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जंतु जगत का एक सामान्य परिचय
Introduction -- जंतु जगत बहुकोशिकीय , विषमपोषी (HETEROTROPHIC), यूूकैरियोोटिक जीवों की समूह के अंतर्गत लगभग 1200000 जंतुओं को शामिल किया जा चुका है और आज भी नई नई प्रजातियां प्राप्त हो रही है । इस जगत के जीवो में संख्यात्मक विविधता के साथ उनकी संरचना एवं कार्यों में अत्यधिक विविधता होती है चुंकि ये जंतु विशमपोषी होते हैं , अतःये आपने भोजन की तलाश एवं अन्य कारणो से एक स्थान से दूसरे स्थान पर गति करते हैं। कुछ जंतु एक स्थान पा स्थिर भी होते हैं ऐसे जीव प्रायः जल में ही पाए जाते है तथा इनमें भोजन जल की तरंगों के माध्यम से प्रवेश करता है
Posted by STUDY SUPPORT MASTER TEAM
इस जगत के अंतर्गत आने वाले सभी बहुकोशिकीय जीवो को मेटा जोअन ( metazoans) कहते है । इनकी सभी कोशिकाएं जीवन की अधिकांश आवश्यक प्रक्रियाओं को संचालित करती है , परन्तु इनका शरीरबहुकोशिकिय होता है अतः ये शी जैविक प्रक्रियाओं को स्वयं संचालित नहीं कर पाती हैं शरीर में उपस्थित कोशिकाएं उत्तक तंत्र बनाती है तथा उत्तक तंत्रो से अंग तंत्र बनता है । ये विशेष अंग कार्यों को करते है । आइए प्रकार जंतुओं के शरीर में प्रकार्यात्मक श्रम विभाजन ( physiological division of labour ) पाया जाता है।