प्रश्न 1.
शुल्क संघ जॉलवेराइन कब स्थापित हुआ?
उत्तर:
1834 ई० में।
प्रश्न 2.
सर्वप्रथम औद्योगिक क्रांति किस क्षेत्र में हुई?
उत्तर:
इंग्लैंड में।
प्रश्न 3.
आलोडून भट्ठी की खोज किसने की थी?
उत्तर:
हेनरी कोर्ट ने।
प्रश्न 4.
विलियम प्रथम ने युद्ध मंत्री किस बनाया था?
उत्तर:
वानरुन को।
प्रश्न 5.
गेस्टाइन समझौता किन देशों के मध्य हुआ था?
उत्तर:
प्रशा और आस्ट्रिया के मध्य हुआ था।
प्रश्न 6.
कार्बोनरी की स्थापना कब और कहाँ हुई?
उत्तर:
कार्बोनरी गुप्त संस्था की स्थापना 1810 ई० में नेपल्स में हुई थी।
विश्व का इतिहास लघूत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
युवा इटली का निर्माण कब और किसने किया?
उत्तर:
यंग इटली की स्थापना मेजिनी ने 1831 ई० में की, जिसने इटली के राष्ट्रीय आंदोलन में शीघ्र कार्बोनरी का स्थान ले लिया।
प्रश्न 2.
जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क का योगदान लिखिए।
उत्तर:
बिस्मार्क एक चतुर राजनीतिज्ञ, अंतर्राष्ट्रीय मामलों की जानकार तथा कूटनीतिक कुशलता से परिपूर्ण व्यक्तित्व का धनी व्यक्ति था। बिस्मार्क का मानना था कि 1848 से 1849 ई० तक का जो समय राष्ट्रवादियों ने वाद-विवाद में समाप्त कर दिया वह उनकी भूल थी। उसका मानना था कि उस काल की बड़ी समस्याएँ भाषण और बहुमत के प्रस्ताव द्व आरा नहीं, बल्कि रक्त और लौह की नीति से सुलझ सकती थी।
बिस्मार्क ने इस कारण प्रशा को शक्तिशाली राज्य बनाने के लिए संसद के निचले सदन द्वारा सैन्य बजट अस्वीकार करने पर उच्च सदन से ही पारित कर अपनी दृढ़ता का परिचय दिया। 1864 ई० में आस्ट्रिया और प्रशा की संयुक्त सेना ने डेनमार्क को हरा दिया। इसके बाद गेस्टाइन समझौता हुआ। गेस्टाइन समझौता आस्ट्रिया की राजनीतिक भूल और बिस्मार्क की बड़ी कूटनीतिक विजय थी। 1866 ई० में बिस्मार्क ने आस्ट्रिया को हराया। इसके बाद उसने 1870 ई० में फ्रांस को हराकर जर्मनी के एकीकरण का रास्ता साफ कर दिया। कहा जा सकता है कि जर्मनी का एकीकरण ‘रक्त और लोहे’ की नीति, बिस्मार्क के दृढ़ निश्चय, अदम्य साहस और कूटनीतिक कुशलता के कारण ही हो सका।
प्रश्न 3.
प्राग की संधि पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
बिस्मार्क ने एक ओर तो युद्ध की तैयारी शुरू कर दी तथा दूसरी ओर कूटनीति के माध्यम से आस्ट्रिया को यूरोपियन राष्ट्रों से सहायता न मिले इसके प्रयास भी शुरू कर दिए। इन कार्यों के लिए अभी अंतर्राष्ट्रीय वातावरण भी उसके अनुकूल था। जब हॉल्सटाइन में जर्मन लोग आस्ट्रिया के विरुद्ध आंदोलन कर रहे थे तो बिस्मार्क गुप्त रूप से उन्हें समर्थन दे रहा था। दूसरी ओर आस्ट्रिया हॉल्सटाइन में डयूक ऑफ आगस्टस वर्ग के पक्ष में चल रहे आंदोलन को प्रोत्साहित कर रहा था।
इस मुद्दे पर आस्ट्रिया व प्रशा में युद्ध प्रारंभ हो गया। लेकिन 3 जुलाई, 1866 ई० को सेडोवा कोनिग्राज का निर्णायक युद्ध हुआ, जिसमें आस्ट्रिया पूर्ण रूप से पराजित हुआ और आस्ट्रिया व प्रशा के मध्य 23 अगस्त, 1866 ई० को प्राग की संधि हुई। हॉल्सटाइन डची प्रशा में शामिल हो गया तथा प्रशा के नेतृत्व में उत्तरी
जर्मन परिसंघ बनाया गया, जिसमें आस्ट्रिया को शामिल नहीं किया गया।
प्रश्न 4.
