NCERT कक्षा 12वी अध्याय 02 विलयन संपूर्ण समाधान एवं नोट्स हिन्दी में।। NCERT CLASS 12TH CHAPTER 01 FULL SOLUTION + NOTES IN HINDI : ULTIMATE STUDY SUPPORT

विलयन (solution )  : दो या दो से अधिक घटको के समांगी मिश्रण (Homogeneous mixture) को विलयन कहते है।
वह विलयन दो घटको से मिलकर बना होता है , उसे द्विअंगीय विलयन कहते है।
यदि विलयन तीन घटको से मिलकर बना होता है उसे त्रिअंगीय विलयन कहते है।
विलयन बनाते समय जो पदार्थ( घटक) काम मात्रा में लिया जाता है , उसे विलेय(Solute) कहते है।
तथा जो पदार्थ या घटक अधिक मात्रा में लिए जाता है उसे विलायक (Solvent)कहते है।
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विलयन तीन प्रकार के होते है (solution is of three types)
1. गैसीय विलयन (Gaseous solution)
2. द्रव विलयन (Liquid solution)
3. ठोस विलयन (Solid solution)
सांद्रता की परिभाषा (Concentration) – किसी विलायक में विलेय की घुली हुई निश्चित मात्रा को उस विलयन की सांद्रता(Concentration) कहते है।
विलयनों की सान्द्रता को व्यक्त करना (concentration of solution in hindi) :
एक विलयन में विलेय तथा विलायक उपस्थित होते है।
विलयन के संघटन को उसकी सान्द्रता के रूप में व्यक्त किया जाता है।
किसी विलयन की सांद्रता का अर्थ विलेय की उस मात्रा से है जो विलयन अथवा विलायक की निश्चित मात्रा अथवा आयतन में घुली हो। विलयन की सांद्रता को निम्नलिखित प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है।
द्रव्यमान प्रतिशत (mass percentage of solution %w/w)
परिभाषा : किसी विलेय पदार्थ के भार भागों की वह संख्या जो विलयन के 100 भार भागों में , उपस्थित हो , विलयन की द्रव्यमान प्रतिशत कहलाती है।
अथवा
किसी विलयन के 100 ग्राम में उपस्थित विलेय की ग्रामों में संख्या , उस विलयन की द्रव्यमान प्रतिशत (% w/w) कहलाती है।
किसी विलेय पदार्थ की द्रव्यमान प्रतिशत = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान (ग्राम में) x 100 / विलयन का द्रव्यमान (ग्राम में)
या
द्रव्यमान प्रतिशत = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान (ग्राम में ) x 100 / (विलेय पदार्थ का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान)
सामान्यतया विलेय को A द्वारा और विलायक को B द्वारा प्रदर्शित किया गया है।
अत:
%w/w = (WA/WA + WB) x 100
यहाँ WA = विलेय का ग्राम में द्रव्यमान
WB = विलायक का ग्राम में द्रव्यमान
WA + WB = विलयन का ग्राम में द्रव्यमान।
उदाहरण 1 : 20 ग्राम शर्करा को 80 ग्राम जल में घोला गया तो शर्करा का द्रव्यमान % ज्ञात कीजिये।
अथवा
20 ग्राम शर्करा को जल में घोलकर 100 ग्राम विलयन बनाया गया तो शर्करा का द्रव्यमान % ज्ञात कीजिये।
उत्तर : शर्करा का द्रव्यमान = 20 ग्राम
जल का द्रव्यमान = 80 ग्राम
विलयन का द्रव्यमान = 20 + 80 = 100 ग्राम
शर्करा का द्रव्यमान प्रतिशत = (20/100) x 100 = 20% w/w
उदाहरण 2 : 15 ग्राम NaCl को 150 ग्राम जल में घोला गया तो NaCl का द्रव्यमान प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।
उत्तर : NaCl  का द्रव्यमान (विलेय पदार्थ) = 15 ग्राम
जल का द्रव्यमान (विलायक पदार्थ) = 150 ग्राम
विलयन का द्रव्यमान = 165 ग्राम।
अत: NaCl का द्रव्यमान प्रतिशत = (15/165) x 100 = 9.09% w/w
उदाहरण 3 : ग्राम ऑक्सेलिक अम्ल को 250 मिली लीटर विलयन में घोला गया है। विलयन का घनत्व 1.1 gm mL-1 है। ऑक्सेलिक अम्ल की द्रव्यमान प्रतिशत ज्ञात कीजिये।
उत्तर : विलयन का आयतन = 250 mL
विलयन का घनत्व = 1.1 gm mL-1
अत: विलयन का द्रव्यमान = 250 x 1.1 = 275.0 gm
अत: ऑक्सेलिक अम्ल का %w/w = 5.5 x 100/275 = 2% w/w
नोट : द्रव्यमान प्रतिशत में व्यक्त सांद्रता का उपयोग सामान्यतया रासायनिक उद्योगों में काम आने वाले व्यावसायिक रासायनिक पदार्थो के विलयनों की सांद्रता व्यक्त करने में किया जाता है। उदाहरण के लिए व्यावसायिक ब्लीचिंग विलयन में सोडियम हाइपो क्लोराइड 3.62 % w/w होता है। इसी प्रकार व्यावसायिक H2SO4 , 95.8% w/w होता है।
आयतन प्रतिशत (volume percentage of solution % v/v)
परिभाषा : किसी विलेय पदार्थ के आयतन भागों की वह संख्या जो किसी विलयन के 100 आयतन भागों में घुली हो , विलयन की आयतन प्रतिशत (% v/v) कहलाती है।
अथवा
किसी विलयन के 100 mL में उपस्थिति विलेय की mL में संख्या , उसे विलयन की आयतन प्रतिशत (% v/v) कहते है।
विलेय पदार्थ की आयतन प्रतिशतता = विलेय पदार्थ का आयतन (mL में) x 100 / विलयन का आयतन (mL में)
विलेय पदार्थ की आयतन प्रतिशतता = विलेय पदार्थ का आयतन (mL में) x 100 / (विलेय + विलायक) का आयतन (mL में)
% v/v = [VAmL/(VA + VB)mL ] x 100
VA = विलेय का आयतन (mL)
VB = विलायक का आयतन (mL)
नोट : मेथेनॉल का जल में 10% v/v विलयन का तात्पर्य है कि 10 mL मेथेनॉल को इतने जल में घोलते है कि कुल आयतन 100 मिली लीटर हो जाए।
द्रव विलयनों की सान्द्रता को सामान्यतया इस मात्रक में प्रदर्शित किया जाता है।
उदाहरण के लिए एथीलीन ग्लाइकॉल का 35% v/v विलयन ठंडे प्रदेशों में वाहनों के इंजन को ठंडा करने में कुलेंट की तरह काम में लेते है। इस विलयन का हिमांक 255.4 K होता है। जो कि जल के हिमांक (273 K) से 17.6 केल्विन कम है।
