प्रश्न 1.
कम्प्यूटर में डाटा स्वीकार करने वाली युक्ति है –
(अ) सी.पी.यू.
(ब) सी.यू.
(स) इनपुट यूनिट
(ब) आउटपुट यूनिट
उत्तर:
(स) इनपुट यूनिट
प्रश्न 2.
कम्प्यूटर की किसी विशिष्ट भाषा में लिखे निर्देशों के समूह को कहते हैं –
(अ) प्रोग्राम
(ब) डाटा
(स) सूचनाएँ
(ब) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(अ) प्रोग्राम
प्रश्न 3.
कम्प्यूटर से जुड़े सभी भौतिक भाग जिन्हें देख सकते हैं। व छू सकते हैं, कहलाते हैं –
(अ) सॉफ्टवेयर
(ब) हार्डवेयर
(स) प्रोग्राम
(ब) कोई नहीं
उत्तर:
(ब) हार्डवेयर
प्रश्न 4.
एक बाइट में होते हैं –
(अ) 4 बिट
(ब) 8 बिट
(स) 16 बिट
(ब) 32 बिट
उत्तर:
(ब) 8 बिट
प्रश्न 5.
पेट्रोल पम्प पर तेल मापने के लिए प्रयुक्त कम्प्यूटर होता है –
(अ) डिजीटल कम्प्यूटर
(ब) एनालॉग कम्प्यूटर
(स) मेनफ्रेम कम्प्यूटर
(ब) सुपर कम्प्यूटर
उत्तर:
(ब) सुपर कम्प्यूटर
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कम्प्यूटर तन्त्र की मुख्य इकाइयों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कम्प्यूटर तन्त्र (Computer system) की मुख्यत: तीन इकाइयाँ (Units) होती हैं –
सिस्टम यूनिट (System Unit) जैसे – सी.पी. यू. (CPU)।
इनपुट यूनिट (Input Unit) जैसे – की – बोर्ड, माउस, स्कैनर आदि।
आउटपुट यूनिट (Output Unit) जैसे – मॉनीटर, प्रिन्टर, स्पीकर आदि।
प्रश्न 2.
इनपुट इकाई के उदाहरण बताइए।
उत्तर:
वे युक्तियाँ (Devices), जिनके द्वारा किसी कम्प्यूटर में डाटा या प्रोग्राम प्रविष्ट (Enter) किया जाता है, इनपुट इकाई (Input Unit) कहलाती है। उदाहरण-की-बोर्ड, माउस, लाईट पेन, स्कैनर आदि।
प्रश्न 3.
अंकगणितीय एवं तार्किक इकाई के कार्य लिखिए।
उत्तर:
अंकगणितीय इकाई का कार्य गणितीय क्रियाओं में गुणा, भाग, जोड़, घटाव इत्यादि करना है तथा तार्किक इकाई का कार्य डाटा संख्याओं की तुलना करके निर्णय लेना है। ये निर्णय हाँ या नहीं में होते हैं।
प्रश्न 4.
10, 110,111,1011,1100 व 1110 द्विआधारी अंकों के समतुल्य दशमलव अंक लिखिए।
उत्तर:

प्रश्न 5.
23.45 दशमलव अंक के समतुल्य द्विआधारी संख्या क्या होगी?
उत्तर:
23.45 में 23 व 45 को अलग-अलग समतुल्य द्विआधारी संख्या में बदलते हैं।

अतः (.45)10= (0111001)2
इस प्रकार, (23.45)10 = (10111.0111001)2
नोट – (.45)10के द्विआधारी रूपान्तरण में अन्तिम संख्या 1.60 पर हल या रूपान्तरण रोका गया है जब इस अंक की निश्चित अंक पर समाप्ति सम्भव नहीं है। यह लूप की भाँति परिणाम देता है। जबकि हम परिणाम तब तक प्राप्त करते हैं जब तक कि दशमलव के दायीं ओर सभी शून्य प्राप्त न हो जाएँ। जैसे –
(.25)10 को द्विआधारी संख्या में बदलना।

1.00 में दशमलव के दाईं ओर दोनों शून्य हैं। अत: यहाँ पर . रूपान्तरण रोक देते हैं।
(0.25)10 = (.01)2
प्रश्न 6.
एटीम का पूरा नाम लिखो।
उत्तर:
ऑटोमेटिक टेलर मशीन (Automatic Teller Machine)
प्रश्न 7.
डिजिटल कम्प्यूटर किस पद्धति पर काम करता है ?
उत्तर:
द्विआधारी अंक प्रणाली पर।
प्रश्न 8.
सुपर कम्प्यूटर का उदाहरण बताइए।
उत्तर:
‘परम’ सुपर कम्प्यू टर।
प्रश्न 9.
ALU का पूरा नाम बताइए।
उत्तर:
Arithmetic Logic Unit.
प्रश्न 10.
किन्हीं दो ऑपरेटिंग सिस्टमों के नाम बताइए।
उत्तर:
Linux और Windows.
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कम्प्यूटर की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के कम्प्यूट (Compute) शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है-गणना या गिनती करना। ‘कम्प्यूटर एक स्वचालित (Automatic) इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसका कार्य हमारे द्वारा दिये गए किसी इनपुट उपकरण (Input Devices) से डाटा को प्राप्त करना है। तथा उस डाटा पर प्रोसेस (कार्य) करके किसी अर्थपूर्ण सूचनाओं को किसी आउटपुट उपकरण (Output Device) पर प्रदर्शित एवं परिवर्तित करना है।

प्रश्न 2.