इटली के एकीकरण के विभिन्न चरणों को लिखिए।
उत्तर:
इटली के एकीकरण को चार चरणों में विभाजित किया जा सकता है
पहला चरण-पहले चरण में इटली के एकीकरण के लिए कई संगठनों का निर्माण और विभिन्न देशों एवं शासकों से कई समझौते और संधि की गई।
दूसरा चरण-मध्य राज्यों की जनता ने इटली के एकीकरण के लिए विद्रोह कर दिया था। वे इटली में सम्मिलित होने के लिए उत्सुक थे। आस्ट्रिया चाहता था कि ज्यूरिख संधि के तहत इन राज्यों में पुराने शासक पुनः स्थापित कर दिए जाएँ। काबूर ने मौके का फायदा उठाकर फ्रांस को नीस और सेवायें के प्रदेश देने का वायदा करते हुए उसे अपनी ओर मिला लिया। मार्च 1860 ई० में मध्य इटली राज्यों में जनमत संग्रह कराया गया। इसमें परमा, मेडोना, टस्कनी, बोलोग्ना और वियोकेन्जा ने सानिया में और नीस व सेवायें ने फ्रांस के साथ मिलने का मत दिया। इंग्लैंड की सहानुभूति इटली के साथ थी, अतः मध्य इटली के राज्यों में जनमत संग्रह के प्रश्न पर इंग्लैंड ने फ्रांस के साथ इटली का पक्ष लिया। इसी के साथ इटली का दूसरा चरण पूरा हुआ।
तीसरा चरण-नेपल्स और सिसली में शासक विदेशी थे साथ ही वह शासन करने योग्य भी नहीं थे। मैजिनी, फ्रांसिल क्रिस्ची और गैरीबाल्डी ने वहाँ विद्रोह की योजना बनाई। 1860 ई० में गैरीबाल्डी ने सिसली पर आक्रमण कर वहाँ का शासक घोषित कर दिया। बाद में गैरीबाल्डी ने विक्टर इमेन्युअल को इटली के शासक के रूप में स्वीकार कर लिया। दक्षिण के राज्यों के इटली में विलय के साथ ही इटली के एकीकरण का तृतीय चरण पूरा हुआ।
अंतिम चरण-प्राग संधि के तहत इटली को वेनेशिया दिया गया। फ्रांस की सेना को रोम से हटने के बाद इटली ने रोम पर अधिकार कर लिया। रोम को संयुक्त इटली की राजधानी बनाया गया। इस तरह से कई राज्यों में विभक्त इटली एक हो गया।
प्रश्न 5.
वस्त्र उद्योग में औद्योगिक क्रांति के समय हुए परिवर्तनों को लिखिए।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति की शुरुआत मुख्यत: वस्त्र उद्योग से शुरू हुई। 18वीं शताब्दी के मध्य तक यूरोप के उद्योग में वस्त्र
बनाने की प्राचीन प्रणाली वस्त्रों की माँग को पूरा करने में असमर्थ थी। इंग्लैंड में पहले सूती वस्त्र भारत से आयात किए जाते थे। लेकिन जब ईस्ट इंडिया कंपनी का राजनीतिक नियंत्रण भारत पर हो गया, तब इंग्लैंड ने कपड़े के साथ-साथ कपास का आयात करना भी प्रारंभ कर दिया। यूरोप में बढ़ती कपड़ों की माँग को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में नए आविष्कार किए गए। 1733 ई० में ‘जॉन के’ के द्वारा फ्लाईंग शटल लूम की खोज की गई, जिसकी सहायता से कम समय में अधिक चौड़ा कपड़ा बनाना संभव हो गया।
जेम्स हरग्रीव्ज़ ने 1765 ई० में कताई की मशीन बनाई, जिससे एक व्यक्ति एक साथ कई धागे कात सकता था। 1769 ई० में ‘रिचर्ड आर्कराइट ने वाटर फ्रेम का अविष्कार किया। जिससे पहले की अपेक्षा मजबूत धागा बनाया जाने लगा। 1779 ई० में सैम्यूअल क्राम्पटन द्वारा बनाई गई ‘म्यूल’ द्वारा कता हुआ धागा बहुत मजबूत और बढ़िया होता था। 1787 ई० में एडमड कार्टराइट द्वारा पावरलूम यानी शक्ति चालित करघे का आविष्कार किया गया।
विश्व का इतिहास निबंधात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
यूरोप में राष्ट्रवाद उदय के कारण बताइए।
उत्तर:
यूरोप में राष्ट्रवाद उदय के निम्नलिखित कारण थे
मध्यम वर्ग का उदय-पश्चिम और मध्य यूरोप में औद्योगिक उत्पादन और व्यापार में वृद्धि से शहरों का विकास और वाणिज्यिक वर्गों के उदय से एक नया सामाजिक समूह अस्तित्व में आया। जिसमें श्रमिक वर्ग के लोग, मध्यम वर्ग जो उद्योगपतियों, व्यापारियों और सेवा क्षेत्र के लोगों से बना था। इन वर्गों में सामंतवादी व्यवस्था के खिलाफ असंतोष फैला जिससे राष्ट्रवाद का उदय हुआ।
उदारवादियों द्वारा राष्ट्रवाद का प्रसार-उदारवादी व्यक्तिगत स्वतंत्रताएँ; जैसे-भाषण, लेखन, सभा संगठन तथा निजी संपत्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहते थे। राजनीतिक रूप से उदारवाद एक ऐसी सरकार पर जोर देता था जो सहमति से बनी हो। उदारवादी राजतांत्रिक व्यवस्था और सामंतवादी व्यवस्था के विरोधी थे। इसके लिए उन्होंने लोगों में राष्ट्रीयता की भावना पैदा की।
इंग्लैंड और फ्रांस की क्रांति-इंग्लैंड की क्रांति ने इस मान्यता को जन्म दिया कि किसी भी प्रकार के शासनतंत्र में दैवीय अधिकार का कोई औचित्य नहीं है। इसी क्रम में फ्रांस की क्रांति ने इस धारणा को जन्म दिया कि व्यक्ति की स्वतंत्रता इतनी पावन है कि कोई भी सत्ता उसकी अवहेलना नहीं कर सकती। यह संकल्पना राष्ट्रीयता की जीत थी। राष्ट्रीयता उस राजतंत्रीय शक्ति के प्रत्युत्तर के रूप में जन्मी, जिसका यह दावा था कि दैवीय अधिकारों के आधार पर राजा की शक्ति निरंकुश होती है।
1815 ई० के बाद एक नया रुढ़िवाद-1815 ई० में ब्रिटेन, रूस और आस्ट्रिया जैसी यूरोपीय शक्तियों, जिन्होंने मिलकर नेपोलियन को हराया था, के प्रतिनिधि यूरोप के लिए एक समझौता तैयार करने के लिए वियना में मिले। वियना कांग्रेस में एकत्रित राजनीतिज्ञों ने अपनी समझ एवं अनुभव के आधार पर यूरोप का पुनर्निर्माण, पुरातन व्यवस्था को प्रतिष्ठित कर उन्नीसवीं शताब्दी के नये युग के लक्षण-राष्ट्रीयता, उदारवाद एवं लोकतंत्रीय भावनाओं से यूरोप को दूर रखने की अपनी प्रतिज्ञा को दुहराया था किंतु उन्होंने अंकुरित बीजों को पहचाना नहीं था। यही कारण है कि जिन व्यवस्थाओं को स्थापित करने की कोशिश वियना काँग्रेस ने की थी | वे अगले एक सौ वर्ष तक ध्वस्त होती रही।
क्रांतिकारी-1815 ई० के बाद के वर्षों में दमन और भय से अनेक उदारवादी-राष्ट्रवादी भूमिगत हो गए। बहुत सारे यूरोपीय राज्यों के क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण देने और विचारों का प्रसार करने के लिए गुप्त संगठन बनाए गए। ज्यादातर क्रांतिकारी राष्ट्रराज्यों की स्थापना को आजादी के इस संघर्ष का अनिवार्य हिस्सा मानते हैं।
भाषा और लोककथाओं को योगदान-राष्ट्रवाद का विकास केवल युद्धों और क्षेत्रीय विस्तार से नहीं हुआ। कला, काव्य, कहानियों-किस्सों और संगीत ने राष्ट्रवादी भावनाओं को गढ़ने और व्यक्त करने में सहयोग दिया।
प्रश्न 2.