उदाहरण : 20 mL एथेनॉल 160 mL जल में घुला हुआ है। एथेनॉल की आयतन प्रतिशत ज्ञात कीजिये।
हल : C2H5OH का आयतन (विलेय) =  20 mL
जल का आयतन (विलायक) = 160 mL
विलयन का आयतन = 20 + 160 = 180 mL
ऐथेनॉल का आयतन % = 20 x 100/180 = 11.11%
द्रव्यमान आयतन प्रतिशत (mass volume percentage % w/V)
किसी विलेय पदार्थ के भार भागों में की वह संख्या है जो विलयन के 100 आयतन भागों में घुली हो , विलयन की द्रव्यमान आयतन प्रतिशतता कहलाती है।
अथवा
किसी विलयन के 100 mL में उपस्थित विलेय की ग्रामों में मात्रा , उस विलयन की द्रव्यमान आयतन प्रतिशत (mass volume percentage ) कहलाती है।
द्रव्यमान आयतन % = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान (gm) x 100/विलयन का आयतन (mL)
%w/v = WA/V(sol) ml
V(sol) ml विलयन का आयतन है।
विलयन की सान्द्रता की इस इकाई का उपयोग सामान्यतया औषधियों तथा फार्मेसी में किया जाता है। उदाहरण के लिए आँख धोने के लिए 1%  w/v बोरिक अम्ल के विलयन का उपयोग करते है।
1%  w/v बोरिक अम्ल विलयन का अर्थ है कि एक ग्राम बोरिक अम्ल को जल में घोल कर विलयन का कुल आयतन 100 ml बना दिया है।
उदाहरण 1 : 20 ग्राम शर्करा को जल में घोलकर 250 ml विलयन बनाया गया द्रव्यमान आयतन प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।
हल : शर्करा का द्रव्यमान = 20 ग्राम
विलयन का आयतन = 250 ml
द्रव्यमान आयतन प्रतिशतता = 20/250 x 100 = 8% w/v
उदाहरण 2 : 10 gm यूरिया को जल में घोल कर कुल आयतन 500 ml किया गया है। विलयन की %  w/v ज्ञात कीजिये।
उत्तर : यूरिया का द्रव्यमान = 10 ग्राम
विलयन का आयतन = 500  ml
द्रव्यमान आयतन प्रतिशतता (%  w/v) = WA/V(sol) ml x 100
= 10/500 x 100 = 2% w/v
उदाहरण 3 : 2% w/v NaCl विलयन के 400 ml बनाने के लिए कितने ग्राम NaCl की आवश्यकता होगी ?
उत्तर : द्रव्यमान आयतन प्रतिशत = 2%
विलयन का आयतन = 400 मिली
द्रव्यमान आयतन प्रतिशतता (%  w/v) = WA/V(sol) ml x 100
2 = WA/400 x 100
WA = 8 gm
अत: विलेय (NaCl) का द्रव्यमान = 8 ग्राम
#विलयन किसे कहते है समझाइये , विलयन को परिभाषित कीजिये , विलायक क्या है , विलेय और विलायक में अंतर बताइएं , सान्द्रता किसे कहते है , मोललता , मोलरता  ,
मोलरता की परिभाषा – एक लीटर विलयन में किसी विलेय के मोलो की संख्या को मोलरता (Molarity) कहते है , इसे M से व्यक्त करते है।
(Molarity) मोलरता (M)   =   विलेय  पदार्थ  की  मोलों  में  संख्या  /  विलयन  का  आयतन  ( लीटर  में )
चूँकि विलेय पदार्थ के मोल (mol) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार 
अतः मोलरता (M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलयन का आयतन (लीटर में )
नोट : मोलरता (Molarity) की इकाई (unit) मोल/लीटर (mol/L) होती है। 
नोट : मोलरता ताप(Heat) से प्रभावित होता है। 
नोट : M , M/2 , M/10 , M/100 को क्रमशः मोलर , सेमीमोलर , डेसी मोलर , सेंटी मोलर कहते है। 
प्रश्न 1 – 4 ग्राम NaOH (कास्टिक सोडा)(Caustic soda) 1 लीटर जलीय विलयन में घुला हुआ है , मोलरता ज्ञात करो। 
उत्तर – मोलरता (Molarata)(M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलयन का आयतन (लीटर में )
               M = 4 / 40 x 1 
                   = 1/10 M 
                    = M / 10 
प्रश्न 2 – 12.6 ग्राम C2H2O2.2H2O क्रिस्टलीय ऑक्सैलिक अम्ल(Crystalline oxalic acid) 500 ग्राम जलीय विलयन में उपस्थित है तो मोलरता ज्ञात करो। 
उत्तर – M = 12.6 / 126 x 500/1000 
           M = 12.6/126 x 1/2 
           M = 2/10 
               = 0.2 M 
प्रश्न 3 – यूरिया (Urea)(NH2-CO-NH2) का डेसी मोलर विलयन बनाने के लिए एक लीटर विलयन (solution) में कितना यूरिया घोलना पड़ेगा। 
उत्तर – M = 0.1 /1 
           M = W/60 x 1 
           M = w = 60 x 0.1 x 1 
           w = 6 ग्राम 
मोलरता (molarity in hindi) (M) : एक लीटर (एक क्यूबिक डेसीमीटर 1 dm3) विलयन में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या उस विलयन की मोलरता कहलाती है। 
मोलरता को M द्वारा प्रदर्शित करते है।
मोलरता = विलेय के मोल / विलयन का आयतन (लीटर)
अथवा
मोलरता = विलेय के मोल x 1000 / विलयन का आयतन (mL)
अथवा
M = WA x 1000/MA x V(sol.)mL
प्रश्न 1 : उस विलयन की मोलरता की गणना कीजिये जिसमें 5 ग्राम NaOH , 450 mL विलयन में घुला हुआ है।
उत्तर : विलेय का द्रव्यमान (WA) = 5 gm
विलयन का आयतन V(sol.)mL = 450 mL
विलेय का मोलर द्रव्यमान (MA) = 40 gm
M = WA x 1000/MA x V(sol.)mL
मोलरता M = 0.278 mol dm-3
प्रश्न 2 : 9.8 ग्राम H2SO4 को जल में घोलकर 10 लीटर विलयन प्राप्त किया गया। विलयन की मोलरता ज्ञात कीजिये ?
उत्तर : M = WA x 1000/MA x V(ml)
M = 9.8 x 1000/98 x 10000
M = 0.01 M
प्रश्न 3 : ऑक्सेलिक अम्ल (H2C2O4.2H2O) के 250 ml , सेमीमोलर विलयन प्राप्त करने के लिए आवश्यक अम्ल की मात्रा की गणना कीजिये।
हल : H2C2O4.2H2O का अणुभार = 126 =  MA
विलयन की मोलरता M = 1/2 [सेमी मोलर]
विलयन का आयतन V (ml) = 250 mL
विलेय का द्रव्यमान (WA) = ?