प्रोग्राम किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कम्प्यूटर की किसी विशिष्ट भाषा जैसे – C, C++, Java आदि में लिखे गये निर्देशों (Instruction) के समूह को प्रोग्राम (Program) कहा जाता है। उदाहरण के लिए हमने किसी विद्यार्थी की अंक तालिका बनाई है जिसमें हम सर्वप्रथम विद्यार्थी का नाम, रोल नं., कक्षा तथा सभी विषयों के अंक भरने के लिए निर्देशों का एक प्रोग्राम बनाते हैं। जैसे ही हम सभी निर्देशों को भरते हैं। तत्पश्चात् यह निर्देशों का समूह (प्रोग्राम) पलक झपकते ही बिना किसी मानवीय श्रम के सभी प्राप्तांकों का योग, प्रतिशत, श्रेणी वरीयता क्रमांक आदि जानकारियों में प्रस्तुत होता है।
प्रश्न 3.
कम्प्यूटर की चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
कम्प्यूटर की प्रमुख चार विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं –
गति (Speed) – किसी मनुष्य की अपेक्षा कम्प्यूटर की कार्य करने की गति बहुत अधिक होती है। कम्प्यूटर जटिल से जटिल गणनाओं को मिनटों में हल कर देता है, जबकि उसी कार्य को करने में मनुष्य को काफी समय लगता है।
शुद्धता (Accuracy) – किसी मनुष्य की अपेक्षा कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम शत प्रतिशत हमेशा शुद्ध होते हैं। कम्प्यूटर से प्राप्त परिणामों में होने वाली गलतियाँ प्रायः मानवीय गलतियों के कारण, कम्प्यूटर में खराबी आने तथा वायरस आ जाने के कारण हो सकती हैं। कम्प्यूटर कभी भी गलती नहीं करता है।
सक्षमता (Diligency) – कम्प्यूटर मनुष्य की अपेक्षा कार्य करते-करते कभी नहीं रुकता तथा कई घंटे कार्य करने के बाद भी उसी एकाग्रता एवं गति के साथ कार्य करता है।
संग्रह क्षमता (Storage Capacity) – कम्प्यूटर की संग्रह क्षमता (Storage Capacity) बहुत अधिक होती है। इसमें लाखों, करोड़ों आँकड़े संग्रह करके काफी लम्बे समय तक रखे जा सकते हैं।
प्रश्न 4.
कम्प्यूटर की सीमाएँ क्या हैं ?
उत्तर:
कम्प्यूटर की सीमाएँ निम्नलिखित हैं –
कम्प्यूटर में स्वयं निर्णय लेने, सोचने व समझने की क्षमता नहीं होती है। वह केवल दिये गये निर्देशों पर ही कार्य करता है।
कम्प्यूटर पूर्णतया तकनीकी पर निर्भर करता है। समय के साथ-साथ इसे अपडेट करना पड़ता है जो बहुत अधिक महँगा होता है।
सुरक्षा की दृष्टि से कम्प्यूटर में संग्रहीत सूचनाओं को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न उपाय करने पड़ते हैं।
प्रश्न 5.
कम्प्यूटर के कोई चार उपयोग लिखिए।
उत्तर:
कम्प्यूटर का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है –
शिक्षा में (In Education) – शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग बहुत अधिक हो गया है। इसके प्रयोग से विद्यार्थी अपने पाठ्य सम्बन्धित समस्याओं के हल प्राप्त कर सकते हैं, प्रोजेक्ट तैयार करने जैसे अनेक कार्य कर सकते हैं।
व्यवसाय में (In Business) – व्यवसाय के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग चैटिंग करने, ई-मेल करने, महत्त्वपूर्ण डाटा भेजने तथा प्राप्त करने, पैसे भेजने एवं प्राप्त करने आदि कार्यों में किया जाता है।
ऑफिसों में (In Office) – कम्प्यूटर का उपयोग ऑफिसों में महत्त्वपूर्ण डाटा रखने, रिकॉर्ड आदि कार्य में किया जाता
चिकित्सा में (In Medical) – चिकित्सा के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग मरीजों का इलाज करने, नई दवाइयाँ , खोजने, मरीज का डाटा रखने इत्यादि कार्यों में किया जाता
प्रश्न 6.
हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर में अन्तर बताइए।
उत्तर:
हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर में निम्न अन्तर हैंहार्डवेयर
इन्हें हम देख व छू सकते हैं।
इन्हें तैयार (Manufacture) किया जाता है।
यह इस्तेमाल करने पर घिसता है और कमजोर होता है।
यह सर्किटों के जाल पर कार्य करता है।
यह सस्ते होते हैं।
सॉफ्टवेयर
इन्हें हम देख व छू नहीं सकते हैं।
इन्हें तैयार (Manufacture) नहीं किया जा सकता, यह केवल डेवलप किए जाते हैं।
यह न घिसता है और न ही कमजोर होता है।
यह निर्देशों पर कार्य करता है।
यह बहुत महँगे होते हैं।
प्रश्न 7.
RAM और ROM क्या हैं ? इनका पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
RAM और ROM का आशय मुख्य मैमोरी (Main Memory) से होती है। इन्हें प्रथम मैमोरी (Primary Memory) भी कहा जाता है। इनका कार्य प्राथमिक तथ्यों की संगणना प्रोग्राम में लिखित निर्देशों के अनुसार करना है। मुख्य मैमोरी निम्न दो प्रकार की होती हैं
रेन्डम एक्सेस मैमोरी (Random Access MemoryRAM) – RAM एक अस्थाई (Volatile) मैमोरी होती है, RAM में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संग्रहीत रहता है। कम्प्यूटर के बन्द होने (Switch off) अथवा विद्युत आपूर्ति (Power Supply) बन्द हो जाने पर RAM में संग्रहीत (Store) में डाटा मिट जाता है।
रीड ऑनली मैमोरी (Read Only Memory-ROM) यह एक स्थिर या स्थायी (Non-volatile) मैमोरी होती है, कम्प्यूटर बन्द होने या विद्युत आपूर्ति बन्द होने पर भी इसमें डाटा सुरक्षित रहता है। इस मैमोरी में संग्रहीत डाटा में प्रोग्राम परिवर्तित नहीं किए जा सकते हैं उन्हें केवल पढ़ा जा सकता है।
प्रश्न 8.
