जल-वाहित रोगों की रोकथाम के लिए आप क्या उपाय अपनायेंगे?
उत्तर- पानी के द्वारा संचारित होने वाले कुछ मुख्य रोग हैं-टाइफॉइड, अमीबता, ऐस्केरिसता आदि।
इन रोगों की रोकथाम के लिए-
(1) पानी को उबाल कर या फिल्टर करके पीना चाहिए। पीने के पानी को साफ बर्तन में ढंककर रखें।
(2) जलाशयों, कुंडों और मलकुंडों और तालाबों की समय-समय पर सफाई करनी चाहिए।
(3) मलेरिया और फाइलेरिया जैसे रोगों के रोगवाहकों और उनके प्रजनन की जगहों का नियंत्रण खत्म कर देना चाहिए। इसके लिए आवासीय क्षेत्रों में और उसके आस-पास पानी को जमा नहीं होने देना चाहिए।
शीतलयंत्रों (कूलर) की नियमित सफाई, मच्छरदानी का प्रयोग, मच्छर के डिंबकों को खाने वाली गंबुजिया जैसी मछलियाँ डालनी चाहिए। खाइयों, जलनिकास क्षेत्रों और अनूपों (दलदलों) (स्वंप्स) आदि में कीटनाशकों के छिड़काव किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त दरवाजों और खिड़कियों में जाली लगानी चाहिए ताकि मच्छर अन्दर न घुस सकें।
इन रोगों की रोकथाम के लिए-
(1) पानी को उबाल कर या फिल्टर करके पीना चाहिए। पीने के पानी को साफ बर्तन में ढंककर रखें।
(2) जलाशयों, कुंडों और मलकुंडों और तालाबों की समय-समय पर सफाई करनी चाहिए।
(3) मलेरिया और फाइलेरिया जैसे रोगों के रोगवाहकों और उनके प्रजनन की जगहों का नियंत्रण खत्म कर देना चाहिए। इसके लिए आवासीय क्षेत्रों में और उसके आस-पास पानी को जमा नहीं होने देना चाहिए।
शीतलयंत्रों (कूलर) की नियमित सफाई, मच्छरदानी का प्रयोग, मच्छर के डिंबकों को खाने वाली गंबुजिया जैसी मछलियाँ डालनी चाहिए। खाइयों, जलनिकास क्षेत्रों और अनूपों (दलदलों) (स्वंप्स) आदि में कीटनाशकों के छिड़काव किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त दरवाजों और खिड़कियों में जाली लगानी चाहिए ताकि मच्छर अन्दर न घुस सकें।
(3) मलेरिया और फाइलेरिया जैसे रोगों के रोगवाहकों और उनके प्रजनन की जगहों का नियंत्रण खत्म कर देना चाहिए। इसके लिए आवासीय क्षेत्रों में और उसके आस-पास पानी को जमा नहीं होने देना चाहिए।
शीतलयंत्रों (कूलर) की नियमित सफाई, मच्छरदानी का प्रयोग, मच्छर के डिंबकों को खाने वाली गंबुजिया जैसी मछलियाँ डालनी चाहिए। खाइयों, जलनिकास क्षेत्रों और अनूपों (दलदलों) (स्वंप्स) आदि में कीटनाशकों के छिड़काव किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त दरवाजों और खिड़कियों में जाली लगानी चाहिए ताकि मच्छर अन्दर न घुस सकें।
शीतलयंत्रों (कूलर) की नियमित सफाई, मच्छरदानी का प्रयोग, मच्छर के डिंबकों को खाने वाली गंबुजिया जैसी मछलियाँ डालनी चाहिए। खाइयों, जलनिकास क्षेत्रों और अनूपों (दलदलों) (स्वंप्स) आदि में कीटनाशकों के छिड़काव किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त दरवाजों और खिड़कियों में जाली लगानी चाहिए ताकि मच्छर अन्दर न घुस सकें।