M = WA x 1000/MA x V(ml)
WA = 15.75 gm.
नार्मलता तथा मोलरता में सम्बन्ध
N = WA/EA x V(sol)L
M = WA/MA x V(sol)L
भाग देने पर N/M = MA/EA
अथवा N = M x MA/EA
MA = विलेय का ग्राम मोलर द्रव्यमान
EA = विलेय का ग्राम तुल्यांकी द्रव्यमान
MA/EA = संयोजकता गुणांक कहलाता है |
यदि संयोजकता गुणांक n हो तो
N = M x n
अम्ल के लिए – n = अम्ल की क्षारकता
क्षार के लिए – n = क्षार की अम्लता
ऑक्सीकारक के लिए – n = प्रति अणु ग्रहण किये इलेक्ट्रॉनों की संख्या
अपचायक के लिए – n =  प्रतिअणु त्यागे गए इलेक्ट्रॉनों की संख्या
आयनिक पदार्थ के लिए – n = अणु में उपस्थित धनआयन या ऋण आयन पर उपस्थित कुल आवेश
उदाहरण के लिए –
 सूत्र n का मान सूत्र n का मान HCl 1 NaCl 1 H2SO4 2 CuSO4 2 H3PO4 3 Na3PO4 3 NaOH 1 AlCl3 3 Ba(OH)2 2 Fe2(SO4)3 6
 
#मोलरता किसे कहते है समझाइये , मोलरता मोललता को परिभाषित कीजिये , molarity क्या है ,  molrta किसे कहते है ,
मोलरता क्या है , molarta की परिभाषा लिखिए , molrta का सूत्र बताइये , molarity के उदाहरण दीजिये हल सहित प्रश्न उत्तर 12th class नोट्स on मोलरता Definition Formula Question Answer Example in hindi मोलरता क्या है Molarity की परिभाषा सूत्र प्रश्न उत्तर उदाहरण
मोललता की परिभाषा – एक किलोग्राम विलायक में किसी विलेय की मोलो की संख्या को मोललता कहते है।  इसे m से व्यक्त करते है।
मोललता (molality ) (m) =  विलेय  के  मोलों  की  संख्या / विलायक  का  भार  ( ग्राम में )
 चूँकि विलेय के मोल = विलेय का भार (ग्राम में ) / अणुभार
अतः  मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
 
नोट : मोललता की इकाई मोल/kg  है।
नोट : मोललता ताप से प्रभावित नहीं होती है क्यूंकि यह आयतन से सम्बंधित नहीं है।
प्रश्न 1 – 6 ग्राम यूरिया (NH2-CO-NH2) 500 ग्राम जल में घुला हुआ है तो मोललता ज्ञात कीजिये।
उत्तर –  मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
m = 6/60 x 500/1000
m = 0. 2 m  या 0. 2 मोल/kg
प्रश्न 2 – 11.1 ग्राम कैल्शियम क्लोराइड ( cacl2 ) 2 किलोग्राम जल में घुला हुआ है तो मोललता ज्ञात करो।
उत्तर –  मोललता (m ) = 11.1 / 111 x 2
m   = 1/20
m = 0.5 m
प्रश्न 3 – 4.9 ग्राम सल्फ्यूरिक अम्ल ( H2SO4 ) 250 ग्राम जल में घुला हुआ है तो मोललता ज्ञात करो।
उत्तर – मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
m   = 4.9 / 98 x 250/1000
m   =  2/10 = 0.2 m
प्रश्न 4 –   4.9 ग्राम (H2SO4) , 100 ml जलीय विलयन में उपस्थित है , यदि विलयन का घनत्व 1.02 ग्राम प्रति ml है तो मोलरता और मोललता ज्ञात करो
उत्तर –    1. मोलरता (M)  =   विलेय  पदार्थ  की  मोलों  में  संख्या  /  विलयन  का  आयतन  ( लीटर  में )
मोलरता (M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलयन का आयतन (लीटर में )
M = 4.9 / 98 x 100/1000
M = 1/2
M = 0.5 M
मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
विलयन का द्रव्यमान निम्न प्रकार से ज्ञात करते है
द्रव्यमान = घनत्व x आयतन
= 1.02 x 100
विलयन का द्रव्यमान = 102 ग्राम
अतः      विलायक का भार = विलयन का भार – विलेय का भार
= 102 – 4.9 = 97.1
मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
m     =  4.9 / 98 x 97.1 /1000
m  = 4900 / 98 x  97.1
m  = 4900 / 9515.8 m
 
#मोललता किसे कहते है समझाइये , मोललता को परिभाषित कीजिये , molality क्या है , मोललता तथा मोलरता में अंतर बताइएं , molalta किसे कहते है , मोलरता
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(weight/weight percent) द्रव्यमान प्रतिशत ( W /W % ) – 100 ग्राम विलयन में किसी विलेय की घुली हुई ग्राम (gm ) में मात्रा को द्रव्यमान प्रतिशत कहते है।
द्रव्यमान प्रतिशत = (विलेय का द्रव्यमान / विलयन का द्रव्यमान ) x 100
प्रश्न 1 : 25% w / w यूरिया विलयन का अर्थ बताइये।
उत्तर : 25 ग्राम यूरिया तथा 75 ग्राम जल मिलकर 25% w / w यूरिया विलयन का निर्माण करते है।
अथवा
25 ग्राम यूरिया 100 ग्राम जलीय विलयन में उपस्थित है।
प्रश्न 2 : 25% w / w यूरिया विलयन की मोललता ज्ञात कीजिये।
उत्तर : मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
m  = 25/60 x 75/1000
m = 100 / 18
m  = 5.5 m
(volume/volume percent) आयतन प्रतिशत (v/v %) : 
100 ml (मिलीलीटर )  विलयन में किसी विलेय की घुली हुई ml (मिलीलीटर )  में मात्रा को आयतन प्रतिशत कहते है।
आयतन प्रतिशत (v/v %) = [विलेय की मात्रा ml (मिलीलीटर ) में / विलयन की मात्रा ml(मिलीलीटर ) में ] x 100
प्रश्न 1  : 5 ml C2H5OH तथा 20 ml जल मिलकर एक विलयन बनाते है तो एथिल अल्कोहल की आयतन प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।
उत्तर : विलेय का आयतन = 5 ml
विलयन का आयतन = 5+20 = 25 ml
आयतन प्रतिशत = (5/25 ) x 100 = 20 ml
प्रश्न 2 : 20 ml CCl4  कार्बन टेट्रा क्लोराइड 40 ml बेंजीन में विलेय है तो आयतन प्रतिशत ज्ञात करो।