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कार्य लिखिए।
उत्तर:
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का वह समूह होता है। जो किसी विशेष तथा निश्चित कार्यों को करने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं। कार्य के आधार पर कुछ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर निम्नलिखित हैं
स्प्रेडशीट (Spredsheet) – स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर का प्रयोग ऑफिस कार्य करने, व्यवसाय आदि में डाटा के रिकॉर्ड को टेबुल्स रूप में संग्रहीत करने में किया जाता है।
CAD (Computer Aided Design) – इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग इन्जीनियरिंग में किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर की सहायता से हम बिल्डिगों के नक्शे, आर्किटेक्चर (Architecture) तैयार करने में किया जाता है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग रेलवे में रिजर्वेशन में किया जाता है।
DTP (Desktop Publishing) में Page Maker, Photoshop, Coral Draw आदि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग किताबों का सम्पादन (Editing) करने में किया जाता है।
प्रश्न 9.
सुपर कम्प्यूटर की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
सुपर कम्प्यूटर की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
इन कम्प्यूटरों की संग्रहण क्षमता एवं कार्य करने की गति सर्वाधिक होती है।
इन कम्प्यूटरों पर अनेक व्यक्ति एक साथ कार्य कर सकते हैं।
मौसम की भविष्यवाणी, नाभिकीय संयंत्रों के नियंत्रण आदि कार्यों में इन कम्प्यूटरों का ही प्रयोग किया जाता है।
अधिक जटिल एवं उच्च कोटि की गणनाएँ शुद्धता से करने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।
यह कम्प्यूटर आकार में सबसे बड़े और महँगे होते हैं।
प्रश्न 10.
ट्रांसलेटर क्या कार्य करता है?
उत्तर:
ट्रांसलेटर ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों की भाषा को कम्प्यूटर (मशीन) द्वारा समझी जा सकने वाली भाषा में परिवर्तित करते हैं। कम्पाइलर (Compiler) इन्टरप्रेटर (Interpreter), असेम्बलर (Assembler) कुछ भाषा ट्रांसलेटर (Language translator) के उदाहरण हैं।
कम्पाइलर ऐसा सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जिसका उपयोग उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा को मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है।
इन्टरप्रेटर उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा को पंक्ति-दरपंक्ति (Line wise) मशीन भाषा में परिवर्तित करता है।
असेम्बलर – यह असेम्बली भाषा में लिखे प्रोग्राम को मशीन भाषा में परिवर्तित करता है।
प्रश्न 11.
किसी भी अंक प्रणाली में उसके आधार का क्या महत्व है?
उत्तर:
किसी भी अंक प्रणाली में उसके आधार का बहुत महत्व है, क्योंकि प्रत्येक कम्प्यूटर अंकों, अक्षर व अन्य विशेष अक्षरों को कूट रूप (संख्या प्रणाली) में अपने आप में संग्रहीत करता है। जब हम अंक को कम्प्यूटर में संग्रहीत करते हैं तो डाटा एक भिन्न रूप से कूट कोड के रूप में मशीन में संग्रहीत किया जाता है जैसे बाइनरी, ऑक्टल, हेक्साडेसीमल जिनका आधार क्रमशः 2, 8, 16 होता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विविध क्षेत्रों में कम्प्यूटर के उपयोग’ विषय पर निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
कम्प्यूटर का उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रही है। ऐसे बहुत कम ही क्षेत्र होंगे जहाँ कम्प्यूटर का उपयोग नहीं होता हो अन्यथा हर क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। कम्प्यूटर का उपयोग मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में व्यापक रूप से किया जाता है
एयर लाइन्स और रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम (Air Lines and Railway Reservation system) – कम्प्यूटर का प्रयोग एयर लाइन्स और रेलवे क्षेत्र में टिकटों की बुकिंग कराने, रेल एवं एयरलाइन्स की जानकारी करने, आरक्षण चार्ट देखने आदि में किया जाता है।
बैंकिंग क्षेत्र में (In Banking Field) – कम्प्यूटर का प्रयोग बैंकिंग क्षेत्र में बहुत अधिक बढ़ गया है। जो कार्य पहले कई व्यक्तियों द्वारा मैनुअल (Manual) किया जाता था, वही कार्य कम्प्यूटर द्वारा किया जाता है, बैंकिंग क्षेत्र में कम्प्यूटरों का प्रयोग समंकों का रिकॉर्ड रखने, एकाउण्ट के लेन-देन की जानकारी रखने इत्यादि में किया जाता है।
शिक्षा में (In Education) – शिक्षी के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग विद्यार्थियों के रिकॉर्ड रखने, अंक तालिका बनाने, विद्यार्थी द्वारा प्रोजेक्ट तैयार करने तथा अध्ययन सामग्री जुटाने में किया जाता है।
व्यवसाय में (In Business) – व्यवसाय के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग ई-मेल भेजने, स्टॉक की जानकारी रखने, ऑनलाइन लेन-देन का रिकॉर्ड रखने इत्यादि कार्यों में किया जाता है।
ऑफिसों में (In Office)-ऑफिसों में कम्प्यूटर का प्रयोग अनेक प्रकार के रिकॉर्ड रखने, ई-मेल भेजने एवं प्राप्त करने इत्यादि कार्यों में किया जाता है।
चिकित्सा क्षेत्र में (In medical)-मैडीकल क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग मरीजों का रिकॉर्ड रखने, रोगों के इलाज करने, चिकित्सीय परीक्षण इत्यादि कार्यों में किया जाता है।
प्रयोगशाला में (In Laboratory)-कम्प्यूटर का प्रयोग प्रयोगशालाओं में नवीन तत्वों की खोज करने, परीक्षण करने, रिकॉर्ड रखने इत्यादि कार्यों में किया जाता है।
प्रश्न 2.
