा जाता हैं. संक्षेप में इसे बिट भी कहा जाता हैं. यह बिट कंप्यूटर कि मेमोरी में घेरे गे स्थान को मापने की सबसे छोटी इकाई होती हैं.
8 Bits = 1 Bytes
1024 Bytes = 1 Kilobyte (1 KB)
1024 KB = 1 Megabyte (1MB)
1024 MB = 1 Gigabyte (1 GB)
1024 GB = 1 Terabyte (1 TB)
By Bhushan Sahu
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