उत्तर :  आयतन प्रतिशत (v/v %) = [विलेय की मात्रा ml (मिलीलीटर ) में / विलयन की मात्रा ml(मिलीलीटर ) में ] x 100
आयतन प्रतिशत = (20 /60 ) x 100 = 33.3 ml
(weight/volume percent) द्रव्यमान आयतन प्रतिशत (w/v %) : 
100 ml विलयन में किसी विलेय की खुली हुई ग्राम में मात्रा को द्रव्यमान आयतन प्रतिशत कहते है।
द्रव्यमान आयतन प्रतिशत = (विलेय का ग्राम में भार / विलयन का आयतन ml  में ) x 100
प्रश्न 1 : 50 ml जलीय विलयन में 5 ग्राम नमक घुला हुआ है तो नमक का द्रव्यमान -आयतन प्रतिशत ज्ञात करो।
उत्तर :        द्रव्यमान आयतन प्रतिशत = (विलेय का ग्राम में भार / विलयन का आयतन ml  में ) x 100
द्रव्यमान-आयतन प्रतिशत = (5/50 ) x 100 = 10 W/V %
#द्रव्यमान प्रतिशत किसे कहते है समझाइये , आयतन प्रतिशत को परिभाषित कीजिये , द्रव्यमान प्रतिशत W /W % आयतन प्रतिशत v/v % द्रव्यमान आयतन प्रतिशत w/v % में अंतर बताइएं , द्रव्यमान आयतन प्रतिशत किसे कहते है , Mass percentage w/w% volume percent v/v% mass volume percent w/v% द्रव्यमान प्रतिशत W/W % आयतन प्रतिशत v/v % द्रव्यमान आयतन प्रतिशत w/v % की परिभाषा क्या है in hindi
प्रश्न 1 : 5.85 % W /V NaCl विलयन की मोलरता ज्ञात कीजिये। 
उत्तर : 5.85 % W /V NaCl विलयन का अर्थ है 
          100 ml विलयन में 5.85 ग्राम नमक (NaCl ) घुला हुआ है। 
मोलरता (M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलयन का आयतन (लीटर में )
     मोलरता (M) = 5.85 / 58.5 x 100/1000 
                 M = 58.5 /58.5 = 1 M 
प्रश्न 2 : 10% W/W H2SO4 विलयन का घनत्व 1.02 ग्राम प्रति ml है तो ज्ञात कीजिये 
        1. मोललता 
         2. मोलरता 
         3. H2SO4 के मोल 
         4. H2O के मोल 
         5. H2SO4 के अंश 
          6. H2O के अंश 
उत्तर : (1) 10% w/w H2SO4 विलयन का अर्थ है 
          100 ग्राम जलीय विलयन में 10 ग्राम H2SO4 घुला हुआ है। 
अतः विलेय का भार 10 ग्राम 
      विलायक का भार 100-10 = 90 ग्राम 
     मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
                  m  = 10 /98 x 90/1000 
                  m = 1000 / 882 = 1.1337 m 
            (2) मोलरता (M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलयन का आयतन (लीटर में ) 
                 विलयन का आयतन निम्न प्रकार से ज्ञात करते है 
                       d = M/V 
                      v = M/d 
                     v = 100 / 1.02 ग्राम 
                      v = 98.0392 
             अतः मोलरता = 10 / 98 x 100 /98.0392
                         M = 102 /98 = 1.04 m 
 
           (3) nH2SO4   = 10/98 = 0.1 मोल
             (4) nH2O = 90/18 = 5 mol
              (5) XH2SO4   = nH2SO4/ nH2SO4+ nH2O
                                             = 0.1 /0.1 + 5 
                                            = 0. 19 
                  (6) XH2O = nH2O / nH2O + nH2SO4
                                  = 5 / 5 +0.1 
                                  = 5/5.1 
                                  = 0.98 
प्रश्न 3 : यदि 10% w/w 100 ग्राम जलीय H2SO4 का घनत्व 1.84 ग्राम प्रति ml है तो H2SO4  की मोललता  ज्ञात करो , H2SO4 का मोलर द्रव्यमान 98 है। 
उत्तर : 10% w/w 100 ग्राम जलीय विलयन में उपस्थित है। 
            10 ग्राम H2SO4  और 90 ग्राम जल मिलकर 100 ग्राम विलयन का निर्माण करते है। 
                    मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
                                m = 10 / 98 x 90 / 1000 
                                m = 1.133786 m 
प्रश्न 4 : 10% w/v जलीय विलयन H2SO4  का घनत्व 1.89 ग्राम प्रति ml है तो H2SO4  की मोलरता ज्ञात कीजिये। 
उत्तर :              मोलरता (M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलयन का आयतन (लीटर में )
                                 M = 10 / 98 x 100/1000 
                                 M = 1.02040816 
प्रश्न 5 : 18 ग्राम ग्लूकोस C6H12O6  200 ml  जलीय विलयन में उपस्थित है तो मोलरता ज्ञात करो। 
उत्तर : मोलरता (M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलयन का आयतन (लीटर में )
                        M = 18 / 180 x 200 /1000 
                         M = 0.5 M 
पश्न 6 : 4 ग्राम NaOH 500 ग्राम जल में घुला है , तो मोललता ज्ञात कीजिये। 
उत्तर : मोललता (m)  = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (kg में)
                       m = 4 / 40 x 500/1000 
                        m = 1/5 = 0.2 m 
#मोलरता तथा मोललता किसे कहते है समझाइये , उदाहरण एवं प्रश्न उत्तर को परिभाषित कीजिये , Examples of Molarity and Molality में अंतर बताइएं , मोलरता तथा मोललता किसे कहते है , some Examples of Molarity and Molality मोलरता तथा मोललता पर उदाहरण एवं प्रश्न उत्तर questions answers in hindi