औद्योगिक क्रांति के विभिन्न क्षेत्रों में हुए आविष्कारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति की शुरुआत मुख्यत: वस्त्र उद्योग से हुई। 1733 ई० में ‘जॉन के’ के द्वारा फ्लाईंग शटल लूम की खोज की गई जिसकी सहायता से कम समय में अधिक चौड़ा कपड़ा बनाना संभव हो गया। जेम्स हरग्रीव्ज़ ने 1765 ई० में कताई की मशीन बनाई, जिससे एक व्यक्ति एक साथ कई धागे कात सकता था। 1769 ई० में रिचर्ड आर्कराइट’ ने वाटर फ्रेम का आविष्कार किया। जिससे पहले की अपेक्षा मजबूत धागा बनाया जाने लगा। 1779 ई० में ‘सैम्यूअल क्राम्पटन’ द्वारा बनाई गई ‘म्यूल’ द्वारा कता हुआ धागा बहुत मजबूत और बढ़िया होता था।
1787 ई० में एडमड कार्टराइट द्वारा पावरलूम यानी शक्ति चालित करघे का आविष्कार किया गया। 1709 ई० में अब्राहम डर्बी ने धमन भट्ठी का आविष्कार किया जिसमें सर्वप्रथम कोक का प्रयोग किया, जिससे लौह अयस्क को पिघलाने और साफ करने का कार्य सुगम हो गया। हेनरी कोर्ट ने आलोड़न भट्ठी और बेलन मिल का आविष्कार किया, जिससे शुद्ध और अच्छा लोहा बनना संभव हुआ। अमेरिकी रोबर्ट फुल्टन ने 1807 ई० में प्रथम वाष्प चालित नौका का आविष्कार किया। 1814 ई० में जॉर्ज स्टीफेंस ने भाप इंजन रॉकेट का आविष्कार किया, इसी के साथ रेलगाड़ियाँ परिवहन का एक ऐसा साधन बन गई, जो वर्ष भर उपलब्ध रहता था। 1844 ई० में सैम्युअल मौर्स ने एक व्यावहारिक तार तंत्र का आविष्कार किया। 1876 ई० में ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया, जिसने संचार की दुनिया में क्रांति ला दी।
प्रश्न 3.
जर्मनी के एकीकरण में प्रमुख बाधाएँ व सहायक तत्वों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जर्मनी के एकीकरण में प्रमुख बाधाएँ
जर्मनी की समस्याओं में आस्ट्रिया का हस्तक्षेप।
जर्मनी राज्यों में आर्थिक, पांथिक, सामाजिक तथा राजनैतिक असमानताएँ।
इंग्लैंड भी फ्रांस की भाँति जर्मन राज्यों में रुचि बनाए हुए था। उसने हनोवर प्रांत के बहाने उत्तरी राज्यों में हस्तक्षेप कर रखा था।
अधिकांश राज्यों की शिथिल सैनिक शक्ति।
जन सामान्य में जागृति का अभाव। जर्मन के दक्षिणी राज्यों में पोप का प्रभाव जो जर्मन एकीकरण में बाधक था।
जर्मन एकीकरण में सहायक तत्व
जॉल वरीन-1834 ई० में प्रशा की पहल पर एक शुल्क संघ जॉलवरीन के रूप में स्थापित किया गया जिसमें अधिकांश जर्मन राज्य सम्मिलित हो गए।
बौद्धिक आंदोलन-जर्मनी के एकीकरण में जर्मन दार्शनिक, इतिहासकार, साहित्यकार व कवियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। लिफ्टे, ईगल, डालमेल हार्डेनबर्ग, हेटिंग हाइन प्रमुख दार्शनिकों की भूमिका रही, जिन्होंने जर्मन लोगों में जर्मन जाति सर्वश्रेष्ठ मनुष्य’ होने की भावना भर दी।
औद्योगिक विकास-जॉलवरीन की स्थापना और विस्तार के साथ जर्मनी में व्यापार और उद्योगों के विकास का मार्ग मिला। इस समय प्रशा और रूस दोनों प्रत्येक उद्योग की आधारशिला माने जाते थे। इन संसाधनों से प्रशा में औद्योगीकरण तीव्र गति से हुआ।
प्रश्न 4.