कम्प्यूटर की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कम्प्यूटर में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं
गति (Speed) – किसी मनुष्य की अपेक्षा कम्प्यूटर के कार्य करने की गति बहुत तीव्र होती है। वह जटिल से जटिल गणनाओं को कुछ सैकण्डों में हल कर देता है। जबकि मनुष्य उस कार्य को करने में घंटों लगा देते हैं। एक पर्सनल कम्प्यूटर (PC) अरबों गणनाओं को एक सैकण्ड से भी कम समय में पूर्ण कर देता है।
शुद्धता (Accuracy) – किसी मनुष्य की अपेक्षा कम्प्यूटर के परिणाम सदैव शुद्ध और सटीक होते हैं। कम्प्यूटर में एक बार सही निर्देश देने पर वह सटीक तथा शुद्ध परिणाम देता है। मानवीय गलती के कारण, कम्प्यूटर में खराबी आने, वायरस आने की स्थिति में ही कम्प्यूटर गलत परिणाम निकोले सकता है अन्यथा कम्प्यूटर कभी गलती नहीं करता है।
सक्षमता (Diligency) – मनुष्य की अपेक्षा कम्प्यूटर कभी भी थकान महसूस नहीं करता, वह निरन्तर कई घण्टों तक कार्य करने के बाद भी एकाग्रता एवं एकसमान गति के साथ काम करता रहता है।
स्मरण शक्ति (Power of Remembering) – कम्प्यूटर में भी मनुष्य के मस्तिष्क की भाँति स्मरण शक्ति (memory) होती है जिससे लाखों-करोड़ों आँकड़ों (Data) को अपने अन्दर संग्रहीत कर सकता है। आवश्यकतानुसार आँकड़ों को कभी भी देखा जा सकता है।
संग्रह क्षमता (Storage Capacity) – कम्प्यूटर की संग्रह क्षमता (storage capacity) बहुत अधिक है। इनमें लाखों-करोड़ों आँकड़ों को लम्बे समय तक सुरक्षित व संग्रहीत किया जा सकती है।
व्यापक उपयोगिता (Versatility) – कम्प्यूटर का प्रयोग अनेक तरह के कार्यों में किया जाता है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, फैक्ट्री, घर, कार्यालय आदि अनेक क्षेत्रों में कम्प्यूटर की महत्वपूर्ण भूमिका है।
स्वचालन (Automation) – कम्प्यूटर में स्वचालन का गुण होता है जिसकी वजह से मानव श्रम व समय की बचत होती है। 3.
कम्प्यूटर के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए तथा इसका ब्लॉक रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
कम्प्यूटर एक सिस्टम की भाँति कार्य करता है, यहाँ कम्प्यूटर सिस्टम से अभिप्राय उसके विभिन्न भौतिक भागों (Physical Parts) से है। यह मुख्यतः तीन भागों से मिलकर बना होता है।
1. सिस्टम यूनिट या सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (System Unit or Central Processing Unit-CPU)
2. इनपुट यूनिट (Input Unit)
3. आउटपुट यूनिट (Output Unit)
सिस्टम यूनिट या सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (System Unit or Central Processing Unit-CPU) – fort प्रकार हमारा दिमाग हमारे समस्त शरीर के भागों पर नियंत्रण करता है। उसी प्रकार सी.पी.यू. (CPU) का शेष सभी भागों जैसे – इनपुट/आउटपुट डिवाइस, मैमोरी आदि पर नियंत्रण है और उनसे कार्य करवाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि सी.पी.यू. (C.P.U.) ही कम्प्यूटर का दिमाग होता है। C.P.U. ही समस्त निर्देशों का क्रियान्वयन (execution) करने के लिए, उन्हें पढ़ता है, व्याख्या करता है, नियन्त्रण करता है और गणना (Calculation) करता है। इसको तीन भागों में बाँटा जा सकता है –
अंकगणितीय व तार्किक इकाई (Arithmetic Logic Unit – ALU) – यह यूनिट अंकगणितीय क्रियाओं जैसेजोड़, घटाव, गुणा, भागों तथा तार्किक क्रियाएँ (Logical operations) जैसे – दो संख्याओं या डाटों की तुलना करना, निर्णय लेने का कार्य करती है।
नियन्त्रण इकाई (Control Unit-C.U.) – यह कम्प्यूटर की सूचनाओं के आदान-प्रदान व कम्प्यूटर के अन्य उपकरणों पर नियन्त्रण का कार्य करती है, यह कम्प्यूटर की समस्त आन्तरिक क्रियाओं का संचालन भी करती है।
मैमोरी (Memory) – कम्प्यूटर की मैमोरी वह स्थान है जहाँ डाटा, सूचना और प्रोग्राम संग्रहीत (store) रहते हैं। और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध हो सकते हैं।
इनपुट यूनिट (Input Unit) – कम्प्यूटर में डाटा तथा प्रोग्राम विवरणों की प्रविष्टि (Enter) के लिए प्रयुक्त की जाने वाली युक्तियाँ (Devices) जैसे-की-बोर्ड, माउस, स्कैनर आदि इनपुट यूनिट कहलाती हैं।
आउटपुट यूनिट (Output Unit) – कम्प्यूटर से प्राप्त परिणामों (Result) को लिखने तथा उन परिणामों को मानवीय भाषा में प्रस्तुत करने वाली युक्तियाँ (Devices) जैसेमॉनीटर स्पीकर, प्रिंटर, आदि आउटपुट यूनिट कहलाती हैं।

प्रश्न 4.