पीपीएम परिभाषा सूत्र क्या है ? उदाहरण किसे कहते है रसायन विज्ञान PPM (parts per million ) 
PPM (parts per million ) : पार्ट्स पर मिलियन (पीपीएम) की परिभाषा : 106 ग्राम विलयन में किसी विलेय की घुली हुई gm में मात्रा को PPM (पीपीएम) कहते है
PPM (पीपीएम ) = (विलेय का ग्राम में भार / विलयन का ग्राम में भार ) x 106


प्रश्न 1 : 1 Kg जल में 5 x 10-3gm  O2 घुली है तो O2 की मात्रा PPM में ज्ञात करो।
उत्तर : PPM (पीपीएम ) = (विलेय का ग्राम में भार / विलयन का ग्राम में भार ) x 106
                      PPM =  ( 5 x 10-3/ 103) x 106
                           PPM  = 5 PPM
प्रश्न 2 : 500 ग्राम टूथपेस्ट में 0.02 ग्राम फ्लोराइड है तो फ्लोराइड की मात्रा PPM में ज्ञात करो।
उत्तर : PPM (पीपीएम ) = (विलेय का ग्राम में भार / विलयन का ग्राम में भार ) x 106
                      PPM  = (0.02 / 500 ) x 106
                    PPM  = 200 /5 = 40 PPM
पीपीएम परिभाषा सूत्र उदाहरण PPM (parts per million ) in hindi question answer with solution
पार्ट प्रति मिलियन (parts per million ppm) : किसी विलेय पदार्थ के भार भागों की वह संख्या जो किसी विलयन के 106 [एक मिलियन अर्थात 10,00,000 (दस लाख)] भार , भागों में उपस्थित हो , पार्ट पर मिलियन (पीपीएम) कहते है। 
पार्ट पर मिलियन (पीपीएम) = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान x 106 /विलयन का द्रव्यमान
PPM = WA x 106/(WA + WB)
इसमें विलेय पदार्थ की अत्यधिक कम मात्रा विलेय होती है।
इस विधि द्वारा अत्यंत तनु विलयनों की सांद्रता जैसे – जल की कठोरता , जल में Cl2 , वायु प्रदूषण आदि को व्यक्त करते है।
उदाहरण : जल की कठोरता Ca(HCO3)2 के कारण 16.7 ppm है तो इसका अभिप्राय यह है कि 16.7 gm Ca(HCO3)2 ,  106 ग्राम कठोर जल में उपस्थित है।
इस प्रकार वायु में विषैली गैसों की मात्रा पीपीएम में प्रदर्शित करते है। 10 पीपीएम NO गैस का अभिप्राय है कि 10 ग्राम NO गैस  106 ग्राम वायु में उपस्थित है।
नोट : सांद्रता को PPB (पीपीबी) parts per billion ,इ ब्यक्त करने के लिए सूत्र में 106 के स्थान पर 109 लिखते है।
प्रश्न 1 : समुद्री जल के प्रति किलोग्राम में 5.8 x 10-3 gm ऑक्सीजन घुली है। ऑक्सीजन की सान्द्रता पीपीएम (PPM) में ज्ञात कीजिये।
उत्तर : PPM = WA x 106/(WA + WB)
 PPM = 5.8 x 10-3 x 106/1000
PPM = 5.8 ppm
प्रश्न 2 : 500 ग्राम टूथपेस्ट में फ्लोराइड की मात्रा 0.2 gm है। पीपीएम में फ्लोराइड आयनों का सांद्रता कितना होगा।
उत्तर : PPM = WA x 106/(WA + WB)
PPM = 0.2 x 106/500
PPM = 400
फ्लोराइड का सांद्रण 400 पीपीएम है।
मोल अंश अथवा मोल भिन्न अथवा मोल प्रभाज (mole fraction)
एक मिश्रण में किसी अवयव का मोल अंश उस अवयव के मोल तथा मिश्रण में उपस्थित कुल मोलों की संख्या के अनुपात को कहते है।
इसे सामान्यतया X से प्रदर्शित करते है।
अर्थात अवयव का मोल अंश = अवयव के मोलों की संख्या / मिश्रण में कुल मोलों की संख्या
यदि एक द्विअंगी मिश्रण में दो अवयव A तथा B है जिनके मोलों की संख्या क्रमशः nA  तथा nB है। यदि इनके मोल अंश क्रमशः XA  तथा XB हो तो –
XA = nA/nA + nB
XB = nB/nA+nB
अवयव A  के मोलों की संख्या = WA/MA = nA
अवयव B के मोलों की संख्या = WB/MB = nB
यदि किसी विलयन में i अवयव हो तो Xi = ni/(n1 + n2 + n3 . . . .. ni)
एक मिश्रण में उपस्थित सभी अवयवों के मोल अंश का योग एक होता है।
अत: XA + XB = 1
अथवा X1 + X2 + X3 . . .. . . + Xi = 1
मोल प्रतिशत (mole percent)
यदि मोल अंश को 100 से गुणा कर दिया जाए तो मोल प्रतिशत ज्ञात हो जाता है।
अत: मोल प्रतिशत = मोल अंश x 100
= अवयव के मोल x 100 / मिश्रण में कुल मोल
A का मोल प्रतिशत = XA.100
B का मोल प्रतिशत =   XB.100
प्रश्न : अभिक्रिया की N2 + 3H2 ⇆ 2NH3 साम्यावस्था पर N2 और NH3 के मोल अंश क्रमशः 0.2 तथा 0.5 है। साम्यावस्था पर H2 का मोल अंश क्या होगा ?
हल : हमें ज्ञात है कि मिश्रण में उपस्थित सभी अवयवों के मोल अंश का योग एक होता है।
अत: XN2 + XH2 + XNH4 = 1
अथवा 0.2 + XH2 + 0.5 = 1
अथवा XH2 = 1 – 0.7 = 0.3
अत: H2 का मोल अंश = 0.3
प्रश्न : एक मिश्रण में A के 0.5 मोल , B के 0.2 मोल में उपस्थित है , A और B के मोल भिन्न ज्ञात कीजिये।
उत्तर : कुल मोल = 0.5 + 0.2 = 0.7
XA = A का मोल अंश = 0.5/0.7 = 5/7
XB = B का मोल अंश = 0.2/0.7 = 2/7
XA + XB = 1
प्रश्न : 36 ग्राम जल , 46 gm एथिल एल्कोहल और 32 ग्राम मैथिल एल्कोहल मिला कर एक मिश्रण बनाया गया है। विलयन में प्रत्येक का मोल अंश कितना है –
हल : जल या H2O के मोल = 36/18 = 2
एथिल एल्कोहल या C2H5OH के मोल = 46/46 = 1
CH3OH के अथवा मेथिल एल्कोहल के मोल = 32/32 = 1
मिश्रण में कुल मोल = 4
XH2O = 2/4 = ½
XC2H5OH = ¼
XCH3OH  = 1/4
प्रश्न : एक विलयन में 16 ग्राम CH3OH और 90 ग्राम H2O उपस्थित है। H2O और CH3OH की  मोल प्रभाज या मोल भिन्न क्या होगी ?