इटली के एकीकरण को विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
इटली के एकीकरण का प्रयास विभिन्न चरणों में किया गया। इटली के एकीकरण के लिए कार्बोनरी तथा यंग इटली जैसी संस्था स्थापित हुई। इसके अतिरिक्त इटली के एकीकरण में मेजनी, काबूर, गैरीबाल्डी का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्नीसवीं सदी के मध्य में इटली सात राज्यों में बँटा हुआ था। उत्तरी भाग आस्ट्रियाई हैब्सवर्गों के अधीन था। मध्य इलाकों पर पोप का शासन था और दक्षिणी क्षेत्र स्पेन के बूर्बो राजाओं के अधीन थे।
1830 ई० के दशक में मेजिनी ने एकीकृत इतालवी गणराज्य के लिए कई प्रयास किए। अपने उद्देश्यों के प्रसार के लिए वह कार्बोनरी जैसी गुप्त संस्था का सदस्य बन गया 1849 ई० तक इटली के एकीकरण के लिए अनेक प्रयास किए गए। सानिया पीडमॉण्ट के शासक विक्टर इमेनुअल ने इटली के एकीकरण का भार अपने प्रमुख मंत्री काबूर के हाथों में सौंपा। काबूर एक कूटनीतिज्ञ था। इटली के अनेक राज्यों पर आस्ट्रिया का अधिकार था। इसलिए काबूर ईटली से आस्ट्रिया को हटाना चाहता था। 1859 ई० में काबूर आस्ट्रियाई बलों को हरा पाने में कामयाब हो गया। नियमित सैनिकों के अलावा गैरीबाल्डी के नेतृत्व में भारी संख्या में सशस्त्र स्वयंसेवकों ने इस युद्ध में हिस्सा लिया।
1860 ई० में दक्षिणी इटली के प्रदेशों पर आक्रमण करके स्पेनी शासन से इस क्षेत्र को मुक्त कर दिया। इटली का एकीकरण लगभग पूर्ण हो चुका था। केवल रोम को जीतना शेष रह गया था। रोम को भी जीतने में अधिक कठिनाई नहीं थी, क्योंकि पोप को सहयोग करनेवाली नेपोलियन की सेना वहाँ से चली गई थी। 1870 ई० को इटली की सेनाओं ने रोम पर आक्रमण कर दिया और उसे अपने अधिकार में लेकर राजधानी बना दिया और विक्टर इमेनुअल को शासक घोषित कर दिया। इस तरह से इटली का एकीकरण तीन चरणों में पूरा हुआ।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (More Questions Solved)
विश्व का इतिहास अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
फ्रेंकफर्ट संधि किन-किन देशों के बीच हुई? इस संधि में क्या प्रावधान थे?
उत्तर:
फ्रेंकफर्ट संधि फ्रांस और जर्मनी के बीच 1871 ई० में हुई थी। इस संधि के तहत
फ्रांस को मेज व स्ट्रामवर्ग सहित अल्सास व लोरेन के प्रदेश जर्मनी को देने पड़े।
फ्रांस को युद्ध हर्जाने के रूप में 20 करोड़ पौंड की रकम क्षतिपूर्ति के रूप में देने के लिए बाध्य किया, जो तीन वर्ष में चुकाने थे।
प्रश्न 2.
राष्ट्रवाद किसे कहते हैं?
उत्तर:
राष्ट्रवाद ऐक ऐसी भावना जिसमें व्यक्ति की उच्चतम निष्ठा राष्ट्र के प्रति समर्पित होती है राष्ट्रवाद कहलाता है।
प्रश्न 3.
राष्ट्रवाद की सबसे पहले अभिव्यक्ति कब की गई थी?
उत्तर:
राष्ट्रवाद की यूरोप में पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति 1789 ई० में फ्रांसीसी क्रांति के साथ हुई। इस क्रांति ने ही राष्ट्रवाद | को यूरोप में प्रसारित करने में मुख्य भूमिका निभाई।
प्रश्न 4.
औद्योगिक क्रांति के समय संचार के क्षेत्र में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
1844 ई० में सैम्युअल मौर्स ने एक व्यावहारिक तार तंत्र का आविष्कार किया। इस तार तंत्र ने विश्व के महाद्वीपों को परस्पर जोड़ने का काम किया। 1876 ई० में ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया, जिसने संचार की दुनिया में क्रांति ला दी। |
प्रश्न 5.
विश्व में प्रथम रेलगाड़ी कब और कहाँ से कहाँ तक चली?
उत्तर:
विश्व में प्रथम रेलगाड़ी 1830 ई० में मैनचेस्टर और लिवरपुल के बीच चली।
प्रश्न 6.
टेलीफोन का आविष्कार कब और किसने किया?
उत्तर:
1876 ई० में ग्राम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया।
प्रश्न 7.
नेपोलियन ने जर्मनी भाषी प्रदेशों को कितने राज्यों का महासंघ बनाया?
उत्तर:
19वीं सदी के पहले भाग में जर्मन भाषी इलाकों को नेपोलियन के प्रशासनिक कदमों से अनगिनते छोटे-छोटे प्रदेशों से 39 राज्यों का एक महासंघ बना।
प्रश्न 8.
एन्साइक्लोपीडिया ऑफ साइंसेस के अनुसार औद्योगिक क्रांति का अर्थ बताएँ।
उत्तर:
एन्साइक्लोपीडिया ऑफ सांइसेज खण्ड आठ के अनुसार आर्थिक और तकनीकी विकास जो अठाहरवीं शताब्दी में | अधिक सशक्त और तीव्र हो गया था जिसके फलस्वरूप आधुनिक उद्योगवाद का जन्म हुआ। जिसे औद्योगिक क्रांति कहा जाता है।
प्रश्न 9.
डेविज के अनुसार औद्योगिक क्रांति की परिभाषा बताएँ।
उत्तर:
डेविज के अनुसार औद्योगिक क्रांति का तात्पर्य उन परिवर्तनों से है जिन्होंने यह संभव कर दिया था कि मनुष्य उत्पादन के प्राचीन उपायों को त्याग कर विस्तृत रूप से कारखानों में वस्तुओं का उत्पादन कर सकें।
प्रश्न 10.