सुपर कम्प्यूटर परम (PARAM) की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
सुपर कम्प्यूटर सबसे बड़े कम्प्यूटर होते हैं। इनकी संग्रहण क्षमता सर्वाधिक है। इस कम्प्यूटर पर अनेक व्यक्ति एक साथ कार्य कर सकते हैं। बहु-उपयोगी सुपर कम्प्यूटर PARAM की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
PARAM कम्प्यूटर द्वारा ही मौसम की सटीक भविष्यवाणी कर पाना सम्भव है।
PARAM कम्प्यूटर द्वारा ही तेल व गैस के भण्डारों का पता लगाया जाता है।
अन्तरिक्ष एवं नाभिकीय कार्यक्रमों में विभिन्न समस्याओं का समाधान PARAM कम्प्यूटर द्वारा ही किया जाता है।
PARAM की कार्य करने की गति सर्वाधिक है।
PARAM कम्प्यूटर जटिल गणना शुद्धता से करता है।
प्रश्न 5.
आकार के आधार पर कम्प्यूटर कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आकार के आधार पर कम्प्यूटर चार प्रकार के होते, हैं –
1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Main Frame Computer)
4. सुपर कम्पयूटर (Super Computer)
माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer) – ये आकार में छोटे एवं कम कीमत के होते हैं। कार्यालयों, विद्यालयों आदि में प्रायः माइक्रो कम्प्यूटर ही होते हैं। इनमें एक ही सीपीयू होता है। इस पर एक समय में एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है। अतः इन्हें पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer) या PC भी कहते हैं। PC भी कई प्रकार के होते हैं –
डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computer) – वे कम्प्यूटर जिनको टेबल या डेस्क पर रखकर कार्य किया जाता है, डेस्कटॉप कम्प्यूटर कहलाते हैं। ये साइज में थोड़े बड़े होते हैं। इसमें सीपीयू, की-बोर्ड, माउस आदि होते हैं।
लैपटॉप कम्प्यूटर (Laptop Computer) – ये कम्प्यूटर साइज में छोटे व ब्रीफकेस के समान होते हैं। जिसे व्यक्ति अपनी गोद (Lap) में रखकर कार्य कर सकती है।
पामटॉप कम्प्यूटर (Palmtop Computer) – ये कम्प्यूटर लेपटॉप कम्प्यूटर से छोटे व वजन में हल्के होते हैं, जिनको व्यक्ति अपने हाथ की हथेली पर रखकर चला सकता है।
टेबलेट कम्प्यूटर (Tablet Computer) – यह मोबाइल से बड़े तथा लैपटॉप से छोटे होते हैं। इन्हें व्यक्ति अपनी अंगुलियों (Finger) द्वारा चलाता है।
Ficcion after TT (Note Book Computer) – नोटबुक कम्प्यूटर लैपटॉप कम्प्यूटर के सामान ही होते हैं जिसको लैपटॉप की भाँति ही गोदी (Lap) में रखकर चलाया जाता है।
मिनी कम्प्यूटर (Mini-Computer) – ये मध्यम आकार के सामान्य उद्देश्य वाले कम्प्यूटर होते हैं। ये माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक कार्यशील, शक्तिशाली एवं अधिक कीमत वाले होते हैं। इनमें एक से अधिक सीपीयू होते हैं। जिन पर एक समय में एक से अधिक कार्य कर सकते हैं। इनका उद्देश्य बैंकों में, कार्यालयों आदि में किया जाता है।
मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Main Frame Computer) – ये आकार में प्रायः बहुत बड़े होते हैं। इन कम्प्यूटरों पर एक समय में कई व्यक्ति कार्य कर सकते हैं। इनका उपयोग प्रायः रेलवे आरक्षण, बीमा कम्पनियों, अनुसंधान संस्थाओं आदि में किया जाता है। IBM 4300, IBM 4381, VAX 8842 आदि मेनफ्रेम कम्प्यूटर हैं।
सुपर कम्प्यूटर (Super Computer) – ये आकार में सबसे बड़े एवं सबसे महँगे कम्प्यूटर होते हैं। इन पर भी अनेक व्यक्ति एक साथ कार्य करते हैं। इनका उपयोग मुख्यत: मौसम की भविष्यवाणी करने, रक्षा संगठनों, वैज्ञानिक अनुसंधान संगठनों आदि में किया जाता है। PARAM, CRAY, NEC, CDC आदि सुपर कम्प्यूटर हैं।
प्रश्न 6.