हल : विलयन में –
CH3OH के मोल = 16/32 = 0.5
H2O के मोल = 90/18 = 5.0
विलयन में कुल मोल = 5.5
 XCH3OH  = 0.5/5.5 = 0.09
XH2O = 5.0/5.5 = 0.91
ठोस की द्रव में विलेयता : निश्चित ताप पर 100 ग्राम विलायक में किसी ठोस की खुली हुई वह अधिकतम मात्रा जिसे संतृप्त विलयन बनाया जा सके , वह ठोस की द्रव में विलेयता कहलाती है।
नोट : जब ठोस अधिकतम मात्रा से कम मात्रा में घुला हुआ हो तो इस प्रकार बने विलयन को असंतृप्त विलयन कहते है।
नोट : जब ठोस कुछ अधिकतम मात्रा में घुला हुआ हो तो इस प्रकार बने विलयन को अतिसंतृप्त विलयन कहते है।
ठोसों की द्रव में विलेयता को प्रभावित करने वाले कारक  : 
विलेय तथा विलायक की प्रकृति :
समान समान को खोलता है , अतः आयनिक ठोस जैसे NaCl , KCl , Na2CO3 , आदि जल जैसे ध्रुवीय विलायकों में खुल जाते है , जबकि सहसंयोजक ठोस जैसे नैफ्थेलिन , एन्थ्रासीन आदि अध्रुवीय विलायको जैसे बेंजीन , CCl4
आदि में खुल जाते है।
ताप : 
वे ठोस जिन्हे जल में खोलने पर ऊष्मा बाहर निकलती है , उनकी विलेयता ताप बढ़ाने से काम हो जाती है , जैसे  CaO , Na2CO3 आदि।
वे ठोस प्रदार्थ जिन्हे जल में खोलने पर ऊष्मा अवशोषित होती है उनकी विलेयता ताप बढ़ाने से अधिक हो जाती है जैसे NaCl , KCl  , NH4Cl आदि।
दाब 
ठोस तथा द्रव में सम्पीडियता का गुण बहुत कम होता है , अतः ठोस की द्रव में विलेयता पर दाब का कोई प्रभाव नहीं होता।
# Solubility and affecting factors of solid in liquid in hindi ठोस की द्रव में विलेयता तथा प्रभावित करने वाले कारक
गैस की द्रव में विलेयता : प्रत्येक गैस द्रव में कुछ मात्रा में अवश्य विलेय रहती है।
गैस की द्रव में विलेयता को प्रभावित करने वाले कारक 
गैस तथा द्रव की प्रकृति 
जो गैस द्रव से क्रिया कर लेती है या द्रव में आयनित हो जाती है , वे द्रव में आसानी से विलेय हो जाती है जैसे NH3  , CO2  आदि।
NH3 + H2O → NH4OH
CO2 + H2O → H2CO3
नोट : HCL गैस जल में आयनित हो जाती है अतः जल में विलेय है।
 
नोट : रक्त में O3 आसानी से घुल जाती है क्योंकि रक्त में उपस्थित Hb से क्रिया करके ऑक्सी हीमोग्लोबिन बनाती है।
ताप 
जब कोई गैस द्रव में घुलती है तो ऊष्मा बाहर निकलती है अर्थात गैस का द्रव में घुलना ऊष्मा क्षेपी अभिक्रिया है।
गैस  + द्रव  → गैस-द्रव + ऊष्मा
ला – शातैलिये के नियम से : 
ताप बढ़ाने पर अभिक्रिया उस दिशा में जाती है जिधर ताप में कमी हो जाए , अतः ताप बढ़ाने से अभिक्रिया पश्च दिशा में जाती है , अर्थात ताप बढ़ाने से गैसों की द्रव में विलेयता कम हो जाती है।
नोट : ताप बढ़ाने पर गैस के अणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है , गैस के अणु द्रव से बाहर निकलने के लिए प्रयाश करते है।
अतः ताप बढ़ाने पर गैस की द्रव में विलेयता कम हो जाती है।
द्रव विलयन में अन्य पदार्थो की उपस्थिति :
द्रव में अन्य पदार्थो की उपस्थिति से गैसों की विलेयता कम हो जाती है , जैसे शीतल पेय पदार्थो की बोतल में नमक डालने पर उसमे उपस्थित कार्बन डाई ऑक्साइड गैस बाहर निकल जाती है।
दाब 
दाब बढ़ाने से गैस के अणु पास पास में आते है , तथा द्रव की सतह पर अधिक प्रहार करते है जिससे गैस की द्रव में विलेयता अधिक हो जाती है , इसे हेनरी नियम द्वारा परिभाषित किया जाता है।
#Solubility of gas in liquid and affecting factors in hindi गैस की द्रव में विलेयता तथा प्रभावित करने वाले कारक
हेनरी नियम (Henry law) किसी गैस का वाष्प अवस्था में आंशिक दाब (P) , विलयन में उपस्थित उस गैस के मोल अंश (C ) के समानुपाती होता है।
हेनरी नियतांक का मान ताप तथा गैस की प्रकृति पर निर्भर करता है।
नोट : अक्रिय गैसों के लिए हेनरी नियतांक का मान अधिक होता है अतः अक्रिय गैस कम घुलती है।
नोट : ताप बढ़ाने से हेनरी नियतांक बढ़ता है , k का मान बढ़ने से गैसों की द्रव में विलेयता कम हो जाती है।  अतः जलीय जन्तु गर्म जल की तुलना में ठन्डे जल में अधिक सुविधा जनक स्थिति में रहते है , क्यूँकि ठन्डे जल में ऑक्सीजन अधिक घुलती है।
हेनरी नियम के अनुप्रयोग : Henry’s law’s applications
1. सोडा वाटर या शीतल पेय पदार्थो में कार्बन डाई ऑक्साइड की विलेयता को बढ़ाने के लिए उच्च ताप पर कार्बन डाई ऑक्साइड गैस प्रवाहित करते है।
2. जब समुद्री गोताखोर गहरे समुद्र में जाते है तो उन्हें उच्च दाब का सामना करना पड़ता है जिससे वायु में उपस्थित ऑक्सीजन और नाइट्रोजन की रक्त में विलेयता बढ़ जाती है जब गोताखोर समुद्र की सतह पर आते है तो दाब धीरे धीरे कम होने लगता है , दाब कम होने पर रक्त में घुली ऑक्सीजन और नाइट्रोजन गैस बुलबुलों के रूप में रुधिर कोशिकाओं में एकत्रित होने लगती है जिससे रक्त के प्रवाह में रुकावट आती है यह स्थिति घातक होती है इसे बेंटस कहते है , इससे बचने के लिए वायु में काम घुलनशील गैसे जैसे हीलियम और निऑन मिलायी जाती है।
3. उच्च पहाड़ी स्थानों पर वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है जिससे वायु दाब भी कम होता है जिससे  रक्त में ऑक्सीजन गैस कम मात्रा में विलेय होती है , शरीर कमज़ोर होने लगता है , स्पष्ट सोचने की क्षमता कम होने लगती है इस लक्षण को एनोक्सिया कहते है।
राउल्ट का नियम : raoult’s law in hindi 
द्रव द्रव विलयन के लिए वाष्पदाब या वाष्पशील या विलेय युक्त विलयन का वाष्पदाब
राउल्ट के अनुसार वाष्पशील द्रवों के विलयन में प्रत्येक घटक का आंशिक दाब विलयन में उसके मोल अंश के  समानुपाती होता है।
माना एक पात्र में दो वाष्पशील द्रव है।  विलयन के इनके मोल अंश क्रमशः X1 व  X2 है। तथा वाष्प अवस्था में इनके आंशिक दाब क्रमशः P1 व P2 है। तो
राउल्ट के नियम से
P1 = P10 X1 
यहाँ  P10 प्रथम  घटक का शुद्ध अवस्था में वाष्पदाब।
निश्चित ताप पर P10  का  मान नियत रहता है।
इसी प्रकार
P2 = P20 X2 
यहाँ  P20    दूसरे घटक का शुद्ध अवस्था में वाष्पदाब।
कुल दाब
P = P1  + P2
P1  और P2 का मान रखने पर
P = P10 X1  + P20 X2                  ( समीकरण 1 )
चूँकि X1+ X2 = 1
X1 = 1 – X2 
X1  का  मान समीकरण 1 में रखने पर।
P = P10 (1 – X2 )  + P20 X2 
P = P10– P10 X2 + P20 X2 
यह भी पढ़े : राउल्ट का नियम क्या है ?