औद्योगिक क्रांति शब्द का प्रयोग किन विद्वानों ने किया था?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति शब्द का प्रयोग यूरोपीय विद्वानों ने फ्रांस के जार्जिस मिशले और जर्मनी के काईड्रिक एजेम द्वारा किया गया।
प्रश्न 11.
वियना कांग्रेस में क्या निर्णय लिए गए थे?
उत्तर:
वियना कांग्रेस में यूरोप का पुनर्निर्माण, पुरातन व्यवस्था को प्रतिष्ठित कर उन्नीसवीं शताब्दी के नए युग के लक्षण राष्ट्रीयता, उदारवाद एवं लोकतंत्रीय भावनाओं को यूरोप से दूर रखने का निर्णय लिया गया था।
प्रश्न 12.
औद्योगिक क्रांति की शुरुआत मुख्यत: किस उद्योग से हुई?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति की शुरुआत मुख्यत: वस्त्र उद्योग से हुई।
प्रश्न 13.
1871 ई० को विक्टर इमेन्युअल ने संयुक्त इटली की संसद का उद्घाटन करते हुए क्या कहा था?
उत्तर:
1871 ई० को विक्टर इमेन्युअल ने संयुक्त इटली की संसद का उद्घाटन करते हुए कहा-जिस कार्य के लिए हमने अपना जीवन भेंट चढ़ाया था वह आज पूरा हो गया है। हमारी राष्ट्रीय एकता स्थापित हो गई है। अब हमें अपने देश को सुखी एवं सम्पन्न बनाना है, हम रोम में हैं और रोम में ही रहेंगे। रोम की प्राप्ति के साथ ही इटली एक भौगोलिक
अभिव्यक्ति नहीं रहीं अपितु एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र बन गया।
प्रश्न 14.
जर्मनी 18वीं शताब्दी के अन्त तक कितने राज्यों में विभक्त था?
उत्तर:
जर्मनी 18वीं शताब्दी के अंत में 300 से अधिक छोटी-बड़ी रियासतों में बँटा हुआ था।
प्रश्न 15.
जर्मनी के एकीकरण में जर्मन के दार्शनिक, इतिहासकार, साहित्यकार व कवियों का क्या योगदान रहा?
उत्तर:
लिफ्टे, ईगल, डालमेल हार्डेनबर्ग, हेंटिंग हाइन प्रमुख दार्शनिकों की जर्मनी एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने जर्मन लोगों में जर्मन जाति सर्वश्रेष्ठ मनुष्य’ होने की भावना भर दी। फिक्टे ने जर्मनी में फ्रांस विरोधी विचारों को उचित दिशा देते हुए उसमें राष्ट्रीयता की भावना भर दी।
प्रश्न 16.
फसल काटने वाली मशीन का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर:
1834 ई० में साइरस के एच० मैककोरमिक ने फसल काटने वाली मशीन का आविष्कार किया।
प्रश्न 17.
किस मशीन से कम समय में अधिक चौड़ा कपड़ा बनाना संभव हो गया? इस मशीन का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर:
1733 ई० में ‘जॉन के’ के द्वारा फ्लाईंग शटल लूम की खोज की गई जिसकी सहायता से कम समय में अधिक चौड़ा कपड़ा बनाना संभव हो गया।
विश्व का इतिहास लघूत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
इटली के एकीकरण में काबूर का क्या योगदान था?
उत्तर:
काबूर यथार्थवादी व्यावहारिक राजनीति में विश्वास करता था। वह इटली के प्रश्न का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना चाहता था ताकि विदेशी शक्तियों की सक्रिय मदद से सहानुभूति हासिल की जा सके। इस समय यूरोप में दो ही शक्तिशाली देश थे-फ्रांस और इंग्लैंड। इंग्लैंड ने यूरोपीय देशों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति बनाने से उससे मदद मिलने की आशा नहीं थी। काबूर का मानना था कि पीडमांट सानिया ही इटली का एकीकरण करने में समर्थ है और आस्ट्रिया इटली के एकीकरण में सबसे बड़ा बाधक है। आस्ट्रिया को बिना विदेशी सहायता के बाहर नहीं किया जा सकता है।
फ्रांस का शासक इटली के एकीकरण के प्रश्न पर इटली से सहानुभूति रखता था। अत: काबूर इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहता था। काबूर ने क्रीमिया की मदद के लिए सेना भेजकर सहानुभूति और मित्रता प्राप्त कर ली। काबूर को इस मित्रता का लाभ पेरिस सम्मेलन में मिला। आस्ट्रिया के विरोध के बाद भी सानिया राज्य को पेरिस सम्मेलन में आमंत्रित किया गया। काबूर ने इस सम्मेलन में इटली की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए आस्ट्रिया को जिम्मेदार ठहराया। पेरिस सम्मेलन में काबूर ने इटली के प्रश्न पर नैतिक विजय प्राप्त कर ली।
प्रश्न 2.
फ्रेंको प्रशियन युद्ध 1870 (फ्रांस और जर्मनी के बीच युद्ध) के क्या कारण थे?