कम्प्यूटर में मैमोरी की आवश्यकता क्यों होती है? कम्प्यूटर मैमोरी के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कम्प्यूटर की मैमोरी वह इलेक्ट्रॉनिक स्थान है जहाँ डाटा, सूचना और प्रोग्राम संग्रहीत रहते हैं और आवश्यकता होने पर तत्काल उपलब्ध होते हैं। जिस प्रकार मनुष्य के दिमाग में याद रखने की क्षमता होती है वह उस याद रखने की क्षमता (मैमोरी) का प्रयोग अपने कार्यों को करने में करता है, इसी प्रकार कम्प्यूटर में डाटा तथा निर्देशों को संग्रह करने की क्षमता होती है जो कम्प्यूटर की मैमोरी कहलाती है। इसका कार्य किसी इनपुट डिवाइस से लिए गए डाटा को संग्रहीत करके आवश्यकतानुसार प्रदर्शित करना है। मैमोरी प्रत्येक कम्प्यूटर का एक महत्वपूर्ण भाग है। बिना मैमोरी के कम्प्यूटर कार्य नहीं कर सकता। मैमोरी में संग्रह के लिए अनेक स्थान (Locations) होते हैं, जिनकी संख्या निश्चित होती है। मैमोरी को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है –
1. मुख्य मैमोरी (Main Memory)
2. बाह्य मैमोरी (External memory)।
मुख्य मैमोरी (Main Memory) – इसे प्राथमिक मैमोरी (Primary Memory) अथवा आन्तरिक मैमोरी (Internal Memory) भी कहा जाता है। यह प्राथमिक तथ्यों की संगणना प्रोग्राम में लिखित निर्देशों के अनुसार करती है। यह सीपीयू का ही भाग होती है। मुख्य मैमोरी को दो भागों में बाँटा जा सकता है।
अस्थायी मैमोरी अथवारेन्डम एक्सेस मैमोरी (Volatile Memory or Random Access Memory-RAM) – RAM में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से रहते हैं। कम्प्यूटर को बन्द करने अथवा पॉवर सप्लाई (Power Supply) बन्द हो जाने पर इसमें संग्रहीत डाटा स्वयं ही मिट जाता है। इसलिए इसे अस्थायी (volatile) मैमोरी भी कहा जाता है। RAM में संग्रहीत डाटा को कभी भी पढ़ा (Read) एवं लिखा (writing) तथा एक्सेस (Access) किया जा सकता है।
स्थायी मैमोरी अथवा रीड ऑनली मैमोरी (Non Volatile Memory and Read Only Memory)ROM में डाटा या प्रोग्राम स्थायी रूप से संग्रहीत रहते हैं। कम्प्यूटर के बन्द हो जाने या विद्युत आपूर्ति बन्द हो जाने पर भी इसमें डाटा सुरक्षित रहता है, इसलिए इसे स्थायी (Non volatile) मैमोरी कहा जाता है। इसमें संग्रहीत डाटा को केवल पढ़ा (Read) जा सकता है, पुनः लिखा (write) नहीं जा सकता।
बाह्य मैमोरी (External Memory) – डाटा को स्थायी (Permanent) रूप से संग्रहीत करने के लिए बाह्य मैमोरी (External Memory) की आवश्यकता होती है। इसे द्वितीयक मैमोरी (Secondary Memory) भी कहा जाता है। यह मैमोरी चुम्बकीय (magnetic) अथवा प्रकाशीय (Opitcal) होती है। इनमें संग्रहीत डाटा हमेशा सुरक्षित रहता है तथा कम्प्यूटर बन्द हो जाने या खराब हो जाने पर भी डाटा नष्ट नहीं होता है। उदाहरणतः-हार्ड डिस्क, फ्लॉपी, मैग्नेटिक टेप आदि।
प्रश्न 7.
द्विआधारी (Binary) भाग को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
द्विआधारी (Binary) सिस्टम में केवल दो अंक (0 व 1) उपयोग में लिए जाते हैं। इस सिस्टम में सबसे बड़ी एक अंक की संख्या 1 है। जो कि आधार 2 से एक कम मानी जाती है। प्रत्येक बाइनरी संख्या में अंकों का स्थान आधार (2) की घात (Power) को व्यक्त करता है। इस पद्धति में सबसे दायीं स्थिति में (20) दाएं से द्वितीय स्थिति में (21) और इसी क्रमानुसार 22, 23….. तक चलती हैं।
उदाहरण – हम बाइनरी संख्या (10110) के समकक्ष दशमलव संख्या ज्ञात करते हैं।
(10110)2 = ( )10
सर्वप्रथम इस संख्या में दायें से बायें चलने पर
1 0 1 1 0
(1 × 24) + (0 × 23) + (1 × 22) + (1 × 21) + (0 × 20)
= 16 +0 + 4 + 2 + 0
= (22)10
प्रश्न 8.
निम्नलिखित द्विआधारी संख्या को दशमलव संख्या में परिवर्तित करिए।
(अ) 00111
(ब) 11001
(स) 1010.001
(द) 111.11
उत्तर:
(अ) (00111)2= ( )10
हल: (00111)2= ( )10
द्विआधारी सिस्टम के अनुसार दाएँ से बाएँ चलने पर
(0 × 24) + (0 × 23) + (1 × 22) + (1 × 21) + (1 × 20)
= 0 + 0 + 4 + 2 + 1
= 7
= (7)10
(ब) (11001)2= (25)10
दायें से बायें चलने पर
(1 × 24) + (1 × 23) + (0 × 22) + (0 × 21) + (1 × 20)
= 16 + 8 + 0 + 0 + 1
= (25)10
(स) (1010.001)2 = ( )10
हल : (1010.001)2 = (10.125)10
= (1 × 23) + (0 × 22) + (1 × 21) + (0 × 20) + (o × 2-1) + (0 × 2-2) + (1 × 2-3)
= 8 + 0 + 2 + 0 + 0 + 0 + 1/8
= 10+1/8
= (10.125)10
(द) (111.11)2= (7.75)10
हल : (111.11)2 = ( )10
= (1 × 22) + (1 × 21)+(1 × 20) + (1 × 2-1) + (1 × -2)
= 4+2+1+12+14
= 7+12+14
= 28+2+14=314
= (7.75)10
प्रश्न 9.