#raoult’s law in hindi and Vapor pressure , rault ka niyam in hindi  राउल्ट का नियम क्या है समीकरण सूत्र तथा वाष्पदाब
 आदर्श विलयन (ideal solution) अनादर्श विलयन (non-ideal solution) 1. वे  विलयन जो ताप तथा दाब की समस्त स्थिति पर राउल्ट के नियम की पालन करते है  उन्हें आदर्श विलयन कहते है।
अर्थात
P1 = P10 X1 
P2 = P20 X2 
P = P10 X1  + P20 X2 
 वे विलयन जो ताप तथा दाब की समस्त परास पर राउल्ट के नियम की पालन नहीं करते है उन्हें अनादर्श विलयन कहते है।
P1 ≠ P10 X1 
P2 ≠ P20 X2 
P ≠ P10 X1  + P20 X2 
 2. विलयन का कुल आयतन दोनों घटको के कुल आयतन के योग के बराबर होता है
अर्थात
ΔVमिश्रण = 0
 विलयन का कुल आयतन दोनों घटको के कुल आयतन के बराबर नहीं होता है।
अर्थात
ΔVमिश्रण ≠ 0
 3. विलेय तथा विलायक को मिलाने पर कोई उष्मीय परिवर्तन नहीं होते है।
अर्थात
ΔHमिश्रण = 0
 विलेय तथा विलायक को मिलाने पर कोई उष्मीय परिवर्तन होता है।
अर्थात
ΔHमिश्रण ≠ 0
 4. शुद्ध घटको के अणुओं के मध्य उतना ही आकर्षण होता है , जितना की विलयन के घटको के मध्य। शुद्ध घटको के अणुओं के मध्य आकर्षण बल विलयन के अणुओं के मध्य लगने वाले आकर्षण बल से भिन्न होता है। 5. उदाहरण :(1) हेक्सेन व हैप्टैन
(2) मैथिल अल्कोहल व एथिल अल्कोहल
(3) क्लोरो बैंजीन व ब्रोमो बैंजीन
 
 उदाहरण : (1) एथिल अल्कोहल व बेंजीन
(2) HNO3 + H2O
(3) HCL + H2O
(4) CO +  क्लोरोफॉर्म
आदर्श विलयन के लिए वाष्पदाब तथा मोल अंश के मध्य ग्राफ 
 अनादर्श विलयन दो प्रकार के होते है
धनात्मक विचलन (positive deviations )
ऋणात्मक विचलन (negative deviations )
प्रश्न 1  :  परासरण का जैविक महत्व बताइये। 
उत्तर : 1. रुधिर कोशिकाओं के अन्दर स्थिति द्रव की सान्द्रता 9% w/v NaCl विलयन के समान होती है अर्थात दोनों विलयनों की सांद्रता समान होने के कारण ये सम परासरी विलयन कहलाते है।
यदि रुधिर कोशिकाओं को 9% w/v NaCl से अधिक सान्द्रता वाले विलयन में रख दिया जाए तो परासरण की क्रिया के द्वारा रुधिर कोशिकाओं में जल की कमी हो जाती है।  अतः वे व्यक्ति जो अधिक नमक का सेवन करते है उनमे जल हानि के कारण सूजन आ जाती है।
यदि रुधिर कोशिकाओं को 0.9% w/v NaCl के विलयन से कम सांद्रता वाले विलयन में रखा जाए तो परासरण की क्रिया के द्वारा जल के अणु रुधिर रुधिर कोशिकाओं में प्रवेश कर जाते है जिससे रुधिर कोशिकाएं फूल जाती है।
2. सूखे मटर , चने , गाजर आदि को जल में रखने पर वे ताजा ताजा दिखाई देते है क्यूँकि परासरण की क्रिया द्वारा इनमे जल प्रवेश कर जाता है।
प्रश्न 2 : परासरण दाब ज्ञात करने की विधि सह चित्र वर्णन कीजिये। 
उत्तर : एक थिसेल कप में शर्करा का जलीय विलयन भरकर उसके मुँह पर अर्द्ध पारगम्य झिल्ली बाँध देते है तथा चित्रानुसार जल से भरे बीकर में व्यस्थित कर देते है।
परासरण की क्रिया द्वारा जल के अणु बीकर में से शर्करा विलयन में प्रवेश करते है जिससे शर्करा विलयन ऊपर की ओर चढ़ने लगता है।
कुछ उचाई पर जाकर यह स्थिर हो जाता है क्योंकि शर्करा विलयन का द्रव स्थितिक दाब परासरण दाब के बराबर हो जाता है अतः वह स्थितिक दाब जो परासरण द्वारा उत्पन्न होता है उसे परावरण दाब कहते है इसका मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात करते है।
π = Hdg 
यहाँ d = शर्करा विलयन का घनत्व।
g = गुरुत्वीय त्वरण है।
डायग्राम ?? 
प्रश्न 1 : व्युत्क्रम परासरण या प्रतीप परासरण(Inverse osmosis or reverse osmosis) किसे कहते है ? इसका एक उपयोग लिखिए। 
उत्तर : जब विलयन की सतह पर परासरण दाब से अधिक दाब प्रयुक्त किया जाता है तो जल के अणु अधिक सांद्रता वाले विलयन से कम सान्द्रता वाले विलयन की ओर जाते है इसे व्युत्क्रम परासरण कहते है।
उपयोग : इस विधि द्वारा समुद्री जल से आसुत जल (अशुद्ध जल ) बनाया जाता है।
जिन संयंत्रों में यह क्रिया होती है उन्हें विलवणी करण संयंत्र (उपकरण ) कहते है।
डायग्राम ??
प्रश्न 2 : बहुलक , जैव अणुभार जैसे प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट आदि का अणुभार ज्ञात करने के लिए परासरण दाब विधि अधिक उपयुक्त है क्यों ?