उत्तर:
फ्रांस को यह आशा थी कि प्रशा-आस्ट्रिया के तटस्थ रहने पर उसे राइन का कुछ प्रदेश मिल जाएगा, जिससे उसकी सीमा राइन नदी तक हो जाएगी। लेकिन बिस्मार्क ने इसकी उपेक्षा की। प्रशा की विजय उत्तरी जर्मन परिसंघ बनने से फ्रांस की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा। उधर फ्रांस के राजनीतिज्ञ सेडोवा का प्रतिशोध लेने की माँग कर रहे थे। नेपोलियन तृतीय अपनी गिरती हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करना चाहता था और कालांतर में युद्ध दोनों राष्ट्रों को अपनी-अपनी समस्या का समाधान नजर आ रहा था।
नेपोलियन तृतीय ने लग्जम्बर्ग खरीदने का प्रस्ताव रखा था। जर्मनी के राष्ट्रवादियों, समाचार पक्षों एवं राजनीतिज्ञों ने लग्जम्बर्ग फ्रांस को देने से मना कर दिया। दूसरा तनावपूर्ण प्रश्न स्पेन की राजगद्दी को लेकर हुआ, जिससे दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए और अंत में युद्ध के नगाड़े बज गए। 15 जुलाई, 1870 ई० को फ्रांस व प्रशा के मध्य युद्ध प्रारंभ हो गया। जर्मनी सेनाओं ने फ्रांस पर तीनों ओर से आक्रमण किया।
प्रश्न 3.
दुनिया में भारत कुटीर उद्योगों से सम्पन्न ऐसा देश है जहाँ अति प्राचीन काल में भी लौह भट्ठियों से उच्च स्तर का इस्पात तैयार होता था। व्याख्या करें।
उत्तर:
दुनिया में भारत कुटीर उद्योगों से संपन्न ऐसा देश है जहाँ अति प्राचीन काल में भी लौह भट्ठियों से उच्च स्तर का इस्पात तैयार होता था। इसका ज्वलंत उदाहरण दिल्ली का लौह स्तंभ है जो बिना जंग लगे खड़ा है। बाँध एवं सेतु निर्माण क्षेत्र में दुनिया को दिशा देनेवाली एवं उद्योगों को आधारभूत ढाँचा उपलब्ध कराने में भारत की अग्रणी भूमिका है। हजारों वर्ष पूर्व श्रीलंका एवं भारत के बीच बनाया गया ‘रामसेतु’ उदाहरण है जिसके निर्माण की विधि भी हमारे शास्त्रों में विद्यमान है।
प्रश्न 4. औद्योगिक क्रांति के समय परिवहन के क्षेत्र में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
परिवहन को आसान और सस्ता बनाने के लिए स्कॉटलैंडवासी मकाडम ने सड़क निर्माण का एक नया तरीका निकाला।
जिसमें सड़क के निचले भाग में भारी पत्थरों की परत, उसके बाद मिट्टी बिछाई जाती थी। इंग्लैंड में पहली नहर ‘बर्सली कैनाल’ 1761 ई० ‘जैम्स ब्रिदली’ द्वारा बनाई गई। इससे माल ढोने का खर्चा आधा रह गया। इंग्लैंड में 1788 ई० से 1796 ई० में अनेक नहरों का निर्माण कराया गया। 1869 ई० में फ्रांसीसी इंजीनियर फर्टिनोद द लैस्पैथ ने स्वेज नहर का निर्माण कराया, जो भूमध्य सागर और लाल सागर को मिलाती है। इससे यूरोप और भारत के मध्य की दूरी एक तिहाई कम हो गई।
अमेरिकी रोबर्ट फुल्टन ने 1807 ई० में प्रथम वाष्प चालित नौका का आविष्कार किया। जो पहली बार हडसन नदी में चली। स्थल मार्ग पर लोहे की पटरियों पर चलने वाले रेल इंजन के आविष्कार ने यातायात के क्षेत्र में क्रांति ला दी। 1814 ई० में जार्ज स्टीफंस ने प्रसिद्ध भाप इंजन ‘राकेट’ का आविष्कार किया। 1830 ई० में प्रथम रेलगाड़ी मैनचेस्टर और लिवरपूल के बीच चली।
प्रश्न 5.
औद्योगिक क्रांति के परिणामों के बारे में व्याख्या करें।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति के परिणाम
आर्थिक परिणाम-उत्पादन एवं वाणिज्य में असंतुलित वृद्धि हुई तथा आर्थिक संतुलन बिगड़ा। ग्रामीण क्षेत्र । की अपेक्षा नगरों का अधिक विकास हुआ। कुटीर उद्योगों का विनाश हुआ। राष्ट्रीय बाजारों को राज्य द्वारा संरक्षण मिला तथा औद्योगिक पूँजीवाद का विकास हुआ।
राजनैतिक परिणाम-राजनीति में लोकतंत्र की माँग बढी तथा मध्यम वर्ग की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का उदय हुआ। औद्योगिक क्रांति से औपनिवेशिक स्पर्धा की शुरुआत हो गई। श्रमिक संगठित हुए और अपनी माँगों को लेकर आंदोलनों का उदय हुआ।
सामाजिक परिणाम-नये सामाजिक वर्ग का उदय हुआ। नैतिक मूल्यों में गिरावट आयी। संयुक्त परिवार प्रथा में बिखग्नव हुआ। नई संस्कृति का जन्म हुआ तथा मानवीय संबंधों में गिरावट आई। शहरों में मजदूरों की संख्या बढ़ने से गंदी बस्तियों की समस्या बढ़ी।
वैचारिक परिणाम-आर्थिक उदारवाद का स्वागत किया गया। समाजवाद का उदय हुआ।
प्रश्न 6.
काबूर और नेपोलियन की भेंट के फलस्वरूप एक समझौता हुआ उसमें क्या निर्णय लिए गए?
उत्तर:
काबूर और नेपोलियन की भेंट के फलस्वरूप एक समझौता हुआ उसमें निम्नलिखित निर्णय लिए गए
आस्ट्रिया और सानिया के मध्य युद्ध होने पर 2 लाख सैनिक सहायता फ्रांस देगी।
नेपल्स, सिसली और पोप के राज्य बने रहेंगे।
लोम्बार्डी और वेनेशिया सार्डिनिया को प्राप्त होंगे।
फ्रांस की सहायता के बदले नीस व सेवाये के प्रदेश फ्रांस को मिलेंगे।
विक्टर इमेनुअल अपनी पुत्री का विवाह प्रिंस जेरोम बोनापार्ट के साथ कर देगा।
प्रश्न 7.
आस्ट्रिया के सम्राट जोसेफ और फ्रांस के नेपोलियन तृतीय के बीच समझौता हुआ उसमें क्या शर्ते तय की गई?
उत्तर:
आस्ट्रिया के सम्राट जोसेफ और फ्रांस के नेपोलियन तृतीय के बीच समझौता हुआ उसमें निम्न शर्ते तय की गई
लोम्बार्डी सानिया को दिया गया।
वेनेशिया आस्ट्रिया को दिया गया।
परमा, मेडोना और अस्कनी को पुन: स्वतंत्र राज्य बना दिया गया। इस संधि से इटली के लोगों व काबूर को निराशा हाथ लगी।
प्रश्न 8.
काबूर कौन था?
उत्तर:
डी काबूर का जन्म 1810 ई० में ट्यूरिन के एक कुलीन परिवार में हुआ था। सैनिक शिक्षा प्राप्त कर उसने सेना में इंजीनियर की नौकरी कर ली। वह उदारवादी विचारकों का समर्थक था। काबूर का मानना था कि इटली का एकीकरण पीडमाण्ट के नेतृत्व में ही पूर्ण हो सकता है।
इसी दिशा में अपने विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए 1847 ई० में वह वित्त एवं उद्योग मंत्री बना, और 1852 ई० में विक्टर इमेनुअल ने उसे प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। काबूर एक व्यावहारिक, कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ एवं राजतंत्र का समर्थक व्यक्ति था। वह इटली की शक्ति एवं सामर्थ्य से भली-भाँति परिचित था। इसीलिए उसकी सोच थी कि जब तक विदेशी सहायता प्राप्त नहीं होगी तब तक इटली का एकीकरण नहीं हो सकता है। इसी कारण वह इटली के एकीकरण के प्रश्न का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना चाहता था। इटली के एकीकरण में काबूर का बहुत बड़ा योगदान था।
विश्व का इतिहास निबंधात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
औद्योगिक क्रांति से होने वाले परिवर्तन के बारे में व्याख्या करें।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति से होने वाले परिवर्तन
उत्पादन के लिए जो कार्य पहले हाथ से किए जाते थे वे अब शक्तिचालित यंत्रों से किए जाने लगे।
इस्पात की बढ़ती माँग की पूर्ति के लिए इस्पात बनाने के कारखाने खोले जाने लगे।
कृषि कार्यों में शक्ति चालित मशीनों का प्रयोग होने के कारण छोटे-छोटे खेतों के स्थान पर बड़े-बड़े फार्मों में खेती की जाने लगी।
पूँजी का उपयोग बढ़ने के कारण बैंकिंग पद्धति का विकास हुआ।
वाष्प चालित इंजन और यंत्र चालित जहाजों के कारण यातायात में अमूल परिवर्तन हो गया।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि हेतु संगठित व्यापार तंत्र विकसित किया गया।
कम मानव श्रम एवं अधिकतम उत्पादन के सिद्धांत को अपनाया गया।
प्रश्न 2.
औद्योगिक क्रांति सबसे पहले इंग्लैंड में शुरू होने के क्या कारण थे?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति का सबसे पहले इंग्लैंड में शुरू होने के निम्न कारण थे
इंग्लैंड की विस्तृत औपनिवेशिक साम्राज्य-इंग्लैंड में अठारहवीं सदी के औपनिवेशिक साम्राज्य से कच्चा माल व नवीन बाजार उपलब्ध हुए। जबकि यूरोप के अन्य देशों के पास उपनिवेश नहीं थे।
लोहे और कोयले की खाने पास-पास होना-इंग्लैंड में लोहे और कोयले की खाने पास-पास होने के कारण पक्का लोहा निर्माण में अधिक सुविधा हुई। मशीनों के निर्माण के लिए पक्का लोहा आवश्यक था।
उपयोग के अनुरूप उत्पादन-इंग्लैंड का निर्यात व्यापार उन वस्तुओं का था जिनकी जरूरत बड़ी मात्रा में रहती थी। इंग्लैंड ने उपयोग के अनुरूप उत्पादन करना शुरू कर दिया, जिससे औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा मिला।
अर्धकुशल कारीगरों की उपलब्धता-जब इंग्लैंड में सामंती व्यवस्था भंग हुई तो बड़ी संख्या में अर्ध कुशल कारीगर शहरों में जा बसे। जैसे ही औद्योगिक क्रांति हुई तब ये अर्ध कुशल कारीगर नई मशीनों पर काम करने के लिए उपलब्ध हो गए।
पूँजी की उपलब्धता-यूरोप के अन्य देशों की अपेक्षा इंग्लैंड के पास बड़े-बड़े कारखाने लगाने के लिए पूँजी उपलब्ध थी।
इंग्लैंड की अनुकूल भौगोलिक स्थिति-व्यापारिक दृष्टि से इंग्लैंड की भौगोलिक स्थिति अच्छी थी। इंग्लैंड के चारों ओर समुद्री सीमा होने से बाहरी आक्रमणों से सुरक्षित होने के कारण वहाँ पर उद्योग के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनी हुई थी।
वैज्ञानिक अविष्कारों को प्रोत्साहन-इंग्लैंड में कई वैज्ञानिक आविष्कार हुए जिससे औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा मिला।
प्रश्न 3.
इटली के एकीकरण में कौन-कौन-सी बाधाएँ थी?