निम्नलिखित हैक्साडेसीमल संख्याओं को द्विआधारी संख्या में बदलिये
(अ) FF
(ब) ABC
(स) CD42
(द) F329
उत्तर:
(अ) (FF)16 = ( )2 प्रत्येक हैक्साडेसीमल अंक को बाइनरी के चार अंकों में परिवर्तित करने पर
(F)16 = (15)10 = (1111)2
(F)16 = (15)10 = (1111)2
इन दोनों बाइनरी अंकों के समूह को एक साथ लिखने पर
(1111 1111)2
(ब) (ABC)16 – ( )2
हल : (ABC)16 – ( )2
हैक्सा डेसीमल को बाइनरी में परिवर्तित करने पर
(A)16 = (10)10 = (1010)2
(B)16 = (11)10 = (1011)2
(C)16 = (12)10 = (1100)2
इन सभी बाइनरी को एक साथ लिखने पर
= (101010111100)2
(स) (CD 42)16 =( )2
हल : (CD 42)16 = ( )2
बाइनरी में बदलने पर।
(C)16 = (12)10 = (1100)2
(D)16 = (13)10 = (1101)2
(4)16 =(4)10 = (0100)2
(2)16 = (2)10 = (0010)2
इन सभी बाइनरी को एक साथ लिखने पर
= (1100110101000010)2
(द) (F329)16 = ( )2
हलः (F329)16 = ( )2
बाइनरी में बदलने पर
(F)16 = (15)10 = (1111)2
(3)16 = (3)10 = (0011)2
(2)16 = (2)10 = (0010)2
(9)16 = (9)10 = (1001)2
इन सभी को एक साथ लिखने पर
= (1111001100101001)2
प्रश्न 10.
निम्नलिखित द्विआधारी संख्याओं को उसके समतुल्य हेक्साडेसीमल में बदलिए।
(अ) 1110 1000
(ब) 1010 1111 0110
(स) 1100 1011
(द) 1000 1011 1101 0110
(अ) (1110 1000)2 = ( )16
हल : 1110 1000)2 = ( )16
(1110)2 = (1 × 23) + (1 × 22) + (1×22) + (0 × 20)
= 8 + 4 + 2 + 0 = (14)10
=(E)16
(1000)2 = (1 × 23) + (0 × 22) + (0 × 21) – (0 × 20)
= 8 + 0 + 0 + 0
=(8)16
अतः (1110 1000) = (E8)16
(ब) (1010 1111 0110)2 = ( )16
हल : (1010 1111 0110)2 = ( )16
(1010)2 = (1 × 23) + (0 × 22) + (1 × 21) + (0 × 20)
= 8 + 0 +2 + 0
=(10)10 =(F)16
(1111)2 = (1 × 23) + (1 × 22) + (1 × 21) + (1 × 20)
= 8 + 4 + 2 + 1
= (15)10 = (F)16
(0110)2 = (0 × 23) + (1 × 22) + (1 × 21) + (0 × 20)
= 0 + 4 + 2 + 0
= (6)16
अतः (1010 1111 0110)2 = (AF6)16
(स) (1100 1011)2 = ( )16
हल : (1100 1011)2 = ( )16
(1100)2 = (1 × 23) + (1 × 22) + (0 × 21) + (0 × 20)
= 8 + 4 + 0 + 0
= (12)10 = (C)16
(1011)2 = (1 × 23) + (0 × 22) + (1 × 21) + (1 × 20)
= 8 + 0 + 2 + 1
= (11)10 = (B)16
अतः (1100 1011)2 =(B)16
(द) (1000 1011 1101 0110)2 = ( )16
हल : (1000 1011 1101 0110)2 = ( )16
(1000)2 = (1 × 23) + (0 × 22) + (1 × 21) + (0 × 20)
= 8 +0+ 0 + 0 = (8)16
(1011)2 = (1 × 23) + (0 × 22) + (1 × 21) + (1 × 20)
= 8 + 0 + 2 + 1
= (11)10 = (B)16
(1101)2 = (1 × 23) + (1 × 22) + (0 × 21) + (1 × 20)
= 8 + 4 + 0 + 1
= (13)10 = (D)16
(0110)2 = (0 × 23) + (1 × 22) + (1 × 21) + (0 × 20)
= 0 + 4 + 2 + 0
= (6)16
अतः (1000 1011 1101 0110)2 = (8BD6)16
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रोसेसिंग का कार्य जिस डिवाइस में होता है, उसे कहते
(अ) इनपुट डिवाइस
(ब) सी. पी. यू. (CPU)
(स) हार्ड डिस्क
(द) फ्लॉपी डिस्क
उत्तर:
(ब) सी. पी. यू. (CPU)
प्रश्न 2.
जिस डिवाइस में फाइलों को संग्रहीत किया जाता है, वह है –
(अ) की-बोर्ड
(ब) माउस
(स) हार्ड डिस्क
(द) मानीटर
उत्तर:
(स) हार्ड डिस्क
प्रश्न 3.
मिनी कम्प्यूटर है –
(अ) पैंटीयम (PII)
(ब) PDP – 8
(स) परम
(द) X-Ray-2
उत्तर:
(ब) PDP – 8
प्रश्न 4.
कम्प्यूटर की गणनाएँ करता है
(अ) रैम
(ब) रोम
(स) सी.यू.
(द) ए. एल. यू.
उत्तर:
(द) ए. एल. यू.
प्रश्न 5.
डेटा, निर्देश और परिणामों को संग्रहीत करके रखता हैं।
(अ) मैमोरी
(ब) सी. यू.
(स) मदरबोर्ड
(द) आउटपुट यूनिट
उत्तर:
(अ) मैमोरी
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक किलोबाइट में कितने बाइट होते हैं ?
उत्तर:
1024 बाइट।
प्रश्न 2.
मेनफ्रेम कम्प्यूटर के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
IBM 4300, VAX8842
प्रश्न 3.
1980 के दशक में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने किस कम्प्यूटर पर भारत के लिए रोक लगाई थी ?
उत्तर:
Cray X-MP सुपर कम्प्यूटर पर।
प्रश्न 4.
ई-कॉमर्स किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वस्तुओं और सेवाओं को इन्टरनेट के जरिए खरीदना व बेचना ही ई-कॉमर्स कहलाता है।
प्रश्न 5.