उत्तर : 1. इन बहुलको का परासरण दाब आसानी से कमरे के ताप पर ज्ञात किया जा सकता है।
परासरण दाब विधि में विलयन की मोलरता काम में ही जाती है न की मोललता।
प्रश्न 3 : 4% w/v यूरिया विलयन एक अन्य कार्बनिक यौगिक A के 12% विलयन के समपरासरी है , यौगिक का अणुभार ज्ञात करो। 
उत्तर : 4% यूरिया विलयन – 4gm यूरिया 100ml जल में
Π1 = nRT/V
Π1 = RTW2/V M2
= 4 x  RT / 60 x 0.1
12% कार्बनिक यौगिक A के विलयन के लिए -12 gm पदार्थ 100 gm विलयन में है।
Π2  = RTW2/V M2
       = 12 x RT / M2 0.1 
सम परासरी विलयन के लिए 
Π1 =  Π2 
4 x  RT / 60 x 0.1 = 12 x RT / M2 0.1 
4/60 = 12 /M 
M2  = 12 x 60 /4
M2  = 180
प्रश्न 4 : सुक्रोज C12H22O11का 5% विलयन एक अन्य यौगिक के 1% विलयन का सम परासरी है तो यौगिक का अणुभार ज्ञात कीजिये। 
उत्तर : W1/M1 = W2/M2
5/342 = 1/M2
M2 = 342/5
असामान्य मोलर द्रव्यमान : अणु संख्य गुणों की सहायता से विलेय का सही अणुभार तभी ज्ञात कर सकते है जब निम्न परिस्थिति हो
विलयन तनु होना चाहिए तथा राउल्ट नियम का पालन करना चाहिए।
विलयन में विलेय पदार्थ का न तो वियोजन होना चाहिए न संगुणन होना चाहिए।
नोट : ग्लूकोज़ , सूक्रोज , यूरिया आदि का जल में न तो संगुणन होता है न ही वियोजन होता है।
नोट : जब किसी विलेय पदार्थ का विलायक में वियोजन या संगुणन हो जाता है तो विलयन में विलेय के कणों की संख्या परिवर्तन हो जाती है जिससे विलेय का प्रेक्षित अणुभार सैद्धांतिक अणुभार से कम आता है , इसे असामान्य अणुभार या असामान्य मोलर द्रव्यमान कहते है।
निम्न विधुत अपघट्यो का वियोजन निचे दर्शाया गया है।
NaCl(s) = Na+(aq) + Cl–(aq)
CaCl2   = Ca2+ + 2Cl–
AlCl3  = Al3+   + 3Cl–
Al2(SO4)3 = 2Al3+  + 3SO42-
K4[Fe(CN)6]   = 4K+      + [Fe(CN)6]4-
नोट : जब किसी विलेय पदार्थ का वियोजन होता है तो उसका अणुभार सैद्धांतिक अणुभार से कम आता है।
जैसे NaCl तथा CaCl2  अदि के लिए इनका अणुभार सैद्धांतिक अणुभार का आधा या एक तिहाई होगा।
एसिटिक अम्ल , बेन्जोइक अम्ल , बेंजीन विलायक में द्विलक के रूप में होते है।
2CH3 COOH = (CH3COO)2
2C6H5COOH   = (C6H5COOH)2
जब  विलयन में विलेय पदार्थ का संगुणन होता है तो उसका प्रेक्षित अणुभार सैद्धान्तिक अणुभार से अधिक आता है।
जैसे : बेंजीन विलायक में ऐसिटिक अम्ल का प्रेक्षित अणुभार 120 तथा सैद्धांतिक अणुभार 60 होता है।
वान्ट हाफ गुणांक : (van ‘t Hoff factor in hindi)
असामान्य मानो की व्याख्या करने के लिए वान्टहॉफ ने एक नए गुणांक का समावेश किया जिसे वान्टहॉफ गुणांक कहते है इसे i से व्यक्त करते है
विलेय के प्रेक्षित मोल तथा सैद्धांतिक मोल के अनुपात को वान्टहॉफ गुणांक कहते है।
वान्टहॉफ गुणांक (i ) = विलेय के प्रेक्षित मोल / विलेय के सैद्धांतिक मोल
i  = विलेय के प्रेक्षित अणु संख्यक गुण / विलेय के सैद्धांतिक अणु संख्य गुण
i   =  (ΔP/P10)0 /( ΔP/P10)t
i   = (ΔTb)प्रेक्षित  /( ΔTb)सैधांतिक 
i   =  (ΔTf )0  /( ΔTf)t
i   = Π0/ Πt
अणु संख्य गुणों के सभी मान विलेय के अणुभार के व्युत्क्रमानुपाती होते है।
अतः
i = विलेय के सैद्धांतिक अणुभार / विलेय का प्रेक्षित अणुभार
प्रश्नो के लिए आधार   : अ) 1 m ग्लुकोज़ 
            ब ) 1m CaCl2
              स ) 1m NaCl
d ) 1m  Al2(SO4)3
प्रश्न 1 : i का मान कौनसे विलयन का मान वान्ट हॉफ गुणांक है। 
उत्तर : द
जैसे Al2(SO4)3 = 2Al3+  + 3SO42-
प्रश्न 2  : उपरोक्त विलयनों को  वान्ट हाफ गुणांक के बढ़ते क्रम में लिखो। 
उत्तर :  अ < ब < स < द
प्रश्न 3  : सबसे अधिक क्वथनांक वाला विलयन है ?
उत्तर : द
कणो की संख्या अधिक होने पर क्वथनांक अधिक होता है।
प्रश्न 4   : सबसे अधिक परासरण दाब वाला विलयन है। 
उत्तर :  द
कणो की संख्या अधिक होने पर परासरण दाब अधिक होता है।
प्रश्न 5    : सबसे कम हिमांक वाला विलयन है। 
 उत्तर : द
कणों की संख्या बढ़ने पर हिमांक में अवनमन अधिक होता है।
प्रश्न 6  : उपरोक्त विलयनों को हिमांक के बढ़ते क्रम में लिखो। 
उत्तर : द > ब > स >  अ
कणों की संख्या बढ़ने पर हिमांक में अवनमन होता है।
प्रश्न 7  : उपरोक्त विलयनों को वाष्पदाब के बढ़ते क्रम में लिखो। 
 उत्तर :  द>ब>स>अ
नोट : i =1 हो तो न वियोजन होगा न संगुणन
i>1 हो तो वियोजन होगा।
i<1 हो तो संगुणन होगा।
प्रश्न 7 : निम्न में से किस विलयन के लिए i का मान 1 है। 
            अ) 1 m सुक्रोज
ब ) 1m CaCl2
              स ) 1m NaCl
d ) 1m  NH2CO-NH2
उत्तर : सुक्रोज
प्रश्न 8 : ऐसिटिक अम्ल बेंजीन विलायक में द्विलक के रूप में होता है अतः 
      अ ) i>1
ब )  i <1
स ) i =1
द )  i = 2
उत्तर :  ब )  i <1 
नोट : जब किसी विलयन में विलेय पदार्थ का संगुणन या वियोजन होता है तो उन विलयनों के लिए अणु संख्य गुणों के समीकरण में वान्टहॉफ गुणांक का समावेश किया गया ।
(P10 – P1  ) / P10  = i X2
ΔTb = i m Kb 
ΔTf =  i m Kf
π = i cRT
यदि विलेय पदार्थ का वियोजन होता है तो वियोजन की मात्रा α निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जाती है। 
α = ( i  – 1 ) / (n – 1 )
यहाँ n = वियोजित हुए मोल।
नोट : विलेय पदार्थ का  संगुणन  होता है तो संगुणन की मात्रा α निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जाती है।
α = n( i  – 1 ) / (1 – n  )
यहाँ n = संगुणित  हुए मोल की संख्या।





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