उत्तर:
इटली के एकीकरण में प्रमुख बाधाएँ
इटली में प्रतिक्रियावादी विदेशी प्रभुत्व का होना एक प्रमुख बाधा थी। लोम्बार्डी व वेनेशिया सीधे नियंत्रण में थे और मेडेना व टस्कनी पर आस्ट्रिया से संबंधित राजकुमारों का अधिकार था।
पोप अपने राज्य रोम पर अपनी सत्ता बनाए रखना चाहता था।
इटली मोटे तौर पर तीन राजनीतिक इकाइयों में विभक्त था जो एकीकरण में प्रमुख बाधी थी।
इटली का सामंतवादी एवं कुलीन वर्ग नेपोलियन के पतन के पश्चात पुनः सामंतवादी तथा जागीरदारी प्रथा स्थापित करना चाहता था क्योंकि कुलीन वर्ग को डर था कि एकीकरण होने के पश्चात उनका प्रभाव समाप्त हो जाएगा।
इटली में अभी तक राष्ट्रीय चेतना जागृत नहीं हुई थी। सभी राज्यों की अपनी अलग-अलग परंपराएँ एवं रीति रिवाज थे। एक राज्य दूसरे राज्य से मिलकर नहीं रहना चाहता था।
इटली के एकीकरण में एक बाधा यह भी थी कि एकीकरण किस विचारधारा के अंतर्गत किया जाए। इस बारे में राजनीतिज्ञ एकमत नहीं थे। मेजिनी और गैरीबाल्डी इटली का एकीकरण गणराज्य के रूप में चाहते थे, जबकि जियोबर्टी पोप के अधीन राज्यों के संघ का समर्थक था।
प्रश्न 4.
जर्मनी के एकीकरण के बारे में व्याख्या करें।
उत्तर:
जर्मनी पहले कई छोटे राज्यों में विभाजित था। जब इन राज्यों पर नेपोलियन का प्रभुत्व कायम हो गया तो नेपोलियन ने प्रशासन की दृष्टि से इसे 39 राज्यों में विभक्त किया। यहाँ के व्यापारियों को कई जगह चूँगी देनी पड़ती थी। इस असुविधा को दूर करने के लिए 18 राज्यों के व्यापारियों ने एक संघ का निर्माण किया। 1848 ई० में जर्मनी के कुछ राज्यों को मिलाकर क्रांति की। यह बहुत प्रभावशाली सिद्ध हुई। इसी वर्ष 831 निर्वाचित प्रतिनिधियों ने जर्मन राष्ट्र के लिए एक संविधान का प्रारूप तैयार किया। मगर राष्ट्र निर्माण की यह उदारवादी पहल राजशाही और फौज की ताकत ने मिलकर दबा दी। 1861 ई० में प्रशा के राजा बिल्हेल्म ने बिस्मार्क को अपना प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
प्रधानमंत्री बनने के उपरांत बिस्मार्क के जर्मनी के एकीकरण में सबसे बड़ा बाधक आस्ट्रिया था। इस बाधा को खत्म करने के लिए उसने आस्ट्रिया को हराया और बाद में फ्रांस को हराकर उसने जर्मनी के एकीकरण को पूरा किया। जनवरी 1871 ई० में वर्साय में हुए एक समारोह में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया। मार्च 1871 को नया संविधान घोषित किया गया। जिसमें जर्मन आस्ट्रिया को छोड़कर दक्षिणी जर्मनी के समस्त राज्य जर्मनी में मिला लिए गए और जर्मनी ने संघीय राज्य का रूप धारण कर लिया।
प्रश्न 5.
औद्योगिक क्रांति के समय कृषि क्षेत्र में हुए परिवर्तन के बारे में व्याख्या करें।
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति के समय सबसे पहले कृषि के क्षेत्र में सुधार हुए। यह माना जाता है कि कृषि के बिना औद्योगिक क्रांति संभव नहीं थी। सत्रहवीं शताब्दी तक कृषि क्षेत्र में सामान्यतः विधियाँ और उपकरण प्रयोग में लाए जाते थे जो कई शताब्दियों से प्रयोग में लाए जा रहे थे। कृषि तकनीक में परिवर्तन नहीं होने के कारण कृषिजन्य वस्तुओं की माँग राज्य की खपत से अधिक नहीं थी। लेकिन जब कारखाना प्रणाली का विस्तार हुआ, शहरों की आबादी बढ़ी तो अधिक अन्न और कारखानों के लिए अधिक कपास की माँग बढ़ी। अत: कृषि जन्य वस्तुओं की माँग की पूर्ति के लिए कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक तरीके से काम करने और कृषि उपयोगी मशीनों को बनाने की आवश्यकता अनुभव की जाने लगी।
सर्वप्रथम यार्कशायर के जमींदार ‘जेथ्रोटल’ ने बीज बोने की मशीन सीड ड्रिल बनाई। जिससे बीज बोने का कार्य अधिक व्यवस्थित तथा सुचारु रूप से होने लगा। एक अंग्रेज जमींदार टाउनशैण्ड ने फसल चक्र का सिद्धांत दिया, जिसमें फसलों को अदल-बदल कर बोने से भूमि की उर्वरा शक्ति बनाई रखी जा सकती थी। अब परती छोड़ने की आवश्यकता नहीं थी तथा प्रति एकड़ फसल उत्पादन अधिक हो गया। 1770 ई० के आस-पास राबर्ट बेक बैल ने कृषि के साथ-साथ पशुपालन को एक लाभदायक व्यवसाय बना दिया। उसने भेड़ों और गायों की नस्ल सुधारने के लिए प्रयोग प्रारंभ किए। वैज्ञानिक प्रजनन पद्धति के नवीन प्रयोग से उसने पहले की अपेक्षा तिगुनी वजन की भेड़े तैयार करने में सफलता प्राप्त की। 1793 ई० में अमरीकी निवासी हिव्टन ने अनाज के भूसे से अलग करने की मशीन तथा 1834 में साइरस के एच० मैककोरमिक ने फसल काटने वाली मशीन का आविष्कार किया। कालांतर में कृषि में यंत्रीकरण बढ़ता चला गया। शक्ति से चलने वाली मशीनों के आविष्कारों ने कृषि में क्रांति ला दी।