EEPROM का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
Electrically Erasable Programmable Read Only Memory.
RBSE Class 9 Information Technology Chapter 1 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ऑपरेटिंग सिस्टम के कोई चार कार्य लिखिए।
उत्तर:
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य – ऑपरेटिंग सिस्टम के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं
यह कम्प्यूटर और उपयोगकर्ता के मध्य एक इन्टरफेस स्थापित करता है, जिससे इन दोनों के बीच कम्यूनिकेशन, सम्भव हो पाता है।
यह सभी इनपुट युक्तियों तथा आउटपुट युक्तियों का प्रबन्धन करता है।
यह कम्प्यूटर द्वारा सम्पादित होने वाली विभिन्न टास्क को एलोकेट करता है।
यह सिस्टम प्रोग्राम तथा यूजर के डाटा और प्रोग्राम को मुख्य मेमोरी तथा स्टोरेज एलोकेट करता है।
प्रश्न 2.
यूटिलिटी प्रोग्राम क्या होता है ? उदाहरण सहित समझाओ।
उत्तर:
यूटिलिटी प्रोग्राम (Utility Program) – वे प्रोग्राम जो कम्प्यूटर की विभिन्न इकाइयों का रख-रखाव तथा मरम्मत करने का कार्य करते हैं, यूटिलिटी प्रोग्राम कहलाते हैं। कम्प्यूटर में वायरस चैक करने के लिए बनाये हुए प्रोग्राम की एक से दूसरी जगह कॉपी करने, डिस्क को फॉरमेट करने आदि के लिए बनाये गये साफ्टवेयर यूटिलिटी प्रोग्राम ही हैं। मुख्य यूटिलिटी प्रोग्राम Pc TOOLS, INTVIRUS, CPAR, NOO आदि हैं।
प्रश्न 3.
मेनफ्रेम कम्प्यूटर की विशेषताएँ बताओ।
उत्तर:
इनकी विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
ये कम्प्यूटर आकार में बहुत बड़े होते हैं तथा बड़े-बड़े स्टोल फ्रेम में इन्हें तैयार किया जाता है।
इनमें स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक एवं कार्य करने की गति बहुत अधिक होती है।
मेनफ्रेम कम्प्यूटरों में सैकड़ों से हजारों माइक्रो प्रोसेसर का उपयोग किया जा सकता है।
मेनफ्रेम कम्प्यूटरों को बड़े-बड़े नेटवर्को को तैयार व संरक्षित करने के लिए किया जाता है।
इनका उपयोग प्रायः व्यापारिक संगठनों, रेलवे, बीमा कम्पनियों, अनुसंधान संस्थानों में किया जाता है।
ये काफी महँगे कम्प्यूटर होते हैं जिन्हें किसी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल करना काफी खर्चीला हो सकता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भाषा ट्रान्सलेटर कितने प्रकार के होते हैं ? वर्णन करो।
उत्तर:
भाषा ट्रान्सलेटर तीन प्रकार के होते हैं –
1. कम्पाइलर (Compiler)
2. इन्टर प्रेटर (Interpreter)
3. एसेम्बलर (Assembler)
कम्पाइलर (Compiler) – यह एक भाषा ट्रांसलेटर है। जो उच्चस्तरीय भाषा में लिखे किसी प्रोग्राम को मशीनी भाषा में अनुवादित करता है; परन्तु यह पूरे प्रोग्राम को एक बार में रीड करता है तथा प्रोग्राम में मौजूद सभी अशुद्धियों (error) को एक साथ उनके लाइन नम्बर के साथ प्रदर्शित करता है।
इन्टरप्रेटर (Interpreter) – यह एक भाषा ट्रान्सलेटर है जो उच्चस्तरीय भाषा में लिखे प्रोग्राम को मशीन भाषा में अनुवादित करता है; यह उच्चस्तरीय भाषा में लिखे गये प्रोग्राम की लाइनों को एक-एक कर मशीन भाषा में अनुवादित करता है। प्रोग्राम तब तक निष्पादित नहीं होता जब तक उसमें से सभी अशुद्धियों को दूर न किया जाए।
एसेम्बलर (Assembler) – एसेम्बलर एक भाषा ट्रान्सलेटर है जो एसेम्बली भाषा में लिखे गये प्रोग्राम को मशीन भाषा में अनुवादित करता है। एसेम्बलर एक बार में प्रोग्राम की एक लाइन को मशीन भाषा में अनुवादित करता
प्रश्न 2.
ऑपरेटिंग सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं ? समझाओ।
उत्तर:
आपरेटिंग सिस्टम को निम्न तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
1. सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम
2. मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम
3. रीयल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम
सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम – सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम वे ऑपरेटिंग सिस्टम हैं जो एक समय में एक यूजर का प्रबन्धन रखते हैं। वे ऑपरेटिंग एक समय में एक कार्य। को क्रियान्वित करने के लिए चयन करके उन्हें क्रियान्वित करते हैं। उदाहरण-DOS, Windows आदि।
मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम – ये आपरेटिंग सिस्टम किसी कम्प्यूटर सिस्टम के रिसेंस पर दो अथवा दो से अधिक टर्मिनल के माध्यम से एक साथ एक्सेस करने की अनुमति प्रदान करते हैं।
उदाहरण – LINUX
रीयल – टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम – रीयल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रत्येक टास्क को प्रोसेस कर उसे सम्पादित करने की एक निश्चित समयावधि होती है तथा उन्हें उस समयावधि के अन्दर पूरा करना पड़ता है। रीयल टाइम आपरेटिंग सिस्टम का मुख्य उद्देश्य क्विक रेस्पॉन्स टाइम का अत्यधिक उपयोग तथा यूजर का कार्य करना